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हजारीबाग में कोरोना मरीज की मौत, सामाजिक संस्था के सदस्यों ने किया अंतिम संस्कार

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Published : May 12, 2021, 12:55 AM IST

हजारीबाग के बरही में एक होटल में काम करने वाले कर्मचारी की कोरोना से मौत हो गई. उनके शव का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था. सामाजिक संस्था सद्भावना विकास मंच के सदस्यों ने स्वपन बोस के शव का अंतिम संस्कार किया.

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कोरोना मरीज की मौत

हजारीबाग: जिले के बरही अनुमंडलीय अस्पताल में एक कोविड मरीज की मौत हो गई. मृतक के परिवार में केवल एक बेटी ही है. मरीज की मौत के बाद शव को ले जाने वाला कोई भी नहीं था. इस विकट परिस्थिति में सद्भावना विकास मंच के सदस्यों ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों सहित प्रशासनिक सहयोग से मृतक का दाह संस्कार किया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें: कोरोना ने छीना सुहागः शादी के महज 7 दिन बाद पति की हुई मौत

बरही में एक लाइन होटल के कर्मचारी स्वपन बोस उर्फ अमली (48) की कोरोना से मौत हो गई. उनके अंतिम संस्कार के लिए न होटल का मालिक आगे आया और न ही समाज के लोग. स्वपन बोस के परिवार में केवल एक बेटी है, जिसने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा. मामले की जानकारी जब सामाजिक संस्था सद्भावना विकास मंच को मिली, तो मंच के सदस्यों ने सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो के सहयोग से स्वपन बोस के शव का अंतिम संस्कार करवाया. स्वपन बोस को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी.

सद्भावना विकास मंच ने किया सराहनीय कार्य

स्वपन बोस धमना में किराए के मकान में रहते थे. कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी बेटी दुर्गा ने उन्हें सोमवार को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई. स्वपन बोस ने जिस गांव में अपनी जिंदगी गुजार दी, जिस होटल में सालों से सेवा दे रहे थे, वहां से काेई भी व्यक्ति उनके अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया, जिसके बाद सामाजिक संस्था सद्भावना विकास मंच के सदस्यों ने उनका अंतिम संस्कार किया.

हजारीबाग: जिले के बरही अनुमंडलीय अस्पताल में एक कोविड मरीज की मौत हो गई. मृतक के परिवार में केवल एक बेटी ही है. मरीज की मौत के बाद शव को ले जाने वाला कोई भी नहीं था. इस विकट परिस्थिति में सद्भावना विकास मंच के सदस्यों ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों सहित प्रशासनिक सहयोग से मृतक का दाह संस्कार किया.

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बरही में एक लाइन होटल के कर्मचारी स्वपन बोस उर्फ अमली (48) की कोरोना से मौत हो गई. उनके अंतिम संस्कार के लिए न होटल का मालिक आगे आया और न ही समाज के लोग. स्वपन बोस के परिवार में केवल एक बेटी है, जिसने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा. मामले की जानकारी जब सामाजिक संस्था सद्भावना विकास मंच को मिली, तो मंच के सदस्यों ने सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो के सहयोग से स्वपन बोस के शव का अंतिम संस्कार करवाया. स्वपन बोस को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी.

सद्भावना विकास मंच ने किया सराहनीय कार्य

स्वपन बोस धमना में किराए के मकान में रहते थे. कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी बेटी दुर्गा ने उन्हें सोमवार को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई. स्वपन बोस ने जिस गांव में अपनी जिंदगी गुजार दी, जिस होटल में सालों से सेवा दे रहे थे, वहां से काेई भी व्यक्ति उनके अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया, जिसके बाद सामाजिक संस्था सद्भावना विकास मंच के सदस्यों ने उनका अंतिम संस्कार किया.

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