हजारीबाग: जिले का बड़कागांव हमेशा सुर्खियों में रहा है. जब से यहां एनटीपीसी कोल माइनिंग के लिए पहुंची है तब से लेकर आज तक हमेशा धरना-प्रदर्शन देखने को मिलते रहा है. विरोध प्रदर्शन का ही परिणाम है कि पूर्व विधायक योगेंद्र साव और निर्मला देवी क्षेत्र बदर हैं. एक बार फिर बड़कागांव में 20 दिनों से विस्थापित ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं, 20 दिनों से एक टुकड़ा कोयला भी खदान से नहीं निकला है, जिससे कंपनी को अरबों रुपए का नुकसान हो चुका है.
ग्रामीणों का कहना है कि एनटीपीसी जब से आई है तब से विरोध ही हो रहा है, इस पर भी हर एक व्यक्ति को सोचना चाहिए, हमलोग से कंपनी के पदाधिकारी बात करना नहीं चाहते हैं, हमारी जमीन है और कंपनी दबाव बनाकर जमीन ले रही है, हमलोगों को रोजगार तक नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों की मुख्य मांगें कोल माइनिंग एक्ट को खत्म करना, 2013 की तर्ज पर कार्यक्रम की शुरुआत करना और हर एक व्यक्ति जो 18 साल से ऊपर है उसे रोजगार देना है. उन्होंने कहा कि अगर कंपनी हमारी बात नहीं मानेगी तो हम 1 इंच कोयला भी नहीं उठाने नहीं देंगे.
अरबों का हुआ नुकसान
एनटीपीसी के अधीन त्रिवेणी सैनिक की ओर से संचालित चिरूडीह कोल माइंस में कोयला ट्रांसपोर्टिंग बंद है, जिससे अरबों रुपए का नुकसान हुआ है. बड़े-बड़े माइंस आज वीरान पड़े हैं. जहां दिनभर कोयला की ढुलाई होती थी आज वहां एक भी गाड़ी नजर नहीं आ रही है. यहां से कोयला देश के कई थर्मल प्लांट तक पहुंचता है, जो अभी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में कंपनी को अरबों रुपया का नुकसान तो हुआ ही है, साथ ही साथ अगर यही स्थिति रही तो थर्मल पावर पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.
इन गांव में धरना
हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के पंकरी बरवाडीह, सिंदवारी, आराहरा, चेपाखुर्द, चेपाकला, जुगरा, डाडीकला, सीकरी, बडकागाव सुर्य मंदिर, तेलियातरी गांव में 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया गया है.
विस्थापित रैयत समिति की मांग
1. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा और 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी युवाओं को नौकरी.
2. कार्य क्षेत्र में एक समान ग्रेड के वर्करों को एक समान वेतन.
3. पूर्ण आवास के लिए प्रत्येक एकल परिवार को हजारीबाग शहर से 5 किलोमीटर के रेडियस में प्रति परिवार 10 डिसमिल जमीन आवास बनाने की राशि आवंटित करने की मांग.
4. पुनर्वास स्थल पर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की सुविधा.
5. एनटीपीसी से संबंधित जितने भी केस हैं उन सभी केस को वापस लिया जाए और फर्जी केस से पीड़ित सभी व्यक्तियों के क्षतिपूर्ति का भुगतान हो.
6. विस्थापित परिवारों को विस्थापन प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए.
7. कॉल बैरिंग एक्ट खत्म किया जाए.