हजारीबाग: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी को लेकर महिलाएं आज भी जागरूक नहीं हैं. महिलाओं को स्वच्छ रखने के लिए सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इसके बावजूद नाकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. महिलाएं आज भी माहवारी को लेकर चुप्पी साधे रहती हैं. इस दौरान कपड़े का उपयोग करती हैं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. इसे देखते हुए जिले के दारू प्रखंड में एक अनोखी पहल की गई है. यहां प्रखंड कार्यालय में ही सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई है, ताकि महिलाएं और युवतियां स्वच्छता को लेकर जागरूक हो सके.
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महिलाओं को जागरूक करना उद्देश्य
महिलाएं और युवतियों में माहवारी होना बेहद सामान्य बात है, लेकिन इसके बावजूद महिलाएं जागरूक नहीं हैं और वे चुप्पी साधी रहती हैं. सरकार की ओर से भी चुप्पी तोड़ो अभियान चलाया गया, लेकिन इससे हटकर दारू प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने एक अनोखी पहल की है. यहां कार्यालय में ही सेनेटरी पैड वेंडिग मशीन लगाई गई है, ताकि महिलाएं प्रखंड कार्यालय आकर सिर्फ 5 रुपए में इसे खरीद लें. इस बाबत इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगाई गई है, जहां महिलाएं पांच का सिक्का डालकर सेनेटरी पैड ले सकती हैं. पदाधिकारी कहते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उन्होने कई कार्यक्रम किए हैं, लेकिन अब अपने कार्यालय में इसे लेकर नया प्रयोग किया है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं उसका उपयोग करें.
कार्यालय में सेनेटरी पैड लगाना एक अच्छी पहल
महिलाएं कहती हैं कि अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में पैड नहीं मिलते हैं. अगर मिलते भी हैं तो महिलाएं और युवती लेने में संकोच करती हैं. ऐसे में कार्यालय में सेनेटरी पैड लगाना एक अच्छी पहल है. यहां अलग कमरे में मशीन लगाई गई है. अगर किसी महिला की तबीयत खराब हुई तो इसे उपयोग में लाए गए पैड को यहां भी नष्ट कर सकती हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके कार्यालय में अक्सर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आती हैं. उनकी सहुलियत को देखते हुए यह लगाया गया है. महिलाएं जागरूक होकर पैड ले रही हैं. पदाधिकारी कहते हैं कि हर रोज 10 से 15 पैड महिलाएं ले रही हैं. इससे कहा जाए तो यह एक सकारात्मक प्रयोग साबित हुआ है.
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हर समस्या का समाधान है जागरूकता
जागरूकता ही हर समस्या का समाधान है. जिस तरह से महिलाओं को जागरूक करने के लिए ब्लॉक ने कदम उठाया है, यह सराहनीय है. जरूरत है अन्य सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में भी इस तरह का प्रयोग कर महिलाओं को जागरूक करने की, ताकि महिलाएं माहवारी के दौरान खुद को स्वस्थ रख सकें.