हजारीबाग: इलाज के दौरान अनहोनी होने के बाद अगर परिजन हजारीबाग के नर्सिंग होम में तोड़फोड़ और हंगामा करते हैं तो अब उनकी खैर नहीं है. इस मामले में हजारीबाग पुलिस ने डॉक्टर और नर्सिंग होम को सुरक्षा देने के लिए फुलप्रूफ योजना बना ली है, साथ ही दो नोडल ऑफिसर भी नियुक्त किया है.
हजारीबाग के दो डीएसपी को अब डॉक्टर और नर्सिंग होम को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया है. इसकी जिम्मेदारी हजारीबाग हेडक्वार्टर डीएसपी विवेकानंद ठाकुर और अनीता लकड़ा को दी गई है. इसे लेकर हजारीबाग डीएसपी ने ऑफिस में आईएमएम के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
बैठक के बाद अधिकारियों ने अपना मोबाइल नंबर, कार्यालय का नंबर और हजारीबाग पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर आईएमए के अधिकारियों को दिया, ताकि हजारीबाग में चल रहे सारे नर्सिंग होम और अस्पताल को नंबर मुहैया कराया जा सके. अगर अनहोनी होने के बाद मरीज के परिजन हजारीबाग के नर्सिंग होम में हंगामा करते हैं तो डॉक्टर तत्काल अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.
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हजारीबाग हेड क्वार्टर के डीएसपी विवेकानंद ठाकुर ने कहा कि अगर मरीज विकट परिस्थिति में भी डॉक्टर या नर्सिंग होम में हंगामा करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, हजारीबाग आईएमए के अध्यक्ष डा. रजत चक्रवर्ती ने कहा कि अब शांति और भय के वातावरण से मुक्त होकर डॉक्टर सेवा दे सकेंगे. हाल के दिनों में जिस तरह से हजारीबाग के नर्सिंग होम में हंगामा और तोड़फोड़ किया गया है, निसंदेह पुलिस के इस कदम से डॉक्टर और नर्सिंग होम के संचालकों को राहत मिलेगी.