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PLFI कमांडर बसंत गोप की हत्या, कई कांडों में था शामिल

पीएलएफआई कमांडर बंसत गोप की हत्या,  naxalite in jharkhand,  गुमला थाना, नक्सली बसंत गोप की हत्या
नक्सली बसंत गोप का शव
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Published : May 6, 2020, 5:29 PM IST

Updated : May 7, 2020, 10:07 AM IST

17:22 May 06

गुमला में PLFI कमांडर बंसत गोप की हत्या

देखें पूरी खबर

गुमला: जिले की पुलिस के लिए लंबे समय से सिर दर्द बना उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सब जोनल कमांडर बसंत गोप की मंगलवार की रात टाउन थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में एक महिला ने कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी. उग्रवादी कमांडर बसंत गोप पर दर्जनों मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज थे. जिनमें हत्या, लूट, लेवी मांगने आदि का आरोप शामिल है.

पुलिस फोर्स की तैनाती 

घटना के बाद गांव में दहशत है. ग्रामीण इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उग्रवादी अपने कमांडर की हत्या का बदला लेने के लिए गांव में धावा न बोल दें. इसी वजह से फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से बृंदा नायकटोली गांव में पुलिस फोर्स की तैनाती कर रखी है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में मोचियों की बढ़ी मुश्किल, सूनी सड़क पर ग्राहकों का इंतजार

क्या है पूरा मामला

दरअसल, उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का कमांडर बसंत गोप अपने दस्ते के साथ बृंदा नायकटोली गांव में ही शनिचरा उरांव सहित परिवार के सदस्यों की हत्या करने की नीयत से हमला बोल दिया था. इस दौरान उग्रवादियों ने दर्जनों राउंड फायरिंग की थी. इसके बावजूद जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो बसंत ने घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की. उसी वक्त दरवाजे के पीछे से शनिचरा उरांव की पत्नी ने बसंत पर कुल्हाड़ी से जोरदार हमला कर दिया. हमले में बसंत गोप घायल होकर गिर पड़ा. अपने कमांडर को तड़पता देख अन्य सदस्यों ने तत्काल उसे उठाकर वहां से भाग खड़े हुए और दूर जंगल में जाकर छिप गए. लेकिन इस बीच बसंत गोप की मौत हो गई. जिसके कारण उग्रवादियों ने बसंत के शव को एक गड्ढे में डाल दिया और ऊपर से पत्तों से ढक दिया, ताकि उसके शव को पुलिस या कोई अन्य ढूंढ न सकें.

काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को खोज निकाला

इधर, घटना की जानकारी बुधवार को दोपहर में गुमला पुलिस को दी गई. जिसके बाद पुलिस गांव पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की. इस दौरान पुलिस ने पाया कि शनिचरा उरांव के घर में खून के धब्बे पड़े हुए हैं, दरवाजे पर खून के छींटे हैं और गोलियों के निशान भी हैं. इतनी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस बृंदा नायकटोली गांव से सटे जंगल में बसंत की खोजबीन शुरू कर दी. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को खोज निकाला और फिर उसे अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए गुमला भेज दिया.

ये भी पढ़ें- रास सांसद महेश पोद्दार का दावा, उद्योग-व्यापार दे सकेंगे इस संकट का तात्कालिक समाधान

दो साल पहले कर दी थी पीड़ित के पिता की हत्या

वहीं, शनिचरा उरांव के छोटे भाई ने बताया कि 2 साल पहले ही उग्रवादियों ने उसके पिता की हत्या कर दी थी. जिसके बाद वह गांव छोड़कर भाग गए थे. उग्रवादियों ने उसके पिता की हत्या विकास कार्यों में उग्रवादियों को लेवी नहीं देने के कारण की थी. पिता की हत्या के कारण पूरे परिवार के साथ वे लोग गांव छोड़कर भाग गए थे.

ये भी पढ़ें- SPECIAL: सफाईकर्मियों पर मंडरा रहा कातिल कोरोना का काला साया

पुलिस ने क्या कहा

पूरे मामले पर गुमला थाना प्रभारी सह पुलिस इंस्पेक्टर शंकर ठाकुर ने बताया कि मंगलवार की रात बसंत गोप अपने दस्ते के साथ बृंदा नायकटोली गांव में शनिचरा उरांव के घर पर हमला बोला था. इसी दौरान शनिचरा उरांव की पत्नी ने कुल्हाड़ी से बसंत गोप पर वार कर दिया जिसके कारण वह घायल हो गया. घायल होने के बाद उग्रवादी उसे उठाकर भाग गए थे. उन्होंने बताया कि जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पुलिस पूरे मामले की छानबीन की और मारे गए उग्रवादी के शव को बरामद कर लिया. उन्होंने बताया कि बसंत गोप के मारे जाने के बाद बृंदा नायकटोली के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में शांति होगी. अब इन इलाकों में लेवी और आपराधिक घटनाओं पर विराम लगेगा.

17:22 May 06

गुमला में PLFI कमांडर बंसत गोप की हत्या

देखें पूरी खबर

गुमला: जिले की पुलिस के लिए लंबे समय से सिर दर्द बना उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सब जोनल कमांडर बसंत गोप की मंगलवार की रात टाउन थाना क्षेत्र के बृंदा नायकटोली गांव में एक महिला ने कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी. उग्रवादी कमांडर बसंत गोप पर दर्जनों मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज थे. जिनमें हत्या, लूट, लेवी मांगने आदि का आरोप शामिल है.

पुलिस फोर्स की तैनाती 

घटना के बाद गांव में दहशत है. ग्रामीण इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उग्रवादी अपने कमांडर की हत्या का बदला लेने के लिए गांव में धावा न बोल दें. इसी वजह से फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से बृंदा नायकटोली गांव में पुलिस फोर्स की तैनाती कर रखी है.

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का कमांडर बसंत गोप अपने दस्ते के साथ बृंदा नायकटोली गांव में ही शनिचरा उरांव सहित परिवार के सदस्यों की हत्या करने की नीयत से हमला बोल दिया था. इस दौरान उग्रवादियों ने दर्जनों राउंड फायरिंग की थी. इसके बावजूद जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो बसंत ने घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की. उसी वक्त दरवाजे के पीछे से शनिचरा उरांव की पत्नी ने बसंत पर कुल्हाड़ी से जोरदार हमला कर दिया. हमले में बसंत गोप घायल होकर गिर पड़ा. अपने कमांडर को तड़पता देख अन्य सदस्यों ने तत्काल उसे उठाकर वहां से भाग खड़े हुए और दूर जंगल में जाकर छिप गए. लेकिन इस बीच बसंत गोप की मौत हो गई. जिसके कारण उग्रवादियों ने बसंत के शव को एक गड्ढे में डाल दिया और ऊपर से पत्तों से ढक दिया, ताकि उसके शव को पुलिस या कोई अन्य ढूंढ न सकें.

काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को खोज निकाला

इधर, घटना की जानकारी बुधवार को दोपहर में गुमला पुलिस को दी गई. जिसके बाद पुलिस गांव पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की. इस दौरान पुलिस ने पाया कि शनिचरा उरांव के घर में खून के धब्बे पड़े हुए हैं, दरवाजे पर खून के छींटे हैं और गोलियों के निशान भी हैं. इतनी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस बृंदा नायकटोली गांव से सटे जंगल में बसंत की खोजबीन शुरू कर दी. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को खोज निकाला और फिर उसे अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए गुमला भेज दिया.

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दो साल पहले कर दी थी पीड़ित के पिता की हत्या

वहीं, शनिचरा उरांव के छोटे भाई ने बताया कि 2 साल पहले ही उग्रवादियों ने उसके पिता की हत्या कर दी थी. जिसके बाद वह गांव छोड़कर भाग गए थे. उग्रवादियों ने उसके पिता की हत्या विकास कार्यों में उग्रवादियों को लेवी नहीं देने के कारण की थी. पिता की हत्या के कारण पूरे परिवार के साथ वे लोग गांव छोड़कर भाग गए थे.

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पुलिस ने क्या कहा

पूरे मामले पर गुमला थाना प्रभारी सह पुलिस इंस्पेक्टर शंकर ठाकुर ने बताया कि मंगलवार की रात बसंत गोप अपने दस्ते के साथ बृंदा नायकटोली गांव में शनिचरा उरांव के घर पर हमला बोला था. इसी दौरान शनिचरा उरांव की पत्नी ने कुल्हाड़ी से बसंत गोप पर वार कर दिया जिसके कारण वह घायल हो गया. घायल होने के बाद उग्रवादी उसे उठाकर भाग गए थे. उन्होंने बताया कि जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पुलिस पूरे मामले की छानबीन की और मारे गए उग्रवादी के शव को बरामद कर लिया. उन्होंने बताया कि बसंत गोप के मारे जाने के बाद बृंदा नायकटोली के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में शांति होगी. अब इन इलाकों में लेवी और आपराधिक घटनाओं पर विराम लगेगा.

Last Updated : May 7, 2020, 10:07 AM IST
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