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'भोजन वीर' बनी गुमला पुलिस, लॉकडाउन में गांव-गांव घूमकर लोगों को खिला रही है खाना - लॉकडाउन में सुदूर ग्रामीणों को खिला रही है खाना

लॉकडाउन के दौरान गुमला पुलिस सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर खाना खिलाने का काम कर रही है. ऐसे में ग्रामीण काफी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं गांव के लोगों ने कहा कि एक समय था जब लोग पुलिस को देखते ही अपने घरों में दुबक जाते थे और आज वहीं पुलिस हमारे लिए मसीहा बनी हुई है.

Police feeding food to remote villagers
'भोजन वीर' बनी गुमला पुलिस
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Published : May 30, 2020, 6:59 PM IST

गुमला: कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने कई लोगों के चेहरे को बदल कर रख दिया है. अब देखिए ना जिस पुलिस को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग घरों में दुबक जाते थे. अब उन्हें पुलिस को देखकर जरा भी डर नहीं लग रहा है. बल्कि अब लोग पुलिस को अपना मसीहा मानने लगे हैं. यह सब देखने को मिल रहा है गुमला जिले में. क्योंकि यहां कि पुलिस जहां दिन-रात लोगों की सुरक्षा के लिए शहर से लेकर सुदूर इलाकों में अपनी ड्यूटी कर रही हैं. तो वहीं वैश्विक महामारी के इस दौर में कई गांव में जाकर अपने पैसे से लोगों को भोजन भी करा रहे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

गुमला पुलिस लाइन की कैंटीन में सुबह से ही 4-5 पुलिसकर्मी खाना बनाने में जुड़ जाते हैं. जब खाना तैयार हो जाता है तो फिर उसे एक गाड़ी में भरकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निकल जाते हैं. हालांकि इससे पहले पुलिस के अधिकारी उन गांवों का चयन करते हैं. जिन गांव में इस वैश्विक महामारी के कारण लोगों के समक्ष भूख की समस्या उत्पन्न हुई हो. इसकी जानकारी के बाद पुलिस अधिकारी और जवान वहां गाड़ी के साथ पहुंचते हैं. फिर उसके बाद ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए भोजन बांटना शुरु कर देते हैं.

Police feeding food to remote villagers
बच्चों को खाना खिलाती पुलिस

ग्रामीणों का कहना है कि एक समय था जब लोग पुलिस को देखते ही अपने घरों में दुबक जाते थे. लेकिन इस वक्त गुमला पुलिस जो मानव सेवा कर रही है. उस कारण हम गुमला पुलिस को हमेशा आशीर्वाद ही देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण अभी सभी काम धंधे बंद हो गए हैं. जिसके कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि बेरोजगारी के कारण अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी थी. इस बीच गुमला पुलिस उनके समक्ष फरिश्ता बनकर आई और उन लोगों को हर दिन भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

Police feeding food to remote villagers
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खाना बांटती पुलिस

ये भी पढ़ें- इतिहास की कहानी बयां करता है ये होटल बुलेवर्ड, कई अनसुनी कहानियों का रह चुका है गवाह

कुछ दिव्यांग जनों ने कहा कि पुलिस इस वक्त हम सबों के बीच भोजन वीर बनकर हमें भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. जिसके कारण हमें भुखमरी का सामना नहीं करना पड़ा. वहीं गांव की एक युवती ने बताया कि वह खुद भी एक सरकारीकर्मी है मगर लॉकडाउन के कारण वह अपने गांव में फंस गई हैं. उसने कहा कि जिस तरह से गुमला पुलिस मानव सेवा करने में लगी है. उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है.

वहीं, गुमला के सार्जेन्ट मेजर ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुई है. उसके बाद से ही गुमला पुलिस जरूरतमंद और भूखे ग्रामीणों के बीच हर रोज गांव में जाकर भोजन उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि इस मानव सेवा के लिए वे किसी सरकारी फंड का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. बल्कि गुमला के जितने भी पुलिसकर्मी हैं. वह स्वेच्छा से अपने वेतन से दान दे रहे हैं जिससे यह सब कार्य हो पा रहा है.

गुमला: कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने कई लोगों के चेहरे को बदल कर रख दिया है. अब देखिए ना जिस पुलिस को देखते ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग घरों में दुबक जाते थे. अब उन्हें पुलिस को देखकर जरा भी डर नहीं लग रहा है. बल्कि अब लोग पुलिस को अपना मसीहा मानने लगे हैं. यह सब देखने को मिल रहा है गुमला जिले में. क्योंकि यहां कि पुलिस जहां दिन-रात लोगों की सुरक्षा के लिए शहर से लेकर सुदूर इलाकों में अपनी ड्यूटी कर रही हैं. तो वहीं वैश्विक महामारी के इस दौर में कई गांव में जाकर अपने पैसे से लोगों को भोजन भी करा रहे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

गुमला पुलिस लाइन की कैंटीन में सुबह से ही 4-5 पुलिसकर्मी खाना बनाने में जुड़ जाते हैं. जब खाना तैयार हो जाता है तो फिर उसे एक गाड़ी में भरकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निकल जाते हैं. हालांकि इससे पहले पुलिस के अधिकारी उन गांवों का चयन करते हैं. जिन गांव में इस वैश्विक महामारी के कारण लोगों के समक्ष भूख की समस्या उत्पन्न हुई हो. इसकी जानकारी के बाद पुलिस अधिकारी और जवान वहां गाड़ी के साथ पहुंचते हैं. फिर उसके बाद ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए भोजन बांटना शुरु कर देते हैं.

Police feeding food to remote villagers
बच्चों को खाना खिलाती पुलिस

ग्रामीणों का कहना है कि एक समय था जब लोग पुलिस को देखते ही अपने घरों में दुबक जाते थे. लेकिन इस वक्त गुमला पुलिस जो मानव सेवा कर रही है. उस कारण हम गुमला पुलिस को हमेशा आशीर्वाद ही देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण अभी सभी काम धंधे बंद हो गए हैं. जिसके कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि बेरोजगारी के कारण अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी थी. इस बीच गुमला पुलिस उनके समक्ष फरिश्ता बनकर आई और उन लोगों को हर दिन भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

Police feeding food to remote villagers
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खाना बांटती पुलिस

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कुछ दिव्यांग जनों ने कहा कि पुलिस इस वक्त हम सबों के बीच भोजन वीर बनकर हमें भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. जिसके कारण हमें भुखमरी का सामना नहीं करना पड़ा. वहीं गांव की एक युवती ने बताया कि वह खुद भी एक सरकारीकर्मी है मगर लॉकडाउन के कारण वह अपने गांव में फंस गई हैं. उसने कहा कि जिस तरह से गुमला पुलिस मानव सेवा करने में लगी है. उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है.

वहीं, गुमला के सार्जेन्ट मेजर ने बताया कि जब से लॉकडाउन हुई है. उसके बाद से ही गुमला पुलिस जरूरतमंद और भूखे ग्रामीणों के बीच हर रोज गांव में जाकर भोजन उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि इस मानव सेवा के लिए वे किसी सरकारी फंड का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. बल्कि गुमला के जितने भी पुलिसकर्मी हैं. वह स्वेच्छा से अपने वेतन से दान दे रहे हैं जिससे यह सब कार्य हो पा रहा है.

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