हजारीबाग: बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के उद्देश्य से अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है. जिसमे 3D प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर मिलेगा. टिंकरिंग लैब बच्चों को 21वीं सदी के जरूरी स्किल्स सीखने का सुनहरा मौका देगा.
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नए भारत का होगा निर्माण: अटल टिंकरिंग लैब को नए भारत के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. इस लैब को भारतीय छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार,रचनात्मकता का वातावरण बनाने के लिए स्कूलों में स्थापित किया जा रहा है. हजारीबाग में भी दो निजी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है. जिसमें छात्र अपने आइडिया साकार कर रहे हैं. ये लैब छात्रों को प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल को साधने में मदद करती है. सांसद जयंत सिन्हा भी इसे एक बड़ा कदम मानते हैं और कहते हैं कि छात्रों को उनके ऊंची उड़ान में अटल इन्नोवेशन मिशन हेल्प करेगा.
अटल लैब का साकारात्मक असर: बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से शुरू किए गए अटल टिंकरिंग लैब का साकारात्मक असर दिख रहा है. छात्र लैब में जाकर अपने इन्नोवेटिव आइडिया से कुछ नया करने की कोशिश में लगे हुए हैं .हजारीबाग सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में भी अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है. बच्चे भी कहते हैं अब हम अपनी सोच धरातल पर उतार रहे है.
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आत्मनिर्भर भारत का सपना: लैब में प्रयोग कर रहे एक छात्र के अनुसार अटल टिंकरिंग लैब आत्मनिर्भर भारत को साकार करने वाला है. छात्र बताते हैं कि वर्तमान समय में चाइनीज लाइट हर एक घरों में दिखती है. यहां तक की लोग अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी लगा रहे हैं. छात्र ने बताया कि उसने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जिसका उपयोग कर चाइनीज लाइट को मात दिया जा सकता है. ऐसे में कहीं न कहीं आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना इस लैब के जरिए पूरी हो रही है.
मील का पत्थर साबित होगा अटल टिंकरिंग लैब: अटल टिंकरिंग लैब के छात्रों को दिशा निर्देश देने वाले शिक्षक भी इसे मील का पत्थर मान रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि हम लोग छात्रों को सिलेबस बनाकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं. जिसमें छठी क्लास से लेकर दसवीं क्लास तक के बच्चे शामिल हैं. इस मिशन के तहत स्कूल के बच्चे अपने सोच को साकार कर रहे हैं और नए नए उपकरण बना रहे हैं. जिससे उनका मानसिक एवं बौद्धिक विकास हो रहा है.