गुमलाः जिले में छत्तीसगढ़ जसपुर की ओर से घुसे हाथियों के झुंड द्वारा पिछले 2 महीने से उत्पात मचाया जा रहा है. क्षेत्र में अभी भी गजराज का आतंक छाया हुआ है. लगातार क्षेत्र में जान-माल की क्षति भी हो रही है. बावजूद वन विभाग द्वारा हाथियों के झुंड को अब तक न ही सुरक्षित जोन तक भेजा जा सका है न ही अब तक सार्थक पहल ही हुआ है.
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हाथियों के उत्पात की वजह से सुदूरवर्ती जंगली क्षेत्रों में भय के साए में रात गुजारने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं. बता दें कि पिछले 2 महीने में 3 दर्जन से अधिक घरों को ध्वस्त करने के साथ ही 4 लोगों को अब तक हाथी ने मौत के घाट उतारा है. जबकि सैकड़ों एकड़ में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है.
बता दें कि रायडीह प्रखंड अंतर्गत कनचोडा कैमटे निवासी लगभग 60 वर्षीय वृद्ध है जूलियानुस तिग्गा बैल चराने के लिए गांव में निकले थे. इसी दौरान रास्ते पर जंगली हाथी से अचानक सामना हो गया. हाथी ने उसे पटक कर कुचल डाला, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस नं मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया गया.
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं परिजनों ने बताया है कि घटना के काफी देर गुजर जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा किसी तरह का मुआवजा तक नहीं दिया गया है. मृतक के परिजनों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया की जुलियानुस तिग्गा बैल चराने निकला था, इस दौरान अचानक से जंगली हाथी से उसका सामना हो गया. वहीं ग्रामीणों ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मृतक के आश्रितों को मुआवजे की मांग की है