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मौसम की मार से परेशान हैं अन्नदाता, बारिश नहीं होने से सता रहा सूखे का डर

इस बार हजारीबाग में औसत से कम बारिश हुई है. जिसका बुरा प्रभाव खेती पर देखने को मिल रहा है. किसानों की हालत खराब है और उन्हें सूखे का डर सता रहा है. ऐसे में किसान जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.

मौसम की मार से परेशान हैं अन्नदाता
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Published : Jul 23, 2019, 5:09 PM IST

हजारीबाग: जिले में मौसम की बेरुखी से किसान परेशान है. बारिश नहीं होने और नदी, तालाब में पानी सूखने से किसान धान का बिचड़ा नहीं लगा पा रहे हैं. ऐसे में किसानों को सूखे का डर सता रहा है.

देखें पूरी खबर

किसानों का हाल-बेहाल
पिछले साल भी हजारीबाग में बारिश कम हुई थी. इस साल भी बारिश औसत रूप से बहुत कम देखने को मिल रही है. ऐसे में किसानों का हाल बेहाल है. नहर, तालाब में पानी नहीं होने से किसान चाह कर भी धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं. जो किसान बोरिंग या अन्य साधन से लैस हैं, वो बिचड़ा को जिंदा रखने के लिए पटवन का सहारा ले रहे हैं. वैसे किसान जिनके पास पटवन की सुविधा नहीं है, उनकी हालत खराब है.

ये भी पढ़ें-आसमान से मौत बनकर बरसी बिजली, 3 की गई जान, 7 झुलसे

हजारीबाग का इचाक प्रखंड खेती के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. वहां बारिश नहीं हुई है. इसके साथ ही कटकमदाग, कटकमसांडी, बड़कागांव, दारू, झुमरा गांव के किसान भी परेशान हैं.

किसानों की माने तो जिले में सुखाड़ की स्थिति हो गई है. उनका कहना है कि सावन के महीने में झमाझम बारिश होती थी. जिससे खेत हरा-भरा रहता था, लेकिन इस साल खेत सूखे पड़े हैं और किसान खेती भी नहीं कर पा रहे है. किसानों का यह भी कहना है कि ऐसे में उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कत होगी. अब उनकी नजर सरकार की ओर है कि उन्हें मदद करे और राहत दे.

हजारीबाग: जिले में मौसम की बेरुखी से किसान परेशान है. बारिश नहीं होने और नदी, तालाब में पानी सूखने से किसान धान का बिचड़ा नहीं लगा पा रहे हैं. ऐसे में किसानों को सूखे का डर सता रहा है.

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किसानों का हाल-बेहाल
पिछले साल भी हजारीबाग में बारिश कम हुई थी. इस साल भी बारिश औसत रूप से बहुत कम देखने को मिल रही है. ऐसे में किसानों का हाल बेहाल है. नहर, तालाब में पानी नहीं होने से किसान चाह कर भी धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं. जो किसान बोरिंग या अन्य साधन से लैस हैं, वो बिचड़ा को जिंदा रखने के लिए पटवन का सहारा ले रहे हैं. वैसे किसान जिनके पास पटवन की सुविधा नहीं है, उनकी हालत खराब है.

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हजारीबाग का इचाक प्रखंड खेती के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. वहां बारिश नहीं हुई है. इसके साथ ही कटकमदाग, कटकमसांडी, बड़कागांव, दारू, झुमरा गांव के किसान भी परेशान हैं.

किसानों की माने तो जिले में सुखाड़ की स्थिति हो गई है. उनका कहना है कि सावन के महीने में झमाझम बारिश होती थी. जिससे खेत हरा-भरा रहता था, लेकिन इस साल खेत सूखे पड़े हैं और किसान खेती भी नहीं कर पा रहे है. किसानों का यह भी कहना है कि ऐसे में उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कत होगी. अब उनकी नजर सरकार की ओर है कि उन्हें मदद करे और राहत दे.

Intro:मौसम की बेरुखी से किसान परेशान है।हो भी क्यों ना? बारिश नही होने और नदी,नहर, तालाब बेपानी होने से अधिकांश किसान जुलाई महीने में भी धान की नर्सरी नहीं लगा सके। अगर यही हाल रही तो हजारीबाग के किसान को सूखे का डर सता रहा है।


Body:धान की खेती के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है। पिछले साल भी हजारीबाग में बरसात कब हुई और इस साल भी बरसात औसत रूप से बहुत कम देखने को मिल रही है। ऐसे में किसानों का हाल बेहाल है। किसानों को सूखे का डर सता रहा है। नहर तालाब में पानी नहीं होने से किसान चाह कर भी धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं। जो किसान बोरीग या अन्य साधन से लैस है वह अपने बिचडा को जिंदा रखने के लिए पटवन का सहारा ले रहे हैं। लेकिन वैसे किसान जिनके पास पटवन की सुविधा नहीं है उनका हाल बेहाल है।

हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में खेत सूखे पड़े हैं और किसानों का हाल बेहाल है ।हजारीबाग इचाक प्रखंड जो की खेती के लिए विशेष रूप से जाना जाता है वहां बारिश नहीं हुई है। इसके साथ ही कटकमदाग ,कटकमसांडी ,बड़कागांव, दारू झुमरा गांव के किसान भी परेशान हैं। और सभी की निगाह से आसमान की ओर देख रहे हैं कि कब बरसात होगी और बिहन लगा पाएंगे ।किसानों की मानी जाए तो हजारीबाग में सुखाड़ की स्थिति हो गई है । किसानों का कहना है कि सावन के महीने में झमाझम बरसात होती थी। जिससे खेत भरा रहता था ।लेकिन इस साल खेत सूखे पड़े हैं और किसान खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। जिससे उनका पूरा परिवार प्रभावित रहेगा ।सालभर खेती करके खाने का इंतजाम किया जाता था। जो अनाज बसता था उसे बाजारों में बेच दिया जाता था। ताकि बच्चे के पढाई में दिक्कत ना हो। लेकिन इस बार ऊपर वाले की ऐसी मार पड़ी है कि पूरा परिवार परेशान रहेगा ।अब उनकी नजर सरकार की ओर है कि उन्हें मदद करें और राहत दे।
byte...रमेश महतो किसान
byte..... सुभाष प्रसाद मेहता किसान
byte... मुरली देवी महिला किसान


Conclusion:जिस तरह से हजारीबाग में औसत रूप से वर्षा कम हुई है। इसका बुरा प्रभाव खेती में तो पढ़ ही रहा है। ऐसे में पिछले साल की तरह इस साल भी किसान परेशान रहेंगे। जरूरत है जिला प्रशासन कि मदद की।
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