हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस तो जगी है, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से स्वास्थ्य सुविधा में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. बुधवार को जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो ड्यूटी के दौरान कई डॉक्टर नदारद मिले.
मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद यहां 80 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्त किया गया है. जिनको मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अस्पताल में भी सेवा देनी होती है, लेकिन डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाते नजर नहीं आ रहे हैं. अस्पताल से पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि नए बहाल हुए डॉक्टर अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. ड्यूटी के दौरान अस्पताल से गायब रहते हैं. जिसको लेकर बुधवार को विभाग के अधिकारी और हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.
इस दौरान विधायक ने डॉक्टरों के बारे में जानकारी इकट्ठा की, तो पाया कि डॉक्टर विकास कुमार ड्यूटी के बावजूद अस्पताल से गायब हैं. उन्होंने इसकी जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि डॉक्टर हजारीबाग में हैं ही नहीं. डॉक्टर को फोन करने पर पता चला कि वह रांची चले गए हैं. इस दौरान 4 अन्य डॉक्टर भी ड्यूटी से गायब थे. इसको लेकर विधायक मनीष जायसवाल और मौके पर उपस्थित अधिकारी काफी नाराज दिखे. उन्होंने इसको लेकर कहा कि सभी नदारद डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा और साथ ही इसकी सूचना जिला मुख्यालय को भी दी जाएगी.
बता दें कि हजारीबाग में इस तरह का पहला मामला नहीं है. जब डॉक्टर अपनी सेवा देने के बजाय कहीं बाहर पाए गए हो. ऐसे में जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है वह पूरा होते नजर नहीं आ रहा है. हजारीबाग के लाखों लोगों की आस इस अस्पताल से लगी हुई है और अधिकारियों और डॉक्टरों की इस रवैये से लोगों का कैसे भला होगा. इस पर जिला प्रशासन और जिम्मेवार अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है. अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना से डॉक्टर भी सीख लेते हैं या नहीं.