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मूर्तिकारों के चेहरे पर नहीं दिख रही दुर्गा पूजा की खुशी, सरकारी गाइडलाइन के आगे हैं मजबूर - official guidelines in hazaribag

हजारीबाग में दुर्गा पूजा का यह अवसर मूर्तिकारों के लिए खुशी नहीं बल्कि मुश्किलें लाया है. कोरोना काल में सरकार के जारी किए गए गाइडलाइन के कारण ये मूर्तिकार मजबूर हैं. इस बार इन्हें आधी आमदनी में ही आने वाला साल गुजारना होगा.

official guidelines for Sculptor in hazaribag
मूर्तिकार
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Published : Oct 16, 2020, 1:18 PM IST

हजारीबाग: जिले में दुर्गा पूजा पर भी कोरोना का काला साया दिख रहा है. जहां पहले पूजा में 10 से 12 फीट की मूर्तियां बनती थी, लेकिन इस बार सरकार के आदेश के कारण 5 फीट की ही मां की प्रतिमा बन रही है. इससे मूर्तिकार की आमदनी भी आधे से कम हो गई है, जिससे मूर्तिकार काफी दुखी हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-जल संरक्षण और सिंचाई की बेहतरीन मिसाल गजिया बराज, जानिए क्या है खासियत

कहीं का भी मूर्तिकार हो वह साल भर इंतजार करता है कि दुर्गा पूजा आए और वह मां की प्रतिमा बनाए, ताकि सालों भर उसका राशन पानी चल सके. वहीं, इस बार सरकार के आदेश के कारण महज 5 से 6 फीट की मूर्तियां ही बन रही हैं. इससे मूर्तिकारों की आमदनी आधे से भी कम हो गई है. मूर्तिकारों को अब इस बात का डर सता रहा है कि आने वाला साल कैसे बीतेगा.

जानकारी के अनुसार एक मूर्ति बनाने में मूर्तिकार 40 से 50 हजार रूपए लेते थे लेकिन अब महज 10 हजार में ही मूर्ति बना रहे हैं. मूर्तिकार बताते हैं कि एक ओर महंगाई और सामान की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है तो दूसरी ओर कोरोना के कारण आर्थिक मंदी भी चल रही है. ऐसे में विभिन्न पूजा समिति पैसा भी कम दे रहे हैं और हम लोग मजबूरी में मूर्ति बना रहे हैं. उनका कहना है कि मूर्ति नहीं बनाएंगे तो पूजा कैसे होगी. इस कारण दुर्गा पूजा में वे लोग खुश नहीं हैं.

कहा जाए तो मूर्तिकारों के चेहरे में खुशी इस बार पर्व त्योहार में देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन ऐसी परिस्थिति में खुद को ढालना ही वर्तमान समय की मांग है. जरूरत है स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार को मूर्तिकारों के बारे में सोचने की.

हजारीबाग: जिले में दुर्गा पूजा पर भी कोरोना का काला साया दिख रहा है. जहां पहले पूजा में 10 से 12 फीट की मूर्तियां बनती थी, लेकिन इस बार सरकार के आदेश के कारण 5 फीट की ही मां की प्रतिमा बन रही है. इससे मूर्तिकार की आमदनी भी आधे से कम हो गई है, जिससे मूर्तिकार काफी दुखी हैं.

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कहीं का भी मूर्तिकार हो वह साल भर इंतजार करता है कि दुर्गा पूजा आए और वह मां की प्रतिमा बनाए, ताकि सालों भर उसका राशन पानी चल सके. वहीं, इस बार सरकार के आदेश के कारण महज 5 से 6 फीट की मूर्तियां ही बन रही हैं. इससे मूर्तिकारों की आमदनी आधे से भी कम हो गई है. मूर्तिकारों को अब इस बात का डर सता रहा है कि आने वाला साल कैसे बीतेगा.

जानकारी के अनुसार एक मूर्ति बनाने में मूर्तिकार 40 से 50 हजार रूपए लेते थे लेकिन अब महज 10 हजार में ही मूर्ति बना रहे हैं. मूर्तिकार बताते हैं कि एक ओर महंगाई और सामान की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है तो दूसरी ओर कोरोना के कारण आर्थिक मंदी भी चल रही है. ऐसे में विभिन्न पूजा समिति पैसा भी कम दे रहे हैं और हम लोग मजबूरी में मूर्ति बना रहे हैं. उनका कहना है कि मूर्ति नहीं बनाएंगे तो पूजा कैसे होगी. इस कारण दुर्गा पूजा में वे लोग खुश नहीं हैं.

कहा जाए तो मूर्तिकारों के चेहरे में खुशी इस बार पर्व त्योहार में देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन ऐसी परिस्थिति में खुद को ढालना ही वर्तमान समय की मांग है. जरूरत है स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार को मूर्तिकारों के बारे में सोचने की.

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