हजारीबाग: नई शिक्षा नीति को लेकर उच्च शिक्षा में होने वाले बदलाव पर राज्यपाल सह कुलाधिपतियों का सम्मेलन सोमवार को आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए. कुलपति ने इस सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिक्षा मंत्री और शिक्षाविदों सहित अन्य के विचार सुने.
रोजगार मिलने में मिलेगी सहायता
कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने कहा कि इसमें प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने का प्रावधान किया गया है. यह बच्चों के मानसिक विकास और उसकी प्रतिभा को तराशने में बेहतर साबित होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति में छात्र अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षा कभी भी छोड़ सकते हैं और बाद में वह इस शिक्षा में फिर शामिल हो सकता हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के तहत 1 साल में सर्टिफिकेट, 2 साल में डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिए जाने का प्रावधान है और इससे उसे रोजगार मिलने में सहायता होगी.
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कुलपति ने यह भी कहा कि इसमें स्ट्रीम का कोई प्रावधान नहीं है. छात्रों को अपनी रूचि के अनुसार विषय चयन में सुविधा रहेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मेलनों के आयोजन का लाभ छात्रों को ही मिलने वाला है और उन्हें बेहतर विकल्प मिलेगा. नई शिक्षा नीति का लाभ छात्रों को मिलेगा. यह तो समय ही तय करेगा, लेकिन यह अवश्य है कि नई शिक्षा नीति से जुड़ी भ्रम को दूर करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.