हजारीबाग: राजस्थान के रहने वाले एक युवक को बरही में हारम्बार के जंगल में बना एक भवन दिखाकर एक गिरोह ने ठगने की कोशिश की. झांसेबाजों ने पीड़ित युवक को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बरही भेज दिया. इस बीच युवक को शक हुआ तो वह वन विभाग के दफ्तर पहुंच गया. यहां उसे सच्चाई का पता चला. जिस व्हाट्सएप नंबर से युवक को फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा गया था, अब वह बंद है. आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उसका फोन स्विच ऑफ मिला.
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दरअसल, राजस्थान के भरतपुर जिले के नदबई के रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि उसे गांव में ही ठग गिरोह के एक एजेंट से पता चला था कि हजारीबाग जिले के बरही में वन विभाग कार्यालय में नौकरी के लिए पद खाली है. इस पर उसने मोबाइल फोन से दलाल से संपर्क किया. इसके बाद 21 जून को हजारीबाग पहुंचा और यहां चार से पांच दिनों तक रूका, जिसके बाद आरोपियों ने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बरही वन विभाग अंतर्गत पदमा के दूरस्थ हारम्बार के जंगल में काम करने के लिए कहा. ठगी गिरोह ने हारम्बार के जंगल में बने एक भवन को उसे दिखाया था और उसे वन विभाग का भवन बताकर झांसे में ले लिया था. उसका आरोप है कि उनके परिजनों से रकम की मांग भी कर रहे थे. लेकिन देवेंद्र कुमार शर्मा को कुछ शक हुआ और वह किसी तरह से बरही वन विभाग कार्यालय आ पहुंच गया. यहां उसने वन विभाग के कर्मचारियों से संपर्क किया, जिसके बाद पूरा मामला प्रकाश में आया.
जारी है नौकरी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा
बरही में वन विभाग के कर्मचारी महेश दास ने बताया कि युवक किसी ठग गिरोह का निशाना बन गया है. उसे सारे दस्तावेज लेकर घर लौटने के लिए कहा गया है. वहीं वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी गोरख राम ने बताया कि फर्जी कागजात देकर युवकों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है, वह अपने स्तर से पूरे मामले को देख रहे हैं. युवक को थाने में शिकायत करने की भी सलाह दी है, लेकिन वह राजस्थान लौट गया.
झारखंड में भी सक्रिय है नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह
सरकारी नौकरी का क्रेज और देश भर में बेरोजगारों की बड़ी संख्या ने ठगों और अपराधियों के लिए इन्हें आसान शिकार बना दिया है. देश भर के तमाम राज्यों में आए दिन नौकरी के नाम पर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. इसमें सूझबूझ से ही लोग बच सकते हैं. इसको लेकर बीते दिनों झारखंड के तत्कालीन डीजीपी एमवी राव ने ट्विटर हैंडल से लोगों को सजग रहने की अपील की थी.