हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सिंडिकेट में छात्रों का प्रतिनिधित्व नहीं है. इससे विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. झारखंड छात्र मोर्चा के अध्यक्ष चंदन सिंह ने कहा कि सिंडिकेट में छात्रों का प्रतिनिधित्व नहीं होने की वजह कुलपति हैं.
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विनोब भावे विश्वविद्यालय में झारखंड छात्र मोर्चा के अध्यक्ष चंदन सिंह ने कहा कि सिंडिकेट में छात्रों का नहीं होना दुखद है. इससे छात्र हितों का हनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि सिंडिकेट में मौजूद सदस्य कुलपति को खुश करने के लिए कोटा प्रारम्भ कर दिया. दीक्षांत समारोह में भी छात्र नेताओं को कार्यक्रम से दूर रखा गया. उन्होंने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सिंडिकेट में शिक्षकों का चुनाव को नहीं करवा रहे हैं. वहीं कुलपति अपने करीबियों का सेवा विस्तार कर रहे हैं. बिना सिंडिकेट से पारित किए कमिटी बनाई जा रही है.
सिंडिकेट में पदेन पदाधिकारी सभी विश्वविद्यालय के शिक्षक हैं और सभी कुलपति के अधीनस्थ कार्य करते हैं. इसलिए कुलपति के लिए किसी भी निर्णय का विरोध नहीं होता है. विरोध करने वाले शिक्षक, पदाधिकारी या प्राचार्य का कुलपति स्थानांतरण कर देते हैं या उनपर कार्रवाई करते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए शिक्षक या प्राचार्य विरोध नहीं करते हैं.