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हजारीबाग कॉलेज हॉस्पिटल में लगी थी ड्यूटी, रांची में घूम रहे थे डॉक्टर साहब

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में स्थापना के कुछ ही महीने बाद डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने लगी है. बुधवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे विधायक ने देखा की ड्यूटी के बावजूद कई डॉक्टर अस्पताल से गायब हैं. वहीं, कुछ डॉक्टर तो ड्यूटी के दौरान दूसरे शहर में घूम रहे हैं.

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 26, 2019, 10:12 AM IST

हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस तो जगी है, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से स्वास्थ्य सुविधा में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. बुधवार को जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो ड्यूटी के दौरान कई डॉक्टर नदारद मिले.

देखें पूरी खबर

मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद यहां 80 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्त किया गया है. जिनको मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अस्पताल में भी सेवा देनी होती है, लेकिन डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाते नजर नहीं आ रहे हैं. अस्पताल से पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि नए बहाल हुए डॉक्टर अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. ड्यूटी के दौरान अस्पताल से गायब रहते हैं. जिसको लेकर बुधवार को विभाग के अधिकारी और हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.

इस दौरान विधायक ने डॉक्टरों के बारे में जानकारी इकट्ठा की, तो पाया कि डॉक्टर विकास कुमार ड्यूटी के बावजूद अस्पताल से गायब हैं. उन्होंने इसकी जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि डॉक्टर हजारीबाग में हैं ही नहीं. डॉक्टर को फोन करने पर पता चला कि वह रांची चले गए हैं. इस दौरान 4 अन्य डॉक्टर भी ड्यूटी से गायब थे. इसको लेकर विधायक मनीष जायसवाल और मौके पर उपस्थित अधिकारी काफी नाराज दिखे. उन्होंने इसको लेकर कहा कि सभी नदारद डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा और साथ ही इसकी सूचना जिला मुख्यालय को भी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें:- झारखंड में प्याज की बढ़ती कीमत को लेकर मंत्री सरयू राय चिंतित, उपायुक्तों को प्याज बेचने के लिए खुदरा बिक्री केंद्र खुलवाने के दिए आदेश

बता दें कि हजारीबाग में इस तरह का पहला मामला नहीं है. जब डॉक्टर अपनी सेवा देने के बजाय कहीं बाहर पाए गए हो. ऐसे में जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है वह पूरा होते नजर नहीं आ रहा है. हजारीबाग के लाखों लोगों की आस इस अस्पताल से लगी हुई है और अधिकारियों और डॉक्टरों की इस रवैये से लोगों का कैसे भला होगा. इस पर जिला प्रशासन और जिम्मेवार अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है. अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना से डॉक्टर भी सीख लेते हैं या नहीं.

हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस तो जगी है, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से स्वास्थ्य सुविधा में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. बुधवार को जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो ड्यूटी के दौरान कई डॉक्टर नदारद मिले.

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मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद यहां 80 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्त किया गया है. जिनको मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अस्पताल में भी सेवा देनी होती है, लेकिन डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाते नजर नहीं आ रहे हैं. अस्पताल से पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि नए बहाल हुए डॉक्टर अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. ड्यूटी के दौरान अस्पताल से गायब रहते हैं. जिसको लेकर बुधवार को विभाग के अधिकारी और हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.

इस दौरान विधायक ने डॉक्टरों के बारे में जानकारी इकट्ठा की, तो पाया कि डॉक्टर विकास कुमार ड्यूटी के बावजूद अस्पताल से गायब हैं. उन्होंने इसकी जानकारी लेनी चाही तो पता चला कि डॉक्टर हजारीबाग में हैं ही नहीं. डॉक्टर को फोन करने पर पता चला कि वह रांची चले गए हैं. इस दौरान 4 अन्य डॉक्टर भी ड्यूटी से गायब थे. इसको लेकर विधायक मनीष जायसवाल और मौके पर उपस्थित अधिकारी काफी नाराज दिखे. उन्होंने इसको लेकर कहा कि सभी नदारद डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा और साथ ही इसकी सूचना जिला मुख्यालय को भी दी जाएगी.

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बता दें कि हजारीबाग में इस तरह का पहला मामला नहीं है. जब डॉक्टर अपनी सेवा देने के बजाय कहीं बाहर पाए गए हो. ऐसे में जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है वह पूरा होते नजर नहीं आ रहा है. हजारीबाग के लाखों लोगों की आस इस अस्पताल से लगी हुई है और अधिकारियों और डॉक्टरों की इस रवैये से लोगों का कैसे भला होगा. इस पर जिला प्रशासन और जिम्मेवार अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है. अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना से डॉक्टर भी सीख लेते हैं या नहीं.

Intro:हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद ऐसा लग रहा था कि हजारीबाग में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ेगी और डॉक्टरों का लाभ भी यहां की जनता को मिलेगा। लेकिन यह खोखला साबित हो रहा है। क्योंकि वे डॉक्टर जिन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गई है वे अस्पताल में सेवा ना देकर जिला से बाहर नजर आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ माजरा तब प्रकाश में आया जब जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने सदर अस्पताल का मुआयना किया।


Body:मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद यहां 80 प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवा दे रहे हैं। साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी उनको सेवा देना है ।लेकिन डॉक्टर अपनी सेवा ना देकर शहर से ही बाहर दिख रहे हैं। इस बात की जानकारी उस वक्त हुई जब जनप्रतिनिधियों ने डॉक्टर के बारे में जानकारी इकट्ठा किया। जब डॉक्टर विकास कुमार से पूछा गया कि आप कहां हैं उन्होंने बताया कि वह इस वक्त रांची में है। लेकिन उनकी ड्यूटी हजारीबाग सदर अस्पताल में लगी हुई थी। ऐसे में जो उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज को धरातल पर उतारा गया वह हजारीबाग में सफल होता नहीं दिख रहा है ।इस बात को लेकर जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी आक्रोशित नजर आए और उनकी 1 दिन की वेतन काटने की बात कही गई। साथ ही साथ इसकी सूचना जिला मुख्यालय को देने की बात कही गई है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो ।

यह हजारीबाग में पहला मामला नहीं है। जब डॉक्टर अपनी सेवा देने के बजाय कहीं बाहर पाए गए हैं।हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि उन्हें पिछले कई दिनों से इस तरह की सूचना मिल रही थी। ऐसे में जब हकीकत जानने के लिए पहुंचे तो यह सही पाया और हम लोग इस बात को लेकर सरकार को भी पत्र लिखने जा रहे हैं।

byte.... मनीष जायसवाल विधायक हजारीबाग


Conclusion:अब देखने वाली बात होगी कि इस घटना की सीख डॉक्टर लेते हैं या नहीं।
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