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गुमला में PDS के जरिए कार्डधारियों को मिल रहा नियमित अनाज, मगर ऑनलाइन आवेदक दर-दर भटकने को मजबूर

सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस एक भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है. इसके तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी के तहत सरकार की ओर से अनाज और राशन मिलता है. 760 जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से गुमला के लाखों राशन कार्डधारियों को प्रत्येक महीने अनाज मिल रहा है, लेकिन ऑनलाइन आवेदकों को महीनों से राशन लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

PDS shops are being operated regularly in gumla
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Published : Jun 8, 2020, 6:44 PM IST

गुमला: सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस एक भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है. भारत में जन वितरण प्रणाली की दुकानों से गरीबों को सब्सिडी के तहत अनाज और राशन पहुंचाया जाता है. वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में भी गुमला के सभी राशन कार्डधारियों को नियमित राशन दिया जा रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को सरकार की ओर से पीडीएस दुकानों के माध्यम से तीन महीने तक अतिरिक्त खाद्यान्न और दाल देने का प्रावधान लागू किया गया है. ऐसे में 760 पीडीएस दुकानों के माध्यम से गुमला के लाखों कार्डधारियों को राशन दिया जा रहा है. लेकिन डिजिटल के इस दौर में ऑनलाइन तरीके से राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले लोगों को महीनों बीत जाने के बाद भी राशन नहीं मिल रहा है. जिससे वे काफी परेशान हैं. ऐसे में गरीबों को परेशानी ना हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी कार्डधारियों को राशन वितरण कराते हुए उन्हें 3 महीने तक अतिरिक्त खाद्यान्न और दाल देने का प्रावधान लागू किया है.

राशन कार्डधारियों को मिल रहा नियमित अनाज

गुमला में खाद्य आपूर्ति विभाग अपने 760 पीडीएस दुकानदारों के माध्यम से लाखों कार्डधारियों के बीच अनाज का वितरण करता है. इसके साथ ही सरकार की ओर से नए आवेदकों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. ऐसे आवेदक जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और वे ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, उनको प्रति आवेदन 10 किलो अनाज प्रतिमाह देने का आदेश दिया है. इन सभी योजनाओं की हकीकत जानने जब ईटीवी भारत की टीम कार्डधारियों के बीच पहुंची तो लोगों ने नियमित राशन वितरण होने की बाद कही, लेकिन कुछ जरूरतमंद लोगों के आवेदन महीनों बीत जाने के बाद भी स्वीकार नहीं किए गए हैं.

और पढ़ें- रांचीः लॉकडाउन में ट्रक चालकों से मांगी जा रही थी रंगदारी, दारोगा ने नहीं की कार्रवाई, SSP ने किया सस्पेंड

क्या कहते हैं खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी

इस मामले पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा कि गुमला में 760 पीडीएस की दुकानें हैं. जिनमें से 734 दुकानें अभी संचालित है, शेष 26 दुकानें अनियमितता के आरोप में निलंबित हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में 1 लाख 63 हजार 630 कार्डधारी है. जिनसे 8 लाख 23 हजार लोग जुड़े हैं. जिले में बेहतर तरीके से पीडीएस के माध्यम से कार्डधारियों के बीच खाद्यान्न की आपूर्ति सौ फीसदी की जा रही है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिए जाने वाले खाद्यान्न दाल, चना का भी वितरण किया जा रहा है. अप्रैल के महीने में 32 हजार 40 लोगों ने आवेदन किया था, जिसके बाद स्क्रूटनी करने के बाद 31 हजार एक सौ आवेदकों को राशन मुहैया कराया गया है. जबकि मई महीने में 38 हजार एक सौ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. ऐसे में करीब 6 हजार राशन कार्ड की बढ़ोतरी हुई है, जिनका स्क्रूटनी की जा रही है. स्क्रूटनी के बाद जो कार्डधारी दायरे में आएंगे उनके बीच सोमवार से राशन का वितरण शुरू कर दिया जाएगा. बहरहाल, आपूर्ति विभाग राशन कार्ड धारियों के साथ-साथ नए आवेदकों को राशन उपलब्ध कराने की बात तो जरूर कर रही है, मगर इसमें जो नए आवेदक हैं उन्हें अब भी राशन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

गुमला: सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस एक भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है. भारत में जन वितरण प्रणाली की दुकानों से गरीबों को सब्सिडी के तहत अनाज और राशन पहुंचाया जाता है. वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में भी गुमला के सभी राशन कार्डधारियों को नियमित राशन दिया जा रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को सरकार की ओर से पीडीएस दुकानों के माध्यम से तीन महीने तक अतिरिक्त खाद्यान्न और दाल देने का प्रावधान लागू किया गया है. ऐसे में 760 पीडीएस दुकानों के माध्यम से गुमला के लाखों कार्डधारियों को राशन दिया जा रहा है. लेकिन डिजिटल के इस दौर में ऑनलाइन तरीके से राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले लोगों को महीनों बीत जाने के बाद भी राशन नहीं मिल रहा है. जिससे वे काफी परेशान हैं. ऐसे में गरीबों को परेशानी ना हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी कार्डधारियों को राशन वितरण कराते हुए उन्हें 3 महीने तक अतिरिक्त खाद्यान्न और दाल देने का प्रावधान लागू किया है.

राशन कार्डधारियों को मिल रहा नियमित अनाज

गुमला में खाद्य आपूर्ति विभाग अपने 760 पीडीएस दुकानदारों के माध्यम से लाखों कार्डधारियों के बीच अनाज का वितरण करता है. इसके साथ ही सरकार की ओर से नए आवेदकों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. ऐसे आवेदक जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और वे ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, उनको प्रति आवेदन 10 किलो अनाज प्रतिमाह देने का आदेश दिया है. इन सभी योजनाओं की हकीकत जानने जब ईटीवी भारत की टीम कार्डधारियों के बीच पहुंची तो लोगों ने नियमित राशन वितरण होने की बाद कही, लेकिन कुछ जरूरतमंद लोगों के आवेदन महीनों बीत जाने के बाद भी स्वीकार नहीं किए गए हैं.

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क्या कहते हैं खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी

इस मामले पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा कि गुमला में 760 पीडीएस की दुकानें हैं. जिनमें से 734 दुकानें अभी संचालित है, शेष 26 दुकानें अनियमितता के आरोप में निलंबित हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में 1 लाख 63 हजार 630 कार्डधारी है. जिनसे 8 लाख 23 हजार लोग जुड़े हैं. जिले में बेहतर तरीके से पीडीएस के माध्यम से कार्डधारियों के बीच खाद्यान्न की आपूर्ति सौ फीसदी की जा रही है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिए जाने वाले खाद्यान्न दाल, चना का भी वितरण किया जा रहा है. अप्रैल के महीने में 32 हजार 40 लोगों ने आवेदन किया था, जिसके बाद स्क्रूटनी करने के बाद 31 हजार एक सौ आवेदकों को राशन मुहैया कराया गया है. जबकि मई महीने में 38 हजार एक सौ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. ऐसे में करीब 6 हजार राशन कार्ड की बढ़ोतरी हुई है, जिनका स्क्रूटनी की जा रही है. स्क्रूटनी के बाद जो कार्डधारी दायरे में आएंगे उनके बीच सोमवार से राशन का वितरण शुरू कर दिया जाएगा. बहरहाल, आपूर्ति विभाग राशन कार्ड धारियों के साथ-साथ नए आवेदकों को राशन उपलब्ध कराने की बात तो जरूर कर रही है, मगर इसमें जो नए आवेदक हैं उन्हें अब भी राशन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

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