ETV Bharat / state

हजारीबाग में पानी के लिए मच सकता है हाहाकार,  छलावा डैम में बचा सिर्फ 15 दिनों का पानी

हजारीबाग में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यहां का एकमात्र पेयजल आपूर्ति करने वाला छलावा डैम अब सूखता जा रहा है. इस वजह से हजारीबाग के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है

हजारीबाग में जल संकट
author img

By

Published : Jun 2, 2019, 7:37 PM IST

हजारीबाग: जिले में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसे में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है. एक समय हजारीबाग झारखंड का मसूरी कहा जाता था. दिन भर गर्मी के बाबजूद शाम को हल्की बारिश हुआ करती थी. लेकिन यह पहली बार है कि इस मौसम में एक दिन भी बरसात नहीं हुई. यही वजह है कि हजारीबाग के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है.

देखें पूरा वीडियो

हजारीबाग का एकमात्र पेयजल आपूर्ति करने वाला छलावा डैम अब सूखता जा रहा है. यहां भीषण गर्मी के कारण महज 10 से 12 फीट पानी ही डैम में बचा है. ऐसे में पेयजल के विभाग की ओर से पानी तो मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन समय अवधि घटा दी गई है. विभाग का कहना है कि अभी 15 दिनों तक का पानी डैम में बचा है. ऐसे में 15 जून तक अगर मॉनसून आ जाता है तो वो अच्छा होगा लेकिन अगर मासून पहुंचने में एक हफ्ते देर हुई तो जल संकट गहरा सकता है.

वहीं, पेयजल को लेकर लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. शहरी क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार कि ओर से 60 साल पहले, छठवां डैम में पंप हाउस लगाकर जलापूर्ति प्रारंभ किया गया था. लेकिन समय के साथ बढ़ती आबादी के दबाव को लेकर पानी की खपत बढ़ती गई, जिससे लोगों के लिए पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है.

हालांकि 2004 में छठवां डैम में ही दूसरा पंप हाउस बनाया गया. इन दोनों पंपों के जरिए शहर की 6 जल मीनार से प्रतिदिन 6 लाख गैलन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है. लेकिन इतने जल से भी हजारीबाग के लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है. आने वाले दिनों में कोनार जलापूर्ति योजना के जरिए हजारीबाग और ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी. इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. लेकिन इस परियोजना को धरातल पर उतरने में लगभग 4 से 5 साल लग जाएंगे.
.

हजारीबाग: जिले में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसे में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है. एक समय हजारीबाग झारखंड का मसूरी कहा जाता था. दिन भर गर्मी के बाबजूद शाम को हल्की बारिश हुआ करती थी. लेकिन यह पहली बार है कि इस मौसम में एक दिन भी बरसात नहीं हुई. यही वजह है कि हजारीबाग के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है.

देखें पूरा वीडियो

हजारीबाग का एकमात्र पेयजल आपूर्ति करने वाला छलावा डैम अब सूखता जा रहा है. यहां भीषण गर्मी के कारण महज 10 से 12 फीट पानी ही डैम में बचा है. ऐसे में पेयजल के विभाग की ओर से पानी तो मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन समय अवधि घटा दी गई है. विभाग का कहना है कि अभी 15 दिनों तक का पानी डैम में बचा है. ऐसे में 15 जून तक अगर मॉनसून आ जाता है तो वो अच्छा होगा लेकिन अगर मासून पहुंचने में एक हफ्ते देर हुई तो जल संकट गहरा सकता है.

वहीं, पेयजल को लेकर लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. शहरी क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार कि ओर से 60 साल पहले, छठवां डैम में पंप हाउस लगाकर जलापूर्ति प्रारंभ किया गया था. लेकिन समय के साथ बढ़ती आबादी के दबाव को लेकर पानी की खपत बढ़ती गई, जिससे लोगों के लिए पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है.

हालांकि 2004 में छठवां डैम में ही दूसरा पंप हाउस बनाया गया. इन दोनों पंपों के जरिए शहर की 6 जल मीनार से प्रतिदिन 6 लाख गैलन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है. लेकिन इतने जल से भी हजारीबाग के लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है. आने वाले दिनों में कोनार जलापूर्ति योजना के जरिए हजारीबाग और ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी. इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. लेकिन इस परियोजना को धरातल पर उतरने में लगभग 4 से 5 साल लग जाएंगे.
.

Intro:हजारीबाग में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं ।ऐसे में पेयजल संकट हजारीबाग में सारा रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। पहले हजारीबाग झारखंड की मसूरी कही जाती थी। दिन भर गर्मी होने के बाद शाम में हल्की पानी हुआ करती थी। लेकिन पहली बार इस मौसम में 1 दिन भी मौसम ने करवट नहीं लिया और ना ही पानी हुई। ऐसे में हजारीबाग के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है।


Body: हजारीबाग का एकमात्र शहरी पेयजल आपूर्ति करने वाला छलावा डैम सूखता जा रहा है। आलम यह है कि यहां कड़ाके की गर्मी में भी जलस्तर ऊपर हुआ करता था। लेकिन इस बार महज 10 से 12 फीट पानी ही डैम में बची हुई है। ऐसे में पेयजल के विभाग के द्वारा पानी मुहैया कराया जा रहा है ,लेकिन समय अवधि घटा दी गई है। पेयजल विभाग का कहना है कि अभी 15 दिनों तक का पानी डैम में बचा है। ऐसे में 15 जून तक मॉनसून ब्रेक कर जाती है। हमें मानसून आने का इंतजार है ताकि जलस्तर में बढ़ोतरी हो और हम हजारीबाग वासियों को पेयजल समुचित व्यवस्था कर सकें।

पेयजल की समस्या को लेकर एक चौराहे के नल के पास लोगों की भीड़ देखा जा रहा है। लोग पानी जमा करने की कोशिश कर रहे हैं ,ताकि दिन में किसी प्रकार का दिक्कत ना हो।

जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार के द्वारा 60 वर्ष पूर्व 60 के दशक में छठवां डैम में पंप हाउस बैठाकर पाइप लाइन सिस्टम तैयार कर इंद्रपुरी, बस स्टैंड व पीटीसी में बनाए गए टावर के माध्यम से जलापूर्ति प्रारंभ किया गया था। लेकिन समय के साथ बढ़ती आबादी दबाव को लेकर पानी की खपत बढ़ती गई । लोगों के लिए पेयजल एक बड़ी समस्या बनकर उभरी।

लगभग 42 वर्ष बाद 2004 में छठवां डैम में ही एक अलग से दूसरा पंप हाउस बनाया गया ।इन दोनों पंपों के माध्यम से शहर की 6 जल मीनार के माध्यम से प्रतिदिन 6 लाख गैलन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है।

लेकिन इतने जल से भी हजारीबाग वासियों की प्यास नहीं बुझ आएगी। इसलिए आने वाले दिनों में कोनार जलापूर्ति योजना के जरिए हजारीबाग और ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। लेकिन वह परियोजना को धरातल पर उतरने में लगभग 4 से 5 साल लग जाएंगे ।ऐसे में कहा जाए तो हजारीबाग वासियों के लिए गर्मी चुनौती से भरा कम नहीं रहेगा।

byte... युगल प्रसाद सिंह सब डिविजनल ऑफिसर पेयजल


Conclusion:ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि अगर आम जनता भी सचेत नहीं हुई तो आने वाला समय हजारीबाग वासियों के लिए एक सबसे बड़ी समस्या बन करेगी कर उभरे गी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.