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प्रदेश की जुबान पर होगा हजारीबाग के स्ट्रॉबेरी का स्वाद, मुनाफे की आस में खिले किसान के चेहरे

हजारीबाग के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है. खेतों में लहलहाते लाल रंग के स्ट्रॉबेरी ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दिया है. इन किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती से काफी उम्मीद है.

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Published : Jan 5, 2021, 7:25 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 12:08 PM IST

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स्ट्रॉबेरी की खेती

हजारीबाग: जिला में कटकमदाग प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों केजीवीके के सहयोग से स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है. खेतों में लाल लाल स्ट्रॉबेरी देखकर किसानों में काफी उत्साह है. किसान इन स्ट्रॉबेरी को बाजारों में भेज रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
हजारीबाग के किसान आने वाले समय में स्ट्रॉबेरी का स्वाद पूरे राज्य के लोगों को चखाने जा रहे हैं. इसकी तैयारी जोरों पर चल रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के सुदूरवर्ती अड्रा गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की गई है. गांव के विनय प्रजापति, संजीव प्रजापति और तेज नारायण प्रजापति को केजीवीके का सहयोग मिल रहा है. केजीवीके के सहयोग से 4 प्लॉट में इसकी खेती हो रही है. कुछ किसानों ने स्ट्रॉबेरी को हजारीबाग के स्थानीय बाजारों में बेचा भी है. स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि यह मुनाफा देने वाला फसल है, जितना खर्च होता है उसका 4 गुना कमाई होती है.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्ट्रॉबेरी की खेती
कृषि ग्राम विकास केंद्र के त्रिदेव मुखर्जी एवं धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि करीब 10 कट्ठा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत खेती करवाई जा रही है. किसानों को बेहतर मुनाफा हो रहा है. आगे ढाई महीने तक पौधे से स्ट्रॉबेरी का फल बाजार में बेचा जाएगा. यह एक मुनाफा देने वाला खेती है. परंपरागत खेती से हटकर इसमें किसानों को 4 गुना मुनाफा मिल सकता है. इस कारण अभी वर्तमान में इस परियोजना के तहत आसपास के 14 गांव में अगले वर्ष इसकी खेती करवाई जाएगी. अभी वर्तमान में लगभग 8 से 10 कट्ठा जमीन में खेती हो रही है.
टमाटर छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू
स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि हमलोग पहले टमाटर की खेती करते थे, लेकिन इस बार छोटे प्लाट मे स्ट्रॉबेरी की खेती की गई है, टमाटर की खेती में खर्च अधिक लगता है और मेहनत भी, जिसमें हमलोगों को बांस, दवा और मजदूरी में अधिक पैसा लगता है, लेकिन स्ट्रॉबेरी में मेहनत भी कम है और इसकी कीमत 600 से 1200 रुपए प्रति किलो से शुरू होती है, जिसके कारण हमलोगों ने बड़े प्लॉट पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बनाया है.

इसे भी पढे़ं: हजारीबाग के लुपूंग पंचायत का अनोखा नियम, यहां जानिए पूरी खबर

दूसरे किसानों भी हो रहे प्रेरित
गांव के किसान कहते हैं कि स्ट्रॉबेरी पहले हमने देखा भी नहीं था और ना खाया था, लेकिन अब हमारे गांव में ही इसकी खेती हो रही है. ऐसे में लगता है कि इसकी खेती की जाए तो अधिक से अधिक मुनाफा होगा और एक नया स्थानीय फल हमलोग हजारीबाग को दे पाएंगे.

हजारीबाग: जिला में कटकमदाग प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों केजीवीके के सहयोग से स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है. खेतों में लाल लाल स्ट्रॉबेरी देखकर किसानों में काफी उत्साह है. किसान इन स्ट्रॉबेरी को बाजारों में भेज रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
हजारीबाग के किसान आने वाले समय में स्ट्रॉबेरी का स्वाद पूरे राज्य के लोगों को चखाने जा रहे हैं. इसकी तैयारी जोरों पर चल रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के सुदूरवर्ती अड्रा गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की गई है. गांव के विनय प्रजापति, संजीव प्रजापति और तेज नारायण प्रजापति को केजीवीके का सहयोग मिल रहा है. केजीवीके के सहयोग से 4 प्लॉट में इसकी खेती हो रही है. कुछ किसानों ने स्ट्रॉबेरी को हजारीबाग के स्थानीय बाजारों में बेचा भी है. स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि यह मुनाफा देने वाला फसल है, जितना खर्च होता है उसका 4 गुना कमाई होती है.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्ट्रॉबेरी की खेती
कृषि ग्राम विकास केंद्र के त्रिदेव मुखर्जी एवं धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि करीब 10 कट्ठा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत खेती करवाई जा रही है. किसानों को बेहतर मुनाफा हो रहा है. आगे ढाई महीने तक पौधे से स्ट्रॉबेरी का फल बाजार में बेचा जाएगा. यह एक मुनाफा देने वाला खेती है. परंपरागत खेती से हटकर इसमें किसानों को 4 गुना मुनाफा मिल सकता है. इस कारण अभी वर्तमान में इस परियोजना के तहत आसपास के 14 गांव में अगले वर्ष इसकी खेती करवाई जाएगी. अभी वर्तमान में लगभग 8 से 10 कट्ठा जमीन में खेती हो रही है.
टमाटर छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू
स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान कहते हैं कि हमलोग पहले टमाटर की खेती करते थे, लेकिन इस बार छोटे प्लाट मे स्ट्रॉबेरी की खेती की गई है, टमाटर की खेती में खर्च अधिक लगता है और मेहनत भी, जिसमें हमलोगों को बांस, दवा और मजदूरी में अधिक पैसा लगता है, लेकिन स्ट्रॉबेरी में मेहनत भी कम है और इसकी कीमत 600 से 1200 रुपए प्रति किलो से शुरू होती है, जिसके कारण हमलोगों ने बड़े प्लॉट पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बनाया है.

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दूसरे किसानों भी हो रहे प्रेरित
गांव के किसान कहते हैं कि स्ट्रॉबेरी पहले हमने देखा भी नहीं था और ना खाया था, लेकिन अब हमारे गांव में ही इसकी खेती हो रही है. ऐसे में लगता है कि इसकी खेती की जाए तो अधिक से अधिक मुनाफा होगा और एक नया स्थानीय फल हमलोग हजारीबाग को दे पाएंगे.

Last Updated : Jan 6, 2021, 12:08 PM IST
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