गुमला: जिले में पिछले तीन-चार दिनों में हुई बारिश और आंधी-तूफान ने जबरदस्त तबाही मचाई है. खासकर जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इससे जबरदस्त क्षति पहुंची है. आंधी-तूफान ने लोगों के घरों को उजाड़ दिया है. जिसके बाद जब बारिश हुई तो घर में रखे खाने-पीने के सामान और अनाज भी बर्बाद हो गए हैं. ऐसे में वैश्विक महामारी के इस काल में बेमौसम हुई बारिश से लोगों को दोहरी परेशानी हो रही है.
जिला मुख्यालय से सटे पहाड़ पनारी गांव के लोग बताते हैं कि जब अचानक तेज आंधी तूफान और बारिश एक साथ शुरू हुई तो एक समय लगा कि प्रलय होने वाला है. तेज आंधी-तूफान के कारण घर के छत उड़ गए और बारिश होने की वजह से घरों में पानी घुसने लगी. वहीं दूसरी ओर तेज गड़गड़ाहट के साथ जब बादल गरज रहे थे तो वज्रपात होने की आशंका से दिल बैठा जा रहा था.
सरकार से मांगी मदद
ग्रामीण बताते हैं कि आंधी-तूफान से घर का छत का साया हट गया है. अब ऐसे में अगर सरकार मदद नहीं देती है तो बेमौत मारे जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें आंधी-तूफान और बारिश से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति दें ताकि फिर से अपने घरों की मरम्मत कर सकें और धूप बारिश से खुद का बचाव कर सकें.
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वहीं, इस मामले पर जिले के अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि आंधी-तूफान से हुए नुकसान को लेकर आपदा प्रबंधन के तहत क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा देने का प्रावधान है. इसमें आंशिक क्षति होने पर 3200 रुपये और पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर 95 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है. उन्होंने कहा कि जिनका भी नुकसान हुआ है वह बीडीओ और एसडीओ के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद उन्हें आपदा प्रबंधन के तहत सहायता की जाएगी.