हजारीबाग: कोरोना संक्रमण कई लोगों के लिए अभिशाप बन कर आया है, लेकिन कई लोगों के लिए यह वरदान भी साबित हो रहा है. हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के लुपुंग गांव में एक किसान का इंजीनियर बेटा लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम कर रहा है. वह अपनी ड्यूटी के साथ-साथ खेतों में अपने माता-पिता का हाथ भी बटा रहा है.
किसान बड़े ही मेहनत के साथ अनाज उपजाता है और फिर उसे बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. किसान इसी पैसे से अपने बच्चे को पढ़ाता है और जब बच्चे को सफलता मिल जाती है तो किसानों का सर ऊंचा हो जाता है. ऐसा ही एक 24 वर्षीय युवक अजीत ने कर दिखाया है. अजीत एक किसान का बेटा है और वह आईटी में ग्रेजुएट है. अजीत नोएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा है. अजीत ने बताया कि उसके जो क्लाइंट हैं वह सभी विदेशी हैं, अब धीरे-धीरे भारत के भी क्लाइंट कंपनी में आ रहे हैं, लेकिन कोरोना के कारण अब तक ऑफिस बंद है और वर्क फ्रॉम होम चल रहा है. उन्होंने बताया कि 6 साल के बाद इतना लंबे समय क अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका मिला है, ऐसे में अपने ही खेत में बैठकर ही ऑफिस के काम के साथ-साथ खेती में भी हाथ बटा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो टेक्नोलॉजी के मदद से एक साथ दो काम कर रहा है.
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अजीत अपनी मां को सिखा रहा उन्नत खेती करने का गुर
वहीं इंजीनियर की मां आरती देवी कहती हैं कि बेटे को खेतों में देखकर बेहद खुशी मिल रही है, वह हम लोगों से खेती के बारे में जानकारी भी ले रहा है और उन्नत खेती के बारे में बता भी रहा है, ऐसे में हम लोगों को दोहरा लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमने जो सालों तक मेहनत कर बेटे को पढ़ाया-लिखाया उसका फल मिल रहा है, आज हमारा बेटा ऑफिस के काम के साथ-साथ खेतों में कुदाल भी चला रहा है.