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विकास योजनाओं में बह रही भ्रष्टाचार की बयार, ऐसे में कैसे टिकेगा चेक डैम

गुमला के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के बिमरला कोचाअंबा नाला में लघु सिंचाई विभाग की ओर से चेक डैम का निर्माण कराया जा रहा है. मगर ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से इसके निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है.

चेक डैम के निर्माण में अनियमितता
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Published : Oct 19, 2019, 3:16 PM IST

गुमला: जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के बिमरला कोचाअंबा नाला में अन्नदाताओं की खेतों को पानी मिल सके इसके लिए लघु सिंचाई विभाग की ओर से चेक डैम का निर्माण कराया जा रहा है. मगर ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से तय मानकों को ताक पर रखकर चेक डैम की नींव रखी जा रही है.

देखें पूरी खबर
नहीं सुनते ठेकेदार और इंजीनियरऐसा नहीं है कि चेक डैम निर्माण में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने संवेदक और अभियंताओं से काम की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नहीं कहा है. बावजूद इसके संवेदक और इंजीनियर ग्रामीणों की एक नहीं सुन रहे हैं.

ये भी पढ़ें- गोड्डा-महागामा रेलवे लाइन निर्माण को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर, 72 साल से ट्रेन का इंतजार

47 लाख रुपए की लागत
बहरहाल, 47 लाख रुपए की लागत से बनने वाला यह चेक डैम कितने सालों तक जमीन पर ठहर पाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

गुमला: जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के बिमरला कोचाअंबा नाला में अन्नदाताओं की खेतों को पानी मिल सके इसके लिए लघु सिंचाई विभाग की ओर से चेक डैम का निर्माण कराया जा रहा है. मगर ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से तय मानकों को ताक पर रखकर चेक डैम की नींव रखी जा रही है.

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नहीं सुनते ठेकेदार और इंजीनियरऐसा नहीं है कि चेक डैम निर्माण में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने संवेदक और अभियंताओं से काम की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नहीं कहा है. बावजूद इसके संवेदक और इंजीनियर ग्रामीणों की एक नहीं सुन रहे हैं.

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47 लाख रुपए की लागत
बहरहाल, 47 लाख रुपए की लागत से बनने वाला यह चेक डैम कितने सालों तक जमीन पर ठहर पाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

Intro:गुमला : भ्रष्टाचार की अविरल धारा किस कदर गुमला जिला में बह रही है इससे ईटीवी भारत आज आपको रूबरू करा रही है । दरअसल जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के बिमरला पंचायत के अन्न दाताओं के खेतों को पानी मिल सके इसके लिए लघु सिंचाई विभाग के द्वारा चैक डैम का निर्माण कराया जा रहा है । मगर संवेदक और विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से प्राक्कलन राशि के विपरीत एवं तय मानकों को ताक पर रखकर चेक डैम का नींव रखा जा रहा है ।


Body:चेक डैम निर्माण में स्टीमेट के आधार पर बेड की ढलाई नहीं की जा रही है । जब हमने काम कर रहे मजदूरों से इंची टेप के माध्यम से ढलाई की जा रही है बेड को मापने का काम किया तो वह महज छह से आठ इंच ही ढलाई की जा रही थी । वही चेक डैम के दीवार बनाने के लिए जिस पत्थर का उपयोग किया जा रहा है वह वन क्षेत्र से संग्रहित कर लाया गया है उस पत्थर को हाथों से पटक देने से चूर चूर हो जा रहा है ।
ऐसा नहीं है कि चेक डैम निर्माण में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने संवेदक और अभियंताओं से काम की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नहीं कहा है । बावजूद इसके संवेदक और अभियंता ग्रामीणों की एक नहीं सुन रहे हैं । ग्रामीणों का कहना है कि चेक डैम के निर्माण कार्य में अनियमितता तो बरती जा ही रही है , बल्कि चेकडैम का निर्माण स्थल भी गलत जगह पर विभाग के द्वारा चयन किया गया है ।


Conclusion:वही इस संबंध में लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि काम अभी शुरुआती दौर में है अगर निर्माण कार्य में अनियमितता है तो उसमें सुधार हर हाल में कराया जाएगा ।
बहरहाल गुमला जिला के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के विमरला कोचाअम्बा नाला में 47 लाख रुपये की लागत से बनने वाला यह चेक डैम कितने सालों तक जमीन पर ठहर पाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।
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