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आरक्षण देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोधक, समाप्त हो: अखिल भारतीय कायस्थ महासभा

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Published : Nov 1, 2021, 9:17 PM IST

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने देश में आरक्षण को खत्म करने की वकालत की है. महासभा का मानना है कि आरक्षण देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोधक है.

All India Kayastha Mahasabha
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हजारीबाग: आरक्षण आज के समय में बहुत बड़ा मुद्दा है. जिसे लेकर आए दिन कोई ना कोई समाज या राजनीतिक दल अपनी मांग सामने रखता आया है. लेकिन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने आरक्षण का विरोध किया है. उनका कहना है कि समाज और देश के विकास में आरक्षण रोड़ा है. इस कारण अब आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए.


ये भी पढ़ें- झारखंड में ओबीसी को मिले 50% आरक्षण, अंबा प्रसाद ने सदन में उठाई आवाज


ऐसे तो सभी समाज आरक्षण को लेकर अपनी मांग रखता आया है. विभिन्न राजनीतिक दल भी आए दिन आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कराते रहे हैं. कई ऐसे राजनेता भी हैं जो आरक्षण की सीमा बढ़ाने की वकालत भी पिछले कई दिनों से कर रहे हैं. लेकिन अब आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने एक सिरे से आरक्षण समाप्त करने की वकालत की है. महासभा का कहना है कि आरक्षण देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोधक है. इस कारण इसे अब समाप्त कर देना चाहिए. वहीं उनका यह भी कहना है कि जब आरक्षण शुरू की गई थी तब एक समय सीमा था. लेकिन अब आरक्षण बढ़ता जा रहा है. सरकार को शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. अगर छात्र शिक्षित होंगे तो वह खुद ही विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में अपना जगह बना सकते हैं. आरक्षण देने से प्रतिभा सामने नहीं आ पाती है.

देखें पूरी खबर
दरअसल, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एके श्रीवास्तव हजारीबाग पहुंचे थे. जहां उन्होंने समाज के विकास के लिए अपनी बातों को रखा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है. इस कारण स्वरोजगार का तलाश करना और आत्मनिर्भर बनना जरूरी है. हर एक व्यक्ति को शिक्षित होना वर्तमान समय की मांग है. साथ ही साथ खुद को स्वस्थ रखना भी महत्वपूर्ण है. वहीं उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज सिर्फ अपने ही समाज के विकास की बात नहीं करता बल्कि अन्य समाज को भी साथ में लेकर चलने के लिए कोशिश करता है. आने वाले समय में कायस्थ महासभा खुद को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन भी करेगा. जहां देश हित और देश के विकास के लिए हम लोग चर्चा करेंगे.

हजारीबाग: आरक्षण आज के समय में बहुत बड़ा मुद्दा है. जिसे लेकर आए दिन कोई ना कोई समाज या राजनीतिक दल अपनी मांग सामने रखता आया है. लेकिन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने आरक्षण का विरोध किया है. उनका कहना है कि समाज और देश के विकास में आरक्षण रोड़ा है. इस कारण अब आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए.


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ऐसे तो सभी समाज आरक्षण को लेकर अपनी मांग रखता आया है. विभिन्न राजनीतिक दल भी आए दिन आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कराते रहे हैं. कई ऐसे राजनेता भी हैं जो आरक्षण की सीमा बढ़ाने की वकालत भी पिछले कई दिनों से कर रहे हैं. लेकिन अब आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने एक सिरे से आरक्षण समाप्त करने की वकालत की है. महासभा का कहना है कि आरक्षण देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोधक है. इस कारण इसे अब समाप्त कर देना चाहिए. वहीं उनका यह भी कहना है कि जब आरक्षण शुरू की गई थी तब एक समय सीमा था. लेकिन अब आरक्षण बढ़ता जा रहा है. सरकार को शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. अगर छात्र शिक्षित होंगे तो वह खुद ही विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में अपना जगह बना सकते हैं. आरक्षण देने से प्रतिभा सामने नहीं आ पाती है.

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दरअसल, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एके श्रीवास्तव हजारीबाग पहुंचे थे. जहां उन्होंने समाज के विकास के लिए अपनी बातों को रखा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है. इस कारण स्वरोजगार का तलाश करना और आत्मनिर्भर बनना जरूरी है. हर एक व्यक्ति को शिक्षित होना वर्तमान समय की मांग है. साथ ही साथ खुद को स्वस्थ रखना भी महत्वपूर्ण है. वहीं उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज सिर्फ अपने ही समाज के विकास की बात नहीं करता बल्कि अन्य समाज को भी साथ में लेकर चलने के लिए कोशिश करता है. आने वाले समय में कायस्थ महासभा खुद को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन भी करेगा. जहां देश हित और देश के विकास के लिए हम लोग चर्चा करेंगे.
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