हजारीबागः जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को जमानत पर रिहा कर दिया गया. प्रशासन की लापरवाही और भू-माफिया के गठजोड़ के कारण उनकी गिरफ्तारी हुई थी. राजेश मिश्रा को एक साजिश के तहत फंसाया गया था. 18 दिन के बाद उनको जमानत पर रिहा कर दिया गया है.
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भू-माफिया और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण गिरफ्तारी
हजारीबाग के आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी 3 मार्च को हुई थी. 18 दिनों के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. जेल से निकलने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भू-माफिया और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी गिरफ्तारी हुई थी. जमानत मिलने के बाद उन्होंने ऐलान किया है कि आगे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि 18 दिनों तक बिना कसूर के जेल में बंद रहा, लेकिन जैसे ही हजारीबाग जिला प्रशासन ने क्लीन चिट दी, तब मुझे आत्मबल मिला, यह आत्मबल मुझे आगे भी अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर बल दिया है. उनकी रिहाई होने के बाद जेल परिसर के बाहर आरटीआई एक्टिविस्ट समाजसेवी और पत्रकारों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
राष्ट्रपति को किया गया था पत्राचार
हजारीबाग की लोहसिघना पुलिस ने जिला परिषद चौक स्थित पुराना समाहरणालय के समीप आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा को आधा किलो अफीम और एक पुडिया ब्राउन शूगर समेत एक लाख रुपये नगद रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. गिरफ्तार होने के बाद उनके समर्थन में आंदोलन भी शुरू कर दिया गया था. इस बाबत हजारीबाग के आरटीआई एक्टिविस्ट ने राष्ट्रपति को पत्राचार किया था और न्याय की गुहार लगाई थी. इस मामले की पुलिस तफ्तीश भी कर रही थी. तफ्तीश करने के दौरान हजारीबाग एसपी ने मामले की जांच करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था. उन्होंने जानकारी दी थी कि उन्हें भू-माफिया की ओर से फंसाया गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पुलिस की इसमें मिलीभगत होगी तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.