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संत कोलंबस कॉलेज में अब नहीं पढ़ सकेंगे इंटरमीडिएट के छात्र, ये है वजह

मैट्रिक पास करने के बाद संत कोलंबा कॉलेज में एडमिशन लेने की सपना देखने वाले विधार्थियों का सपना अब टूट कर बिखर गया है. कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी दिया कि यूजीसी के आदेश के अनुसार कॉलेज में पढ़ाई बंद की गई है.

संत कोलंबस कॉलेज
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Published : May 22, 2019, 1:56 PM IST

Updated : May 22, 2019, 3:29 PM IST

हजारीबाग: राज्य का प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक संत कोलंबस कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी. इसके लिए कॉलेज प्रबंधन की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया है. वैसे छात्र जो मैट्रिक पास करने के बाद संत कोलंबा कॉलेज में एडमिशन लेने की सपना देख रहे थे उनका सपना अब बिखर गया है.

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क्या है वजह
झारखंड में संत कोलंबस कॉलेज काफी मशहूर है और कई छात्रों का सपना होता है कि उसमें पढ़ाई करें. लेकिन अब उसकी चाहत पर पानी फिर चुका है, साथ ही कॉलेज प्रबंधन ने भी ऐलान कर दिया है कि अब वह कॉलेज में इंटर की पढ़ाई नहीं करवाएंगे.
कॉलेज की स्थापना 1899 में हुई थी. जहां पूर्वोत्तर भारत के मेधावी छात्र एडमिशन लिया करते थे. खासकर आर्थिक कमजोर वर्ग के लोगों और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित आरक्षण और स्कॉलरशिप का लाभ छात्रों को इस कॉलेज में मिलता रहा है. लेकिन पढ़ाई बंद करने के एलान के बाद छात्रों में मायूसी है.

वहीं, मैट्रिक की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र अब इंटर में प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज पढ़ाई नहीं कर सकेंगे. यहां इस वर्ष से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है. कॉलेज प्रशासन ने नामांकन बंद करने की सूचना झारखंड एकेडमिक काउंसिल और विनोबा भावे विश्वविद्यालय को दे दी गई है. पिछले वर्ष कला और विज्ञान में 640 छात्रों का नामांकन लिया गया था. जबकि इस बार कॉलेज में इंटरमीडिएट में नामांकन नहीं लिया जाएगा.

कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी दिया कि यूजीसी के आदेश के अनुसार कॉलेज में पढ़ाई बंद की गई है, साथ ही हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया है कि स्नातक और इंटर की पढ़ाई अलग करवाना है. वहीं, जैक का भी आदेश है कि अब इंटर की पढ़ाई कॉलेज में नहीं हो पाएगी. कॉलेज के प्राचार्य ने यह भी जानकारी दिया कि स्टाफ काउंसिल में मुद्दे को लाया गया था और स्टाफ काउंसिल के सदस्यों ने फैसला लिया है कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद की जाए.

वहीं, संत कोलंबा कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज में आधारभूत संरचना की कमी भी है साथ ही साथ प्रोफेसर भी कम है. इस कारण छात्रों को इंटर की पढ़ाई देना कॉलेज प्रबंधन के लिए संभव नहीं है. उनका कहना है कि 18 हजार छात्र कॉलेज में पढ़ाई करते हैं. इंटर की पढ़ाई होने के बाद हर 3 महीने में परीक्षा लेना है. ऐसे में अन्य क्लास पर भी असर पड़ता है. इस कारण कॉलेज प्रबंधन कि ओर से यह फैसला लिया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस बार सरकार ने प्लस टू के लिए शिक्षक की बहाली की है. अगर कॉलेज में छात्र प्रवेश लेगे तो बहाल किए हुए शिक्षक किन्हें पढ़ाएंगे. यह भी एक बड़ा सवाल है. इस कारण इस बार संत कोलंबा कॉलेज में तमाम परिस्थिति को देखते हुए इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है.

हजारीबाग: राज्य का प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक संत कोलंबस कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी. इसके लिए कॉलेज प्रबंधन की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया है. वैसे छात्र जो मैट्रिक पास करने के बाद संत कोलंबा कॉलेज में एडमिशन लेने की सपना देख रहे थे उनका सपना अब बिखर गया है.

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क्या है वजह
झारखंड में संत कोलंबस कॉलेज काफी मशहूर है और कई छात्रों का सपना होता है कि उसमें पढ़ाई करें. लेकिन अब उसकी चाहत पर पानी फिर चुका है, साथ ही कॉलेज प्रबंधन ने भी ऐलान कर दिया है कि अब वह कॉलेज में इंटर की पढ़ाई नहीं करवाएंगे.
कॉलेज की स्थापना 1899 में हुई थी. जहां पूर्वोत्तर भारत के मेधावी छात्र एडमिशन लिया करते थे. खासकर आर्थिक कमजोर वर्ग के लोगों और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित आरक्षण और स्कॉलरशिप का लाभ छात्रों को इस कॉलेज में मिलता रहा है. लेकिन पढ़ाई बंद करने के एलान के बाद छात्रों में मायूसी है.

वहीं, मैट्रिक की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र अब इंटर में प्रतिष्ठित संत कोलंबस कॉलेज पढ़ाई नहीं कर सकेंगे. यहां इस वर्ष से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है. कॉलेज प्रशासन ने नामांकन बंद करने की सूचना झारखंड एकेडमिक काउंसिल और विनोबा भावे विश्वविद्यालय को दे दी गई है. पिछले वर्ष कला और विज्ञान में 640 छात्रों का नामांकन लिया गया था. जबकि इस बार कॉलेज में इंटरमीडिएट में नामांकन नहीं लिया जाएगा.

कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी दिया कि यूजीसी के आदेश के अनुसार कॉलेज में पढ़ाई बंद की गई है, साथ ही हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया है कि स्नातक और इंटर की पढ़ाई अलग करवाना है. वहीं, जैक का भी आदेश है कि अब इंटर की पढ़ाई कॉलेज में नहीं हो पाएगी. कॉलेज के प्राचार्य ने यह भी जानकारी दिया कि स्टाफ काउंसिल में मुद्दे को लाया गया था और स्टाफ काउंसिल के सदस्यों ने फैसला लिया है कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद की जाए.

वहीं, संत कोलंबा कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज में आधारभूत संरचना की कमी भी है साथ ही साथ प्रोफेसर भी कम है. इस कारण छात्रों को इंटर की पढ़ाई देना कॉलेज प्रबंधन के लिए संभव नहीं है. उनका कहना है कि 18 हजार छात्र कॉलेज में पढ़ाई करते हैं. इंटर की पढ़ाई होने के बाद हर 3 महीने में परीक्षा लेना है. ऐसे में अन्य क्लास पर भी असर पड़ता है. इस कारण कॉलेज प्रबंधन कि ओर से यह फैसला लिया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस बार सरकार ने प्लस टू के लिए शिक्षक की बहाली की है. अगर कॉलेज में छात्र प्रवेश लेगे तो बहाल किए हुए शिक्षक किन्हें पढ़ाएंगे. यह भी एक बड़ा सवाल है. इस कारण इस बार संत कोलंबा कॉलेज में तमाम परिस्थिति को देखते हुए इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है.

Intro:झारखंड का प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक संत कोलंबा कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी ।इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने नोटिस जारी कर दिया है। कहा जाए तो वैसे छात्र जो मैट्रिक पास करने के बाद संत कोलंबा कॉलेज में एडमिशन लेने की सपना देख रहे थे उनका सपना अब बिखर गया है।

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Body:झारखंड बिहार में हर एक छात्र यह चाहता है कि स्कूल के बाद की पढ़ाई संत कोलंबा कॉलेज में हो। लेकिन अब उसकी चाहत में पानी फिर चुका है। कॉलेज प्रबंधन ने ऐलान कर दिया है कि अब वह कॉलेज में इंटर की पढ़ाई नहीं करवाएंगे।

कॉलेज की स्थापना 1899 में हुई थी। जहां पूर्वोत्तर भारत के मेधावी छात्र एडमिशन लिया करते थे। खासकर आर्थिक कमजोर वर्ग के लोगों और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित आरक्षण स्कॉलरशिप का लाभ छात्रों को इस कॉलेज मिलता रहा है। लेकिन पढ़ाई बंद करने के एलान के बाद छात्रों में मायूसी है।

मैट्रिक की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र इंटर में प्रतिष्ठित संत कोलंबा कॉलेज पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। यहां इस वर्ष से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है। कॉलेज प्रशासन ने नामांकन बंद करने की सूचना झारखंड एकेडमिक काउंसिल और विनोबा भावे विश्वविद्यालय को दे दी है। पिछले वर्ष कला और विज्ञान में 640 -640 छात्रों का नामांकन लिया गया था ।इस बार संत कोलंबा कॉलेज में इंटरमीडिएट में नामांकन नहीं लिया जाएगा।

कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी दिया कि यूजीसी के आदेश के अनुसार कॉलेज में पढ़ाई बंद की गई है ।साथ ही साथ हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्नातक और इंटर की पढ़ाई अलग करना है। वही जैक का भी आदेश है कि अब इंटर की पढ़ाई कॉलेज में नहीं कराना है। कॉलेज के प्राचार्य ने यह भी जानकारी दिया कि स्टाफ काउंसिल में मुद्दे को लाया गया था और स्टाफ काउंसिल के सदस्यों ने फैसला लिया है कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद की जाए। संत कोलंबा कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज में आधारभूत संरचना की कमी भी है साथ ही साथ प्रोफेसर भी कम है ।इस कारण छात्रों को इंटर की पढ़ाई देना कॉलेज प्रबंधन के लिए संभव नहीं है। उनका कहना है कि 18000 छात्र कॉलेज में पढ़ाई करते हैं। इंटर की पढ़ाई होने के बाद हर 3 महीने में परीक्षा लेना है। ऐसे में अन्य क्लास पर भी असर पड़ता है ।इस कारण कॉलेज प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बार सरकार ने प्लस टू के लिए शिक्षक की बहाली की है। अगर कॉलेज में छात्र प्रवेश लेगे तो बहाल किए हुए शिक्षक किन्हें पढ़ाएंगे। यह भी एक बड़ा सवाल है ।इस कारण इस बार संत कोलंबा कॉलेज में तमाम परिस्थिति को देखते हुए इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है।

byte..... सुशील कुमार टोप्पो प्राचार्य संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग


Conclusion:कहा जाए तो जहां एक और कॉलेज प्रबंधन का अपना दलील है तो दूसरी ओर छात्रों का सपना हजारीबाग में टूटता नजर आ रहा है। ऐसे में जरूरत है सरकार को ऐसी व्यवस्था करने की जिसमें इंटर की पढ़ाई कॉलेज में भी हो सके।
Last Updated : May 22, 2019, 3:29 PM IST
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