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International Women's Day: दुनिया जीतने को तैयार झारखंड की बेटियां, फुटबॉल में दिखा जलवा

हजारीबाग के गुरहेत पंचायत में इन दिनों 12 गांव की 120 बेटियों को फुटबॉल समेत कई खेलों के गुर सिखाए जा रहे हैं. इसी के साथ इन्हें कई और कलाओं की शिक्षा दी जा रही है. इस बीच इन 120 बच्चियों के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किया गया. पेश है रिपोर्ट

tournament on International Women's Day
दुनिया जीतने को तैयार झारखंड की बेटियां
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Published : Mar 8, 2022, 7:52 PM IST

हजारीबागः आठ मार्च मंगलवार को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है. इसे लेकर झारखंड में भी तमाम आयोजन किए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं और बच्चियों के चेहरे पर मुस्कान लाया जा सके. इस कड़ी में हजारीबाग के सुदूरवर्ती गुरहेत पंचायत में बच्चियों के लिए काम करने वाली तीन निजी संस्थाओं ने 12 गांवों में 120 छात्राओं की विभिन्न टीम बनाकर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन कराया. इसमें बच्चियों के प्रतिभाओं को देखकर आयोजक और खेल एक्सपर्ट भी हैरान रह गए. हर कोई यह कहता नजर आया कि इन बच्चियों को प्रोत्साहन मिले तो ये देश के लिए दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरेंगी. इधर टूर्नामेंट ने इन बच्चियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी. इन्हें किशोरी ग्रुप में जोड़कर फुटबॉल सिखाया जा रहा है.


ये भी पढ़ें-महिला दिवस विशेष : रोज 16 किमी पैदल चलकर आदिवासी बच्चों को पढ़ातीं हैं मिनी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर 7 मार्च से शुरू किए गए दो दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट की आयोजक आंगन फॉर ऑल, अनबॉउंड फ्यूचर फाउंडेशन, नया सवेरा विकास केंद्र के आयोजन को लेकर स्थानीय बच्चियों में खूब उत्साह दिखा. आंगन फॉर ऑल के लिए काम करने वाली दिव्या बताती हैं कि हम लोगों से हजारीबाग की एक संस्था ने संपर्क स्थापित किया था और लड़कियों के लिए कुछ मदद की बात की थी. इधर जब हम लोगों को इन लड़कियों के बारे में जानकारी मिली तो हम लोगों ने फैसला लिया कि हम लोग पूरा फुटबॉल टूर्नामेंट कराएंगे. इसी का प्रतिफल है कि हम लोगों ने यहां टूर्नामेंट का आयोजन कराया.

देखें पूरी खबर

दिव्या ने बताया कि आने वाले दिनों में उनकी संस्था आदिवासी बहुल क्षेत्र में एक स्कूल भी खोलने जा रही है. जहां छात्राओं और ऐसी बच्चियां, जो ड्रॉप आउट हैं और शादी के कारण पढ़ नहीं पा रही हैं. उनको इंग्लिश में बोलने, पढ़ने की शिक्षा दी जाएगी. फिलहाल इन्हें किशोरी ग्रुप में जोड़कर फुटबॉल सिखाया जा रहा है.

क्या बोलीं फुटबॉल खिलाड़ीः टूर्नामेंट खेलने वाली रितु ने बताया कि उन्हें संस्थाओं की ओर से जर्सी आदि मिली है. उन्हें फुटबॉल सिखाया जा रहा है. इससे उन्हें बहुत खुशी मिल रही है. उनको प्लेटफॉर्म मिलने से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. वहीं तमन्ना ने बताया कि हमें टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला तो खुशी हो रही है और हमें मौका मिले तो खेल में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

हजारीबागः आठ मार्च मंगलवार को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है. इसे लेकर झारखंड में भी तमाम आयोजन किए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं और बच्चियों के चेहरे पर मुस्कान लाया जा सके. इस कड़ी में हजारीबाग के सुदूरवर्ती गुरहेत पंचायत में बच्चियों के लिए काम करने वाली तीन निजी संस्थाओं ने 12 गांवों में 120 छात्राओं की विभिन्न टीम बनाकर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन कराया. इसमें बच्चियों के प्रतिभाओं को देखकर आयोजक और खेल एक्सपर्ट भी हैरान रह गए. हर कोई यह कहता नजर आया कि इन बच्चियों को प्रोत्साहन मिले तो ये देश के लिए दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरेंगी. इधर टूर्नामेंट ने इन बच्चियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी. इन्हें किशोरी ग्रुप में जोड़कर फुटबॉल सिखाया जा रहा है.


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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर 7 मार्च से शुरू किए गए दो दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट की आयोजक आंगन फॉर ऑल, अनबॉउंड फ्यूचर फाउंडेशन, नया सवेरा विकास केंद्र के आयोजन को लेकर स्थानीय बच्चियों में खूब उत्साह दिखा. आंगन फॉर ऑल के लिए काम करने वाली दिव्या बताती हैं कि हम लोगों से हजारीबाग की एक संस्था ने संपर्क स्थापित किया था और लड़कियों के लिए कुछ मदद की बात की थी. इधर जब हम लोगों को इन लड़कियों के बारे में जानकारी मिली तो हम लोगों ने फैसला लिया कि हम लोग पूरा फुटबॉल टूर्नामेंट कराएंगे. इसी का प्रतिफल है कि हम लोगों ने यहां टूर्नामेंट का आयोजन कराया.

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दिव्या ने बताया कि आने वाले दिनों में उनकी संस्था आदिवासी बहुल क्षेत्र में एक स्कूल भी खोलने जा रही है. जहां छात्राओं और ऐसी बच्चियां, जो ड्रॉप आउट हैं और शादी के कारण पढ़ नहीं पा रही हैं. उनको इंग्लिश में बोलने, पढ़ने की शिक्षा दी जाएगी. फिलहाल इन्हें किशोरी ग्रुप में जोड़कर फुटबॉल सिखाया जा रहा है.

क्या बोलीं फुटबॉल खिलाड़ीः टूर्नामेंट खेलने वाली रितु ने बताया कि उन्हें संस्थाओं की ओर से जर्सी आदि मिली है. उन्हें फुटबॉल सिखाया जा रहा है. इससे उन्हें बहुत खुशी मिल रही है. उनको प्लेटफॉर्म मिलने से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. वहीं तमन्ना ने बताया कि हमें टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला तो खुशी हो रही है और हमें मौका मिले तो खेल में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

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