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गुमला के कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में फूड प्वाइजनिंग की शिकार हुईं कई छात्राएं, तीन की हालत गंभीर

गुमला के कस्तूरबा गांधी स्कूल में फूड प्वाइजनिंग से दर्जनों छात्राएं बीमार हो गई हैं, जिसमें से 3 की स्थिति गंभीर है. गंभीर छात्राओं को इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुमला उपायुक्त से मामले में जांच की मांग की गई है.

food poisoning at Kasturba Gandhi School
food poisoning at Kasturba Gandhi School
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Published : Apr 5, 2022, 8:10 AM IST

Updated : Apr 5, 2022, 10:55 AM IST

गुमला: जिला के करम टोली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में फूड प्वाइजनिंग की घटना सामने आई है, जिसमें तीन छात्राओं को स्थिति गंभीर है. सोमवार रात आनन फानन में छात्राओं को एंबुलेंस से गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि इनके अलावा भी दर्जनों छात्राएं इस फूड प्वाइजनिंग की शिकार हुईं हैं, जो बुखार और अन्य समस्याओं से पीड़ित हैं. इनका इलाज स्कूल में हो रहा है.

इसे भी पढ़ें: झारखंड में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए खोले जाएंगे 6 आवासीय विद्यालय, संकल्प जारी

सूचना मिलने पर मजदूर संघ सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष जुमन खान अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली. इस पर उन्होंने उपायुक्त गुमला से जांच कर खाना बनाने वालों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. बच्चियों ने मजदूर संघ सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष सह प्रभारी जुमन खान को बताया कि छात्राओं के साथ वहां जेल जैसा व्यवहार किया जाता है. सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष ने इस पर अगर जल्द से जल्द सुधार नहीं हुआ तो मजदूर संघ सीएफटीयूआई पूरे राज्य में इसका विरोध करेगा. उनका कहना है कि यहां गरीब परिवार के बच्चे पढ़ने आते हैं. ऐसे में इस तरह की घटना जांच का विषय है.

देखें पूरी खबर

जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को खाना खाने के बाद सब को पेट पर दर्द, उल्टी और बुखार की समस्या होने लगी. गंभीर रूप से बीमार बच्चियां पूजा, रिंकी और नेहा का इलाज अब भी अस्पताल में जारी है. गंभीर छात्रा पूजा की उम्र 18 साल, रिंकी की 13 और नेहा की 14 साल बताई जा रही है. कस्तूरबा गांधी स्कूल में छत्रों को दिन भर में तीन बार खाना-नास्ता दिया जाता है.

गुमला: जिला के करम टोली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में फूड प्वाइजनिंग की घटना सामने आई है, जिसमें तीन छात्राओं को स्थिति गंभीर है. सोमवार रात आनन फानन में छात्राओं को एंबुलेंस से गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि इनके अलावा भी दर्जनों छात्राएं इस फूड प्वाइजनिंग की शिकार हुईं हैं, जो बुखार और अन्य समस्याओं से पीड़ित हैं. इनका इलाज स्कूल में हो रहा है.

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सूचना मिलने पर मजदूर संघ सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष जुमन खान अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली. इस पर उन्होंने उपायुक्त गुमला से जांच कर खाना बनाने वालों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. बच्चियों ने मजदूर संघ सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष सह प्रभारी जुमन खान को बताया कि छात्राओं के साथ वहां जेल जैसा व्यवहार किया जाता है. सीएफटीयूआई जिलाध्यक्ष ने इस पर अगर जल्द से जल्द सुधार नहीं हुआ तो मजदूर संघ सीएफटीयूआई पूरे राज्य में इसका विरोध करेगा. उनका कहना है कि यहां गरीब परिवार के बच्चे पढ़ने आते हैं. ऐसे में इस तरह की घटना जांच का विषय है.

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जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को खाना खाने के बाद सब को पेट पर दर्द, उल्टी और बुखार की समस्या होने लगी. गंभीर रूप से बीमार बच्चियां पूजा, रिंकी और नेहा का इलाज अब भी अस्पताल में जारी है. गंभीर छात्रा पूजा की उम्र 18 साल, रिंकी की 13 और नेहा की 14 साल बताई जा रही है. कस्तूरबा गांधी स्कूल में छत्रों को दिन भर में तीन बार खाना-नास्ता दिया जाता है.

Last Updated : Apr 5, 2022, 10:55 AM IST
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