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हजारीबा मेडिकल कॉलेज को मान्यता न मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री भड़के, केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

हजारीबाग जिले में मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिल रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

medical college is not getting recognition
मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रही मान्यता
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Published : Nov 9, 2020, 5:32 PM IST

हजारीबाग: केंद्र की नीतियों पर पिछले कई माह से हेमंत सरकार के मंत्री सवाल खड़ा कर रहे है. एक बार फिर झारखंड के तीन मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू की मान्यता खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
सूबे के 3 मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू में 2020-21 के नए सत्र के लिए छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ है. कहा जाए तो इस साल के लिए मान्यता खत्म कर दी गई.

ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि छोटी-छोटी बात को लेकर एमसीआई ने एडमिशन प्रक्रिया में रोक लगा दी है, जिसके कारण झारखंड समेत पूरे देश भर के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर सवाल खड़ा हुआ है. ऐसे छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सालों-साल से तैयारी करते आए है, उन्हें बड़ा झटका लगा है.

इसे भी पढ़ें-धनबाद: कापासारा आउटसोर्सिंग में जीएम के बॉडीगार्ड ने चलाई गोली, एक महिला घायल


कॉलेजों को दी जाए मान्यता
उन्होंने जानकारी दिया कि इस बाबत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और एमसीआई से बात भी की है कि यहां के कॉलेजों को मान्यता दी जाए ताकि छात्र यहां पढ़ाई कर सकें. इस साल मेडिकल कॉलेज में छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ है और कई खामियां एमसीआई में बताई हैं जिसमें प्रयोगशाला प्रोफेसरों की कमी का भी जिक्र है.अब देखने वाली बात होगी कमी कब पूरी होती है और कब यहां छात्रों का एडमिशन हो पाता है.

हजारीबाग: केंद्र की नीतियों पर पिछले कई माह से हेमंत सरकार के मंत्री सवाल खड़ा कर रहे है. एक बार फिर झारखंड के तीन मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू की मान्यता खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
सूबे के 3 मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू में 2020-21 के नए सत्र के लिए छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ है. कहा जाए तो इस साल के लिए मान्यता खत्म कर दी गई.

ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि छोटी-छोटी बात को लेकर एमसीआई ने एडमिशन प्रक्रिया में रोक लगा दी है, जिसके कारण झारखंड समेत पूरे देश भर के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर सवाल खड़ा हुआ है. ऐसे छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सालों-साल से तैयारी करते आए है, उन्हें बड़ा झटका लगा है.

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कॉलेजों को दी जाए मान्यता
उन्होंने जानकारी दिया कि इस बाबत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और एमसीआई से बात भी की है कि यहां के कॉलेजों को मान्यता दी जाए ताकि छात्र यहां पढ़ाई कर सकें. इस साल मेडिकल कॉलेज में छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ है और कई खामियां एमसीआई में बताई हैं जिसमें प्रयोगशाला प्रोफेसरों की कमी का भी जिक्र है.अब देखने वाली बात होगी कमी कब पूरी होती है और कब यहां छात्रों का एडमिशन हो पाता है.

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