हजारीबागः हजारीबाग ने कई नामचीन जनप्रतिनिधि संसद भेजे हैं पर यहां रेल सुविधा में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया. यशवंत सिन्हा यहां से सांसद रहे और कई अहम मंत्रालय संभाले, उनके बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग से मौजूदा सांसद हैं और वे भी मंत्री रह चुके हैं. लेकिन इनके संसदीय क्षेत्र हजारीबाग से एक भी लंबी दूरी की ट्रेन नहीं खुलती है. यहां से सिर्फ दो पैसेंजर ट्रेन के कारण अधिकांश समय यहां सन्नाटा पसरा रहता है. इस स्टेशन का ज्यादातर उपयोग माल ढुलाई के लिए होता है.
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यहां से लंबी दूरी की ट्रेन न होने से कम लोग ही इस रेलवे स्टेशन से आना-जाना करते हैं. इससे यहां बहुत कम समय चहल-पहल रहती है. जिस रेलवे स्टेशन का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोहराय कला को लेकर मन की बात कार्यक्रम में किया था, वहां चहल-पहल कम ही मिलेगी. कोडरमा बरकाकाना वाया हजारीबाग रेलवे लाइन का वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद हजारीबाग पहुंचकर हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया था. लेकिन आज तक यहां से एक भी लंबी दूरी की ट्रेन नहीं चली.इस कारण यहां न तो पैसेंजर दिखेंगे और न ही आमआदमी. इस स्टेशन का उपयोग सिर्फ और सिर्फ कोयला ढुलाई के लिए किया जाता है.
बड़कागांव से कोयला उत्पादन कर एनटीपीसी के विभिन्न ऊर्जा संयंत्रों को कोयला इसी रेलवे स्टेशन से सप्लाई किया जाता है. रेलवे स्टेशन के आसपास कोयला डम्प यार्ड भी बनाया गया है. लेकिन लंबी दूरी की ट्रेन इसे नहीं मिली. अगर अगर बात की जाए आम जनता के लाभ के लिए तो दो पैसेंजर ट्रेन कोडरमा और बरकाकाना, यहां से चलती है. हजारीबाग और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए रेलवे स्टेशन का सपना तो जरूर पूरा हो गया. मगर हकीकत में यह परियोजना सिर्फ और सिर्फ झुनझुना बनकर रह गई है. अब हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने विश्वास दिलाया है कि बहुत जल्द हजारीबाग को लंबी दूरी की ट्रेन मिलेगी.
इधर हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा का कहना है कि हजारीबाग को लंबी दूरी की ट्रेन मिले, इस बाबत रेल मंत्री से भी मुलाकात की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि हजारीबाग को ट्रेन दिया जाएगा. उनका यह भी कहना है कि 4 सुरंग और 2 ओवर ब्रिज बनाने का काम चल रहा है जो अब पूरा होने वाला है. इसके बाद लंबी दूरी की ट्रेन हजारीबाग से दौड़ेगी.