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Rural Health Service in Hazaribag: हजारीबाग में बंद हो जाएगी ममता वाहन सेवा, 8 महीने से नहीं हुआ है भुगतान

हजारीबाग में ममता वाहन को पिछले 8 महीने से भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे ममता वाहन चलाने वाले आंदोलन के मूड में हैं. उनका साफ कहना है कि पैसे नहीं मिलेंगे तो 15 जनवरी से वो सेवा देना बंद कर देंगे.

ममता वाहन
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Published : Jan 9, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 1:44 PM IST

हजारीबागः जिले में ग्रामीण इलाकों में सेवा देने वाली ममता वाहन के कर्मी इन दिनों आंदोलन के मूड में हैं. दरअसल में 8 महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उनका कहना है कि हम लोगों का वाहन चलाना संभव नहीं है. अगर हमारा बकाया वेतन नहीं मिला तो हम लोग 15 जनवरी से सेवा देना बंद कर देंगे.

ये भी पढ़ेंः हजारीबाग में होमगार्ड के सफल अभ्यर्थियों ने किया भिक्षाटन, नामांकन प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग


ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में ममता वाहन का महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन अब ममता वाहन सेवा देने की स्थिति में नहीं है. लगभग 25 ममता वाहन को पैसे का भुगतान पिछले 8 महीने से नहीं हुआ है. जिस कारण वे काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि गाड़ी चलाने में तेल की जरूरत पड़ती है. हम लोग अब तेल खरीदने की स्थिति में भी नहीं हैं. हजारीबाग सदर और कटकमसांडी के ममता वाहन चालकों को पैसा भुगतान नहीं किया जा रहा है. प्रत्येक चालक का लगभग 4 लाख बकाया हो गया है. अब हम लोग गाड़ी चलाने की स्थिति में नहीं हैं. जब हम लोगों को मरीज को लाने के लिए कहा जाता है तो हम अब जाने के लिए भी सोचते हैं. उनका कहना है कि पदाधिकारी नियम बदलने की बात कह रहे हैं. लेकिन किसी भी तरह का नियम नहीं बदला है. जो पुराना तरीका था उसी तरीके से पैसा देना है. लेकिन बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बावजूद हम लोगों को पैसा का भुगतान नहीं हो रहा है. ऐसे में हम लोग 15 जनवरी के बाद हड़ताल पर चल जाएंगे और इसका बुरा असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ेगा.

देखें पूरी खबर
ममता वाहन चालक कहते हैं कि कोरोना काल में भी हम लोगों से बहुत काम लिया गया. संक्रमित मरीजों को ठीक होने के बाद उनके घरों में पहुंचाने का काम हमने किया. यही नहीं हम लोगों ने इसके अलावा भी कई काम संक्रमण के दौरान किया है. हमारा किया गया काम को अब विभाग भूल गया है. ना ही पदाधिकारी हम लोगों से बात करना चाहते हैं और ना हीं हम लोगों को भुगतान करना चाहते हैं.गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए सरकार की ओर से ममता वाहन की व्यवस्था की गई है. यह पूरी तरह से निशुल्क सेवा है. सूचना मिलने के आधा घंटा के अंदर पंचायत पहुंचकर संबंधित गर्भवती महिला को नजदीक के प्रसव केंद्र पहुंचाने की जिम्मेदारी ममता वाहन की है. इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को समय पर चिकित्सकीय सुविधा देना है.

हजारीबागः जिले में ग्रामीण इलाकों में सेवा देने वाली ममता वाहन के कर्मी इन दिनों आंदोलन के मूड में हैं. दरअसल में 8 महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उनका कहना है कि हम लोगों का वाहन चलाना संभव नहीं है. अगर हमारा बकाया वेतन नहीं मिला तो हम लोग 15 जनवरी से सेवा देना बंद कर देंगे.

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ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में ममता वाहन का महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन अब ममता वाहन सेवा देने की स्थिति में नहीं है. लगभग 25 ममता वाहन को पैसे का भुगतान पिछले 8 महीने से नहीं हुआ है. जिस कारण वे काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि गाड़ी चलाने में तेल की जरूरत पड़ती है. हम लोग अब तेल खरीदने की स्थिति में भी नहीं हैं. हजारीबाग सदर और कटकमसांडी के ममता वाहन चालकों को पैसा भुगतान नहीं किया जा रहा है. प्रत्येक चालक का लगभग 4 लाख बकाया हो गया है. अब हम लोग गाड़ी चलाने की स्थिति में नहीं हैं. जब हम लोगों को मरीज को लाने के लिए कहा जाता है तो हम अब जाने के लिए भी सोचते हैं. उनका कहना है कि पदाधिकारी नियम बदलने की बात कह रहे हैं. लेकिन किसी भी तरह का नियम नहीं बदला है. जो पुराना तरीका था उसी तरीके से पैसा देना है. लेकिन बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बावजूद हम लोगों को पैसा का भुगतान नहीं हो रहा है. ऐसे में हम लोग 15 जनवरी के बाद हड़ताल पर चल जाएंगे और इसका बुरा असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ेगा.

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ममता वाहन चालक कहते हैं कि कोरोना काल में भी हम लोगों से बहुत काम लिया गया. संक्रमित मरीजों को ठीक होने के बाद उनके घरों में पहुंचाने का काम हमने किया. यही नहीं हम लोगों ने इसके अलावा भी कई काम संक्रमण के दौरान किया है. हमारा किया गया काम को अब विभाग भूल गया है. ना ही पदाधिकारी हम लोगों से बात करना चाहते हैं और ना हीं हम लोगों को भुगतान करना चाहते हैं.गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए सरकार की ओर से ममता वाहन की व्यवस्था की गई है. यह पूरी तरह से निशुल्क सेवा है. सूचना मिलने के आधा घंटा के अंदर पंचायत पहुंचकर संबंधित गर्भवती महिला को नजदीक के प्रसव केंद्र पहुंचाने की जिम्मेदारी ममता वाहन की है. इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को समय पर चिकित्सकीय सुविधा देना है.
Last Updated : Jan 9, 2022, 1:44 PM IST
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