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हजारीबाग की विधवा महिला समूह को दिल्ली में मिलेगा सम्मान, जानिए उनकी खासियत

हजारीबाग में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला समूह का निर्माण किया गया. जिसके तहत 10 विधवा महिलाओं ने दीदी कैफे के नाम से कैंटीन शुरू किया. अब दीदी कैफे पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. इन महिलाओं को 23 दिसंबर को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
दीदी कैफे
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Published : Dec 20, 2019, 10:04 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 10:41 PM IST

हजारीबाग: राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला समूह का निर्माण कर महिला सशक्तिकरण के लिए एक कार्यक्रम चलाया गया था. जिसका हजारीबाग एक उदाहरण बन कर सामने आया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

बन गया प्रेरणा
हजारीबाग पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. जिसकी सराहना अब देश स्तर पर भी होने लगी है. उसी का परिणाम है कि दिल्ली दूरदर्शन ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने कार्यक्रमों की श्रृंखला में हजारीबाग के सफल स्टोरी का चयन किया है. जिसका लाइव प्रसारण अब 23 दिसंबर को दिल्ली से किया जाएगा.

दीदी कैफे कैंटीन
दरअसल, हजारीबाग समाहरणालय परिसर में जिला प्रशासन ने एक छोटे से कमरे में दीदी कैफे के नाम से कैंटीन संचालित है. यह कैंटीन 10 विधवा महिलाओं ने शुरू किया था. जिसकी चर्चा पूरे देश स्तर में हो रही है. इन महिलाओं ने समृद्धि महिला स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया और कैंटीन की शुरुआत की.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
दीदी कैफे

ये भी देखें- CAA प्रोटेस्ट: हिरासत में लिए गए भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद को पुलिस ने किया रिहा

सहायता राशि से शुरू हुआ
प्रारंभिक दौर में हजारीबाग नगर निगम ने इन्हें सहायता राशि मुहैया कराया. यह सहायता समूह पहले अपने कैंटीन में नाश्ता बेचा करती थी. धीरे-धीरे पैसा जमा कर समूह खाना बनाकर लोगों को खिला रही है और अपना जीवन यापन कर रही है. समूह बनाने के पहले इन महिलाओं का जीवन यापन करना चुनौती से कम नहीं था.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
ग्राहक को खाना देते महिला

13 जुलाई 2017 में शुरूआत

समय के साथ धीरे-धीरे सब ने काम करना शुरू किया और स्थितियां बदलती गई. दीदी कैफे नाम से इस कैंटीन का उद्घाटन 13 जुलाई 2017 को तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने किया था, लेकिन उन्हें भी यह बात का पता नहीं था कि यह समूह एक दिन इतिहास रच देगी. आज ये महिला अपने मेहनत के बदौलत पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही है.

ये भी देखें- 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल', स्लोगन के साथ मैदान में उतरेगी AAP

दुनिया जानेगी संघर्ष की कहानी
कमाई के पैसा वह आपस में बांटती है. स्वयं सहायता समूह की महिला भी कहती है कि हमें विश्वास भी नहीं था कि हम उस मुकाम पर पहुंच पाएंगे. जहां चुनौती ही चुनौती थी अब दिल्ली में जाकर अपनी संघर्ष की कहानी वो दुनिया को बताएंगे. वैसे ही महिला जो खुद को निशक्त समझती है उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
खाना बनाते समूह के सदस्य

झारखंड से 2 समूह का चयन
वहीं, नगर निगम में सिटी मैनेजर के रूप में सेवा देने वाली भी कहती है कि इस कैफे का सोच आज समाज के लिए आदर्श बन गया है. देश स्तर पर विभिन्न राज्यों से चयनित महिला समूह की सफलता पर आधारित कार्यक्रम के लिए झारखंड से दो समूह का चयन किया गया है. जिसमें हजारीबाग की समृद्धि समूह है और दूसरा साहिबगंज की एक महिला समूह शामिल है.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
नगर निगम की सिटी मैनेजर

ये भी देखें- सीलमपुर में खत्म हुआ विरोध प्रदर्शन, यातायात के लिए खोला गया जाफराबाद मुख्य मार्ग

देश में होगा नाम

समूह आज पूरे महिला समाज को आज सीख दे रही है कि अगर हम सच्चाई और निष्ठा के साथ काम करें तो समाज में सम्मान भी और प्रतिष्ठा दोनों मिलती है. सिटी मैनेजर का कहना है कि आज इन महिलाओं के साथ-साथ पूरे हजारीबाग का नाम देश पटेल में सामने आया है. यह खुशी भरा पल है हम इन महिलाओं के उज्जवल भविष्य के लिए भी कामना करते है. जिस तरह से विधवा महिलाओं का समूह ने आज पूरे देश को सीख दिया है कि सफलता किसी की मोहताज नहीं है. बशर्ते मेहनत के साथ काम करें. ईटीवी भारत भी ऐसी महिलाओं के जज्बे को सलाम करता है.

हजारीबाग: राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला समूह का निर्माण कर महिला सशक्तिकरण के लिए एक कार्यक्रम चलाया गया था. जिसका हजारीबाग एक उदाहरण बन कर सामने आया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

बन गया प्रेरणा
हजारीबाग पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. जिसकी सराहना अब देश स्तर पर भी होने लगी है. उसी का परिणाम है कि दिल्ली दूरदर्शन ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने कार्यक्रमों की श्रृंखला में हजारीबाग के सफल स्टोरी का चयन किया है. जिसका लाइव प्रसारण अब 23 दिसंबर को दिल्ली से किया जाएगा.

दीदी कैफे कैंटीन
दरअसल, हजारीबाग समाहरणालय परिसर में जिला प्रशासन ने एक छोटे से कमरे में दीदी कैफे के नाम से कैंटीन संचालित है. यह कैंटीन 10 विधवा महिलाओं ने शुरू किया था. जिसकी चर्चा पूरे देश स्तर में हो रही है. इन महिलाओं ने समृद्धि महिला स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया और कैंटीन की शुरुआत की.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
दीदी कैफे

ये भी देखें- CAA प्रोटेस्ट: हिरासत में लिए गए भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद को पुलिस ने किया रिहा

सहायता राशि से शुरू हुआ
प्रारंभिक दौर में हजारीबाग नगर निगम ने इन्हें सहायता राशि मुहैया कराया. यह सहायता समूह पहले अपने कैंटीन में नाश्ता बेचा करती थी. धीरे-धीरे पैसा जमा कर समूह खाना बनाकर लोगों को खिला रही है और अपना जीवन यापन कर रही है. समूह बनाने के पहले इन महिलाओं का जीवन यापन करना चुनौती से कम नहीं था.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
ग्राहक को खाना देते महिला

13 जुलाई 2017 में शुरूआत

समय के साथ धीरे-धीरे सब ने काम करना शुरू किया और स्थितियां बदलती गई. दीदी कैफे नाम से इस कैंटीन का उद्घाटन 13 जुलाई 2017 को तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने किया था, लेकिन उन्हें भी यह बात का पता नहीं था कि यह समूह एक दिन इतिहास रच देगी. आज ये महिला अपने मेहनत के बदौलत पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही है.

ये भी देखें- 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल', स्लोगन के साथ मैदान में उतरेगी AAP

दुनिया जानेगी संघर्ष की कहानी
कमाई के पैसा वह आपस में बांटती है. स्वयं सहायता समूह की महिला भी कहती है कि हमें विश्वास भी नहीं था कि हम उस मुकाम पर पहुंच पाएंगे. जहां चुनौती ही चुनौती थी अब दिल्ली में जाकर अपनी संघर्ष की कहानी वो दुनिया को बताएंगे. वैसे ही महिला जो खुद को निशक्त समझती है उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
खाना बनाते समूह के सदस्य

झारखंड से 2 समूह का चयन
वहीं, नगर निगम में सिटी मैनेजर के रूप में सेवा देने वाली भी कहती है कि इस कैफे का सोच आज समाज के लिए आदर्श बन गया है. देश स्तर पर विभिन्न राज्यों से चयनित महिला समूह की सफलता पर आधारित कार्यक्रम के लिए झारखंड से दो समूह का चयन किया गया है. जिसमें हजारीबाग की समृद्धि समूह है और दूसरा साहिबगंज की एक महिला समूह शामिल है.

Hazaribagh widowed women group will receive honor in Delhi
नगर निगम की सिटी मैनेजर

ये भी देखें- सीलमपुर में खत्म हुआ विरोध प्रदर्शन, यातायात के लिए खोला गया जाफराबाद मुख्य मार्ग

देश में होगा नाम

समूह आज पूरे महिला समाज को आज सीख दे रही है कि अगर हम सच्चाई और निष्ठा के साथ काम करें तो समाज में सम्मान भी और प्रतिष्ठा दोनों मिलती है. सिटी मैनेजर का कहना है कि आज इन महिलाओं के साथ-साथ पूरे हजारीबाग का नाम देश पटेल में सामने आया है. यह खुशी भरा पल है हम इन महिलाओं के उज्जवल भविष्य के लिए भी कामना करते है. जिस तरह से विधवा महिलाओं का समूह ने आज पूरे देश को सीख दिया है कि सफलता किसी की मोहताज नहीं है. बशर्ते मेहनत के साथ काम करें. ईटीवी भारत भी ऐसी महिलाओं के जज्बे को सलाम करता है.

Intro:खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है..... ऐसा ही कुछ किया है हजारीबाग की स्वयंसेवी महिला के समूह ने ।जो पिछले दिनों दो वक्त रोटी के लिए भी मोहताज थी लेकिन आज इनकी चर्चा ऐसी हुई है कि वह 23 दिसंबर को दिल्ली में अपनी सक्सेस की कहानी दुनिया को बताएंगी...


Body:राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला समूह का निर्माण कर महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए गए कार्यक्रम हजारीबाग में एक ऐसा उदाहरण बन कर सामने आया है कि यह पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। जिसकी सराहना अब देश स्तर पर भी होने लगी है। उसी का परिणाम है कि दिल्ली दूरदर्शन ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने कार्यक्रमों की श्रृंखला में हजारीबाग के सफल स्टोरी का चयन किया है । जिसका लाइव प्रसारण अब 23 दिसंबर को दिल्ली से किया जाएगा।

दरअसल हजारीबाग समरणालय परिसर मे जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए एक छोटे से कमरे में दीदी कैफे के नाम से कैंटीन संचालित है। यह कैंटीन 10 विधवा महिलाओं के द्वारा शुरू किया गया। जिसकी चर्चा पूरे देश स्तर में हो रही है। इन महिलाओं ने समृद्धि महिला स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया और कैंटीन की शुरुआत की। प्रारंभिक दौर में हजारीबाग नगर निगम के द्वारा इन्हें सहायता राशि भी मुहैया कराया गया। यह सहायता समूह पहले नाश्ता अपने कैंटीन में बेचा करती थी। धीरे-धीरे पैसा जमा कर समूह खाना बनाकर लोगों को खिला रही है और अपना जीवन यापन कर रही है। समूह बनाने के पहले इन महिलाओं का जीवन यापन करना चुनौती से कम नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे सब ने काम करना शुरू किया और स्थितियां बदलते गई। दीदी कैफे नाम से इस कैंटीन का उद्घाटन 13 जुलाई 2017 को तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने किया था ।लेकिन उन्हें भी यह बात का पता नहीं था कि यह समूह एक दिन इतिहास रच देगी। आज यह महिला अपने मेहनत के बदौलत पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही है । जो पैसा कमाई के द्वारा होता है वह आपस में बांटती है। स्वयं सहायता समूह की महिला भी कहती है कि हमें विश्वास भी नहीं था कि हम उस मुकाम पर पहुंच पाएंगे जहां चुनौती ही चुनौती थी। अब दिल्ली में जाकर अपनी संघर्ष की कहानी वो दुनिया को बताएंगे। वैसे ही महिला जो खुद को निशक्त समझती हैं उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।

नगर निगम में सिटी मैनेजर के रूप में सेवा देने वाली भी कहती है कि इस कैफे का सोच आज समाज के लिए आदर्श बन गया है। देश स्तर पर विभिन्न राज्यों से चयनित महिला समूह की सफलता पर आधारित कार्यक्रम के लिए झारखंड से दो समूह का चयन किया गया है। जिसमें हजारीबाग की समृद्धि समूह है और दूसरा साहिबगंज की एक महिला समूह शामिल है। जो पूरे महिला समाज को आज सीख दे रही है ,कि अगर हम सच्चाई और निष्ठा के साथ काम करें तो समाज में सम्मान भी और प्रतिष्ठा दोनों मिलती है। सिटी मैनेजर का कहना है कि आज इन महिलाओं के साथ साथ पूरे हजारीबाग का नाम देश पटेल में सामने आया है। यह खुशी भरा पल है हम इन महिलाओं के उज्जवल भविष्य के लिए भी कामना करते हैं।

byte.... साको देवी समृद्धि महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य
byte.... रेनू कुमारी सहायता समूह सदस्य लाल स्वेटर पहने हुए
byte.... कुमारी कृष्णा सिटी मैनेजर हजारीबाग नगर निगम


Conclusion:जिस तरह से विधवा महिलाओं का समूह ने आज पूरे देश को सीख दिया है कि सफलता किसी की मोहताज नहीं है। बशर्ते मेहनत के साथ काम करें। ईटीवी भारत भी ऐसी महिलाओं के जज्बे को सलाम करता है।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
Last Updated : Dec 20, 2019, 10:41 PM IST
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