गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर पंचायत के डाहुटोली गांव में धर्म परिवर्तन की वजह से दो परिवारों के बहिष्कार का मामला सामने आया है. स्थानीय लोगों ने दोनों परिवार के लोगों को गांव से खदेड़ दिया. ग्रामीणों के भय से पीड़ित परिवार ने थाने में शरण ली है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मामले को सुलझाने में लगी है.
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माहौल को सामान्य करने में जुटी पुलिस: इस घटना की सूचना के बाद शनिवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्ट एस.एन. मंडल,जिला परिषद सदस्य विजय लक्ष्मी,बीडीओ सुनीला खलको,सीओ अरूणिमा एक्का, थाना प्रभारी अनिल लिंडा, पुसो के थाना प्रभारी मिचराय पाड़ेया, शिवनाथपुर की मुखिया फ्लोरेंस देवी, घाघरा पंचायत की मुखिया इंद्रपाल भगत. तीन गांव के ग्राम सभा के लोग, पड़हा के राजा,बेल, कोटवार सहित दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया.
परिवारों को समझाने का प्रयास: बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले जटा उरांव की पत्नी विरसमुनी उरांव व उसका छह बच्चों व बंधन उरांव,उनकी पत्नी राजमुनी उरांव और उनके पांच बच्चों को भी बैठक में बुलाकर समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन वे ईसाई धर्म अपनाने पर डटे रहे. सभी के समझाने के बाद बैठक में मौजूद लोगों ने जमीन जगह से बेदखल करने और गांव में नहीं रहने देने का फैसला सुनाया.लगभग सात घंटे की लंबी बैठक के बाद प्रशासन गांव से बहिष्कृत किए गए दोनो परिवारों को थाने ले गई. ग्रामीणों ने बताया कि दोनो परिवार गांव वालों से छुप छुप कर चर्च जाया करते थे. इससे पहले भी दोनों को समझाया गया था.
चंगाई सभा पर कार्रवाई की मांग: बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि जब भगत ओझा पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है तो प्रशासन चंगाई सभा करने वाले ईसाई धर्म गुरुओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. सभी ग्रामीणों ने सरना समाज के भोले भाले गरीब लोगों को प्रलोभन और बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगो पर भी कार्रवाई की मांग की है.