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World Environment Day: मिलिए ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग से, हर दिन मनाते हैं पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस पर कई कार्यक्रम हो रहे हैं. लेकिन हजारीबाग में एक ऐसा शख्स है, जिसके लिए हर दिन पर्यावरण दिवस होता है. उनकी इसी लगन की वजह से उन्हें ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग कहा जाता है.

green man of hazaribag manoj singh
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Published : Jun 5, 2022, 1:53 PM IST

Updated : Jun 5, 2022, 2:35 PM IST

हजारीबागः आज विश्व पर्यावरण दिवस है. आज के दिन बड़े-बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारी तक बड़े उत्साह उमंग के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं. हजारीबाग के राजकीय B.Ed. कॉलेज के शिक्षक मनोज सिंह पिछले न जाने कितने सालों से पौधारोपण कर रहे हैं और पौधों की सुरक्षा भी कर रहे हैं. अपने कमाए हुए पैसे से समाज के लोगों को जागरूक करके मनोज सिंह और उनकी टीम ने 2500 से अधिक पौधे शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए हैं. यही नहीं 1650 गांव के लोगों को जागरूक कर पौधों का रक्षाबंधन कराकर सुरक्षा प्रदान भी करवा रहे हैं.

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ना जाने कितने कार्यक्रम के जरिए पौधारोपण किया जाता है. बाद में पौधे को देखने वाला भी कोई नहीं होता, पौधा सुख जाते हैं मर जाते है. ऐसे में पौधारोपण करने का कुछ महत्व भी नहीं रह जाता. लेकिन हजारीबाग के राजकीय B.Ed. कॉलेज के शिक्षक मनोज सिंह ऐसे पर्यावरण प्रेमी हैं जो पिछले कई सालों से शहर के विभिन्न इलाकों में घूम-घूम कर पौधा लगाते हैं और फिर उनकी रक्षा करते हैं. आज तक उन्होंने लगभग 3000 पौधे लगाये हैं और उनकी रक्षा की है. इस कारण आज शत प्रतिशत पौधे वृक्ष का रूप ले रहे हैं. मनोज सिंह अपने पॉकेट से पौधे खरीदते हैं और लगाते हैं. धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया अब समाज के लोग भी पौधा उपलब्ध करा रहे हैं. आलम यह है कि अब मनोज सिंह ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग के नाम से भी जाने जाने लगे.

देखिए स्पेशल स्टोरी
मनोज सिंह और उनकी टीम सिर्फ पौधा लगाते ही नहीं है उसकी रक्षा भी करते हैं. जंगलों की कटाई ना हो इसे देखते हुए विष्णुगढ़ क्षेत्र में उन लोगों ने रक्षाबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम 1650 गांवों में चल रहा है. इनके टीम के सदस्य बताते हैं कि हम लोगों ने इस कार्यक्रम को पूजा पाठ से जोड़ा. पूजा पाठ से जोड़ने से इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे. ग्रामीण जंगल में वन देवी की पूजा करना शुरू किया. जिससे पेड़ कटाई बंद हो गई. यही नहीं जब पौधारोपण किया जाता है तो विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. शंख बजाया जाता है और फिर वृक्ष देवता का आवाहन किया जाता है.डॉ मनोज सिंह का यह प्रयास आज रंग ला रहा है. उनकी टीम के द्वारा प्रत्येक दिन पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. धीरे धीरे डॉ मनोज सिंह के टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है. हजारीबाग शहर में भी पौधरोपण किया जा रहा है. मनोज सिंह भी कहते हैं कि अगर हमारे पेड़ लगाने से धरती माता की तपिश कम हो जाए तो हमें पौधरोपण करना चाहिए .ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग एवं उनकी टीम के द्वारा किए गए कार्य को अब वन विभाग भी सलाम कर रहा है. वन विभाग से सेवानिवृत्त पदाधिकारी भी बताते हैं कि वन विभाग जो पौधा लगाता है, वह भी शत-प्रतिशत जीवित नहीं रहता है. लेकिन मनोज सिंह के द्वारा लगाया गया सभी पौधा जीवित है. डॉ मनोज सिंह अपनी गाड़ी में ही पानी खाद समेत अन्य सामान लेकर घूमते हैं. कभी कभार तो इस गर्मी में भी उन्हें पौधों में पानी डालते हुए देखा गया है. जो उनके पेड़ पौधे के प्रति प्रेम और प्यार को दर्शाता है.

हजारीबागः आज विश्व पर्यावरण दिवस है. आज के दिन बड़े-बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारी तक बड़े उत्साह उमंग के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं. हजारीबाग के राजकीय B.Ed. कॉलेज के शिक्षक मनोज सिंह पिछले न जाने कितने सालों से पौधारोपण कर रहे हैं और पौधों की सुरक्षा भी कर रहे हैं. अपने कमाए हुए पैसे से समाज के लोगों को जागरूक करके मनोज सिंह और उनकी टीम ने 2500 से अधिक पौधे शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए हैं. यही नहीं 1650 गांव के लोगों को जागरूक कर पौधों का रक्षाबंधन कराकर सुरक्षा प्रदान भी करवा रहे हैं.

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ना जाने कितने कार्यक्रम के जरिए पौधारोपण किया जाता है. बाद में पौधे को देखने वाला भी कोई नहीं होता, पौधा सुख जाते हैं मर जाते है. ऐसे में पौधारोपण करने का कुछ महत्व भी नहीं रह जाता. लेकिन हजारीबाग के राजकीय B.Ed. कॉलेज के शिक्षक मनोज सिंह ऐसे पर्यावरण प्रेमी हैं जो पिछले कई सालों से शहर के विभिन्न इलाकों में घूम-घूम कर पौधा लगाते हैं और फिर उनकी रक्षा करते हैं. आज तक उन्होंने लगभग 3000 पौधे लगाये हैं और उनकी रक्षा की है. इस कारण आज शत प्रतिशत पौधे वृक्ष का रूप ले रहे हैं. मनोज सिंह अपने पॉकेट से पौधे खरीदते हैं और लगाते हैं. धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया अब समाज के लोग भी पौधा उपलब्ध करा रहे हैं. आलम यह है कि अब मनोज सिंह ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग के नाम से भी जाने जाने लगे.

देखिए स्पेशल स्टोरी
मनोज सिंह और उनकी टीम सिर्फ पौधा लगाते ही नहीं है उसकी रक्षा भी करते हैं. जंगलों की कटाई ना हो इसे देखते हुए विष्णुगढ़ क्षेत्र में उन लोगों ने रक्षाबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम 1650 गांवों में चल रहा है. इनके टीम के सदस्य बताते हैं कि हम लोगों ने इस कार्यक्रम को पूजा पाठ से जोड़ा. पूजा पाठ से जोड़ने से इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे. ग्रामीण जंगल में वन देवी की पूजा करना शुरू किया. जिससे पेड़ कटाई बंद हो गई. यही नहीं जब पौधारोपण किया जाता है तो विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. शंख बजाया जाता है और फिर वृक्ष देवता का आवाहन किया जाता है.डॉ मनोज सिंह का यह प्रयास आज रंग ला रहा है. उनकी टीम के द्वारा प्रत्येक दिन पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. धीरे धीरे डॉ मनोज सिंह के टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ती जा रही है. हजारीबाग शहर में भी पौधरोपण किया जा रहा है. मनोज सिंह भी कहते हैं कि अगर हमारे पेड़ लगाने से धरती माता की तपिश कम हो जाए तो हमें पौधरोपण करना चाहिए .ग्रीन मैन ऑफ हजारीबाग एवं उनकी टीम के द्वारा किए गए कार्य को अब वन विभाग भी सलाम कर रहा है. वन विभाग से सेवानिवृत्त पदाधिकारी भी बताते हैं कि वन विभाग जो पौधा लगाता है, वह भी शत-प्रतिशत जीवित नहीं रहता है. लेकिन मनोज सिंह के द्वारा लगाया गया सभी पौधा जीवित है. डॉ मनोज सिंह अपनी गाड़ी में ही पानी खाद समेत अन्य सामान लेकर घूमते हैं. कभी कभार तो इस गर्मी में भी उन्हें पौधों में पानी डालते हुए देखा गया है. जो उनके पेड़ पौधे के प्रति प्रेम और प्यार को दर्शाता है.
Last Updated : Jun 5, 2022, 2:35 PM IST
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