हजारीबागः इस वर्ष झारखंड में धान की बंपर पैदावार हुई है. अब धान बेचने का प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस वर्ष धान की खरीदारी के लिए कई प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं. जिनमें पैक्स, एफपीओ और ई-नाम शामिल हैं. जहां किसान अपने सुविधा के अनुसार धान बेच सकते हैं. इस बार सरकार द्वारा खरीफ विपणन मौसम के लिए निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर किसान से धान क्रय करने का सिलसिला 15 दिसंबर से शुरू हो चुका है. जिसके लिए हजारीबाग जिला में 58 केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 50 पैक्स और 7 एफपीओ और एक व्यापार मंडल केंद्र के रूप में अधिकृत किया गया है हजारीबाग में एफपीओ से धान की खरीदारी सरकार की योजना है .
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भारत कृषि प्रधान देश है. अगर किसानों को सुविधा मिलेगी तो वो और अच्छा कर सकते हैं. जिससे भारत का अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सकता है. इन दिनों केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों किसानों को अच्छा बाजार देने की कोशिश कर रहा है. वर्तमान समय की बात की जाए तो धान की खरीदारी हो रही है. हर किसान की चाहत होती है कि उसे अधिक से अधिक मूल्य मिले ताकि वह आगे भी खेती कर पाए. ऐसे में इस बार पहली बार झारखंड में एफपीओ को धान खरीदने का अधिकार दिया गया है. ऐसे में एफपीओ भी जोर शोर के साथ धान खरीदारी भी कर रहा है. अब वर्तमान समय में एफपीओ पैक्स को चुनौती भी दे रहा है.
अगर बात की जाए ई-नाम (e-NAM) की तो इस प्लेटफार्म के जरिए भी किसान अपना उत्पाद बेच सकते हैं. लेकिन इसमें 1440 प्रति क्विंटल के हिसाब से किसान को पैसा भुगतान किया जाएगा. दरअसल कई ऐसे किसान हैं जिन्हें तत्काल पैसे की जरूरत होता है. उनकी उपज भी बेहद कम होती है. ऐसे में किसान चाहे तो ई-नाम के जरिए भी अपना उत्पाद बेच सकते हैं. इससे यह फायदा होता है कि पूरा का पूरा पैसा एक बार मे ही मिल जाता है. ऐसे में किसान को लाभ होता है. बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह भी बताते हैं कि इस वर्ष ई-नाम के जरिए हम लोग 300 लाख रुपया का धान का व्यापार करने का लक्ष्य निर्धारण किया है.
आलम यह है कि अब बिहार से छोटे किसान हजारीबाग में आकर अपना उत्पाद बेचना चाहते हैं. क्योंकि बिहार में उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल रही है. इस कारण वो चाहते हैं कि अब एफपीओ के जरिए अपनी फसल बेचे. इससे लगभग 2 रुपया प्रति किलो किसानों को मुनाफा होगा. वर्तमान समय की बात की जाए तो बिहार में 1200 प्रति क्विंटल दर निर्धारित किया गया है. जबकि हजारीबाग ई-नाम के जरिए वह 1440 रुपया प्रति क्विंटल उत्पाद बेच सकते हैं.
बाजार समिति के सचिव राकेश सिंह का कहना है कि अब बहुत विकल्प किसानों के लिए खुल गए हैं. बाजार समिति में धान खरीदारी को लेकर सारे सेंटर खुले हुए हैं. जिसमें ई-नाम, पैक्स और एफपीओ शामिल है. मिलर भी अपना सेंटर बाजार समिति में खोले हुए हैं. ऐसे में बहुत दिनों के बाद बाजार समिति में चहल-पहल दिख रही है. बाजार समिति का उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है वह पूरा होता दिख रहा है.
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एक जानकारी के अनुसार हजारीबाग जिला से धान देने के 27 हजार 375 किसानों का निबंधन किया जा चुका है. इसके अलावा भी छूटे हुए किसान अपना निबंधन करा सकते हैं. इस वर्ष जिला अंतर्गत लगभग दो हजार मैट्रिक टन धान उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में 1 लाख 40 हजार क्विंटल धान क्रय करने का लक्ष्य निर्धारण किया गया है. 50 पैक्स धान कि खरीदारी करेंगे जिनमें 40 पैक्स के पास अपना गोदाम भी नहीं है. ऐसे में बाजार समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इस वर्ष एफपीओ और ई-नाम ने पैक्स को खड़ी चुनौती दिया है. जिसका लाभ किसानों को ही मिलेगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि झारखंड में धान की खरीदारी का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.