हजारीबाग: जिले में भारत-तिब्बत संघ ने दलाई लामा का जन्मोत्सव मनाया. इस दौरान भारत-तिब्बत संघ ने वर्तमान स्थिति में चीन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई. साथ ही साथ तिब्बत की कानूनी स्थिति को लेकर लोगों ने अपनी बातों को रखा.
कार्यक्रम के दौरान सुदेश कुमार चंद्रवंशी ने भारत के लिए तिब्बत के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अगर तिब्बत आजाद देश रहता, तो हमारे पूर्व के नेता तिब्बत को अलग देश की मान्यता देते और राष्ट्रीय सीमा पर ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता और हमारे जवान शहीद भी नहीं होते. कार्यक्रम में कहा गया कि पूरे विश्व के लिए चीन एक गंभीर खतरा बना हुआ है, विश्वयुद्ध के बादल चारों ओर मंडरा रहे हैं. चीन के इस विस्तारवादी नीति के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पूरे विश्व को अब चीन के खिलाफ खड़ा होना होगा और सबसे महत्वपूर्ण है कि चीन के सामानों का बहिष्कार करना होगा. अगर चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करते हैं तो यह हमारी पहली जीत होगी.
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बता दें कि तिब्बत पर 1950 से चीन का कब्जा है. तिब्बत पूरा पहाड़ी इलाका है. दलाई लामा तिब्बत के ही रहनेवाले हैं. जो विपरीत स्थिति में तिब्बत से भारत आए और भारत ने उन्हें शरण दिया. जिस वक्त उन्हें शरण दिया गया, उनकी उम्र महज 23 साल थी.