हजारीबाग: जिले में इन दिनों मनरेगा का काम मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से दिन दहाड़े कराया जा रहा है. इसके कारण मजदूरों का हक मारा जा रहा है. इसमें प्रखंड के मनरेगा कर्मचारियों की मिलीभगत दिखती है.
जानकारी हो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत चौपारण प्रखंड के पंचायत मानगढ़ में मुरकटिया आहर का जीर्णोद्धार कराने की मंजूरी मिली है. इस जीर्णोद्धार के काम कराने की मंजूरी अमृत सरोवर योजना के तहत मिली है. मगर, 8 अप्रैल को दोपहर में दिन दहाड़े जेसीबी मशीन लगाकर तालाब जीर्णोद्धार का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा था. जब हमारी टीम ने स्थल पर जाकर इसकी पड़ताल की तो मामला सही पाया गया.
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क्या कहते हैं बीपीओ: इस संबंध में बीपीओ संतोष कुमार से मोबाइल पर संपर्क कर पूछने पर उन्होंने बताया कि हमें जानकारी नहीं है, लेकिन स्थल पर जाकर देखते हैं. स्थल निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि जेसीबी मशीन लगाई गई थी, लेकिन बंद करवा दी गई है. वहीं योजना से संबंधित और कुछ पूछे जाने पर बीपीओ अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए.
मेट के पति थे तालाब पर मौजूद: एक ओर मेट की निगरानी में मजदूरों से तालाब का कार्य कराया जाना है. वहीं दूसरी ओर मेट के पति गुरुदेव कुशवाहा (मानगढ़) तालाब खुदाई जेसीबी मशीन से कराने में स्वयं लगे हुए थे. इतना ही नहीं गुरुदेव कुशवाहा ने बताया कि अपने निजी कार्य के लिए जेसीबी से मिट्टी कटवा रहे हैं.
इस संबंध में पंचायत रोजगार सेवक मंगलेश पांडेय ने बताया कि यह योजना 4 लाख 84 हजार रूपए की लागत से होना है, जिसमें मार्च 2023 में ही मास्टर रोल के निर्देशानुसार पांच मजदूरों का भुगतान 9 हजार 480 रुपए किया जा चुका है. रोजगार सेवक ने यह भी बताया कि यह योजना मेट गुरुदेव कुशवाहा (मानगढ़) की पत्नी की देखरेख में की जानी है.