हजारीबाग: पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान को लेकर कार्यक्रम किए जा रहे हैं. आम खास को जागरूक किया जा रहा है. हजारीबाग की दुर्गा पूजा ने स्वच्छ भारत का सबसे खूबसूरत उदाहरण पेश किया. हजारीबाग के बंगाली दुर्गा मंडप में बहुत ही भव्यता के साथ दुर्गा पूजा की जाती है. भक्त 9 दिनों तक माता के दरबार में पहुंचकर हाजिरी लगाते हैं. फिर अनोखे तरीके से मूर्ति विसर्जन करते हैं.
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हजारीबाग बंगाली दुर्गा स्थान में मूर्ति विसर्जन करने का तरीका बेहद खास है. मंडप प्रांगण में कृत्रिम जलाशय बनाकर मूर्ति विसर्जन किया गया. मूर्ति विसर्जन करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ भारत की परिकल्पना है. पूजा समिति के सदस्यों का कहना है कि छठ तालाब में मूर्ति विसर्जन किया जाता है, वहां साफ-सफाई नहीं रहती है. इस कारण से मां को विदाई देने में अच्छा महसूस नहीं होता है.
प्रतिमा का विसर्जन कृत्रिम तालाब में: उनका कहना है कि मूर्ति निर्माण में रंग के साथ-साथ कई सामान का उपयोग किया जाता है. अगर छठ तालाब में मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाए तो वहां का पानी अशुद्ध हो जाएगा. इस कारण स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए मां की प्रतिमा का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया गया.
पूरा हो पाएगा स्वच्छ भारत का सपना: बाद में मूर्ति की मिट्टी को पेड़ पौधे के जड़ों में डाल दिया जाता है. जिससे पेड़ पौधों को भी खाद के रूप में मिट्टी मिल जाती है. वहीं कमेटी के लोगों का प्रांगण परिसर में मूर्ति विसर्जन करने के पीछे भावनात्मक लगाव भी है. उनका मानना है कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि उनके साथ सालों भर मां मंडप में ही है. हजारीबाग दुर्गा बाड़ी पूरे देश में संदेश दे रहा है कि सभी को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना होगा और एक नई सोच लानी होगी. तब जाकर स्वच्छ भारत का सपना पूरा हो पाएगा.