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हनुमान जयंती 2022ः हरि नाम से गूंजा अंजन धाम, सांसद-ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने लगाई हाजिरी

हनुमान जयंती पर झारखंड के अंजन धाम में हनुमान जन्मोत्सव की धूम है. पूरा अंजन धाम हरि कीर्तन से गूंज रहा है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन, सांसद सुदर्शन भगत समेत तमाम आम ओ खास तक शनिवार को यहां दर्शन करने पहुंचे.

Hanuman Jayanti 2022
अंजन धाम में उमडे़ भक्त
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Published : Apr 16, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 7:07 PM IST

गुमलाः हनुमान जयंती 2022 देश भर में धूमधाम से मनाई जा रही है. इसको लेकर देशभर में तमाम आयोजन हो रहे हैं. इस कड़ी में शनिवार को महावीर हनुमान का जन्मस्थल माने जाने वाले झारखंड के अंजनधाम मंदिर में भी तमाम आयोजन हो रहे हैं. इस कड़ी में यहां हरि कीर्तन चल रहा है. वहीं दूर-दराज के तमाम लोग दर्शन करने पहुंचे हैं. झारखंड सरकार के ग्रामीण विभाग के सचिव मनीष रंजन और सांसद सुदर्शन भगत तक ने दर्शन किया. अंजन धाम में आज 251 किलोग्राम वजन का घंटा भी लगाया गया. जिसकी आवाज से भक्तों को महावीर हनुमान का स्मरण होता रहेगा.

ये भी पढ़ें-हनुमान जयंती 2022 पर खासः इन मंत्रों के जाप से प्रसन्न होंगे महावीर हनुमान, ऐसे करें पूजा-अर्चना

बता दें कि चैत्र पूर्णिमा को भगवान हनुमान की जयंती मनाई जाती है. इसको लेकर झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से 21 किमी दूर स्थित अंजनधाम में दो साल बाद कार्यक्रम हो रहा है. यहां हनुमानजी की छठी भी मनाई जाती है. इस साल यहां हनुमान जयंती पर अखंड हरि कीर्तन का आयोजन किया गया है, जिसमें दूर दराज के श्रद्धालु पहुंचे हैं. 56 भोग का भंडारा भी लगाया गया है. जिसमें तमाम श्रद्धालु प्रसाद ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

दो साल बंद रहे कार्यक्रमः बता दें कि कोरोना के कारण यहां दो साल तक कार्यक्रम नहीं हो पाए थे. इस साल जब कोरोना संकट पर नियंत्रण लगा तब सरकार ने कार्यक्रमों की छूट दी. इससे साल अंजन धाम में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें तमाम श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. अंजन धाम के मुख्य पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया अंजन धाम मंदिर और महावीर हनुमान के दूसरे देशों में रहने वाले भक्त भी यहां पहुंचे हैं और दर्शन कर रहे हैं.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में भंडारा

भक्तों का तांताः हनुमान जयंती पर झारखंड के अंजन धाम में शनिवार को भक्तों का तांता लगा हुआ है. चैत पूर्णिमा पर यहां हनुमान जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. सुबह से ही पूजा के लिए भक्त पहुंचे हुए हैं. स्थानीय मंदिर विकास समिति ने यहां शनिवार को विशेष सामूहिक पूजा, आरती, हनुमान चालीसा पाठ और महाभंडारे का आयोजन किया है. झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन परिवार ने भी यहां परिवार संग पूजा-अर्चना की. मंदिर विकास समिति की ओर से उन्हें तस्वीर भी भेंट की. लोकसभा सांसद सुदर्शन भगत ने यहां 251 किलोग्राम के घंटे का उद्घाटन किया. इस मौके पर मुरली मनोहर मिश्रा, शंकर मिस्त्री, अमित श्रीवास्तव, अमन आनंद, श्रीदेव सिंह, राजेश चिक बढ़ाईक, अजय उरांव, विकास पाठक, जीतवाहन चिक बड़ाईक, जलेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे.

Anjan Dham jharkhand
झारखंड में अंजन धाम

क्या है किंवदंतीः अंजन धाम मंदिर के पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया कि रामायण में इस स्थान का उल्लेख है. ग्रंथों में जिस अंजान पर्वत यानी अंजना पर्वत का उल्लेख है. यह वही जगह है. उन्होंने बताया कि माता अंजना को गौतम ऋषि का श्राप था, जिसके निवारण के लिए वे अज्ञातवास में यहां रह रहीं थीं. वे गुफा में रहती थीं. वो रोजाना एक महुआ पेड़ से दतुअन, एक सरोवर में स्नान और एक शिवलिंग की पूजा करती थीं. जिसके बाद यहां रूद्रावतार का गुफा में जन्म हुआ. जिसके कारण यहां बाल स्वरूप में हनुमानजी की मूर्ति है.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम झारखंड

गुफा बंद होने की कहानीः अंजन धाम के पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया कि प्राचीनकाल से यहां गुफा दिखती थी, लेकिन यहां किसी ने बकरे की बलि दे दी थी. जिससे गुफा बंद हो गई. मान्यता है कि माता ने गुफा बंद कर ली थी. लेकिन बाद में गुफा किसी तरह खोली गई.

बिजली का अभावः राज्य के इतने महत्वपूर्ण स्थल की उपेक्षा से स्थानीय लोगों में नाराजगी है. मंदिर विकास समिति के महामंत्री मुरली मनोहर मिश्रा ने बताया कि यहां सड़क तो बना दी गई है, लेकिन यहां बिजली की व्यवस्था नहीं है. जिससे यहां रात में अंधेरा छा जाता है. यहां बिजली व्यवस्था सुचारू हो तो और भक्त, पर्यटक यहां आ सकते हैं. मिश्रा का कहना है कि यह पहाड़ी क्षेत्र है और आना जाना सुगम नहीं है, दुर्घटना होने पर इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पताल जाना पड़ता है. इससे इलाज मिलने में देरी होती है. इसलिए यहां एक अस्पताल की जरूरत है, ताकि लोगों को जल्दी इलाज मिले. इसके लिए यहां पेयजल व्यवस्था भी सुचारू करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-आज है हनुमान जयंती, साढ़े साती, मंगल दोष और कष्टों से मुक्ति के लिए करें उपाय

माता अंजना की गोद में बाल हनुमान की मूर्तिः स्थानीय लोगों का कहना है कि मान्यता है कि झारखंड के अंजन पहाड़ की गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था. इसलिए यहां बाल हनुमान को गोद में लिए माता अंजनी की भव्य प्रतिमा स्थापित है. यहां झारखंड ही नहीं दूसरे राज्यों से भी हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. खासकर रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव पर यहां विशेष कार्यक्रम होता है. इसके लिए महीनों से तैयारी की जाती है. इस दौरान पूरा क्षेत्र श्रीराम के उद्घोष से गूंजता है.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में दर्शन करने पहुंचे सांसद

जंगल और पहाड़ों से घिरा है अंजन धामः अंजन धाम प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो जंगल और पहाड़ों से घिरा है. यहां पहाड़ की चोटी पर गुफा है, मान्यता है कि इसी गुफा में माता अंजनी के गर्भ से भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. जहां आज अंजनी माता की प्रस्तर मूर्ति विद्यमान है. अंजनी माता जिस गुफा में रहा करती थीं. उसका प्रवेश द्वार एक विशाल पत्थर की चट्टान से बंद था. जिसे कुछ साल पहले खुदाई कर खोला गया है. कहा जाता है कि गुफा की लंबाई 1500 फीट से अधिक है. इसी गुफा से माता अंजनी खटवा नदी तक जाती थीं और स्नान कर लौट आती थीं. खटवा नदी में एक अंधेरी सुरंग है, जो अंजन गुफा तक जाती है.


यह भी मान्यताः मंदिर के पुजारी केदारनाथ मिश्रा ने बताया कि पहले अंजन धाम में 365 शिवलिंग, उतने ही महुआ के पेड़, बेल के वृक्ष, तालाब हुआ करते थे, इनमें से अधिकतर विलुप्त होने के कगार पर हैं. हालांकि कुछ तालाब व पुराने महुआ के पेड़ आज भी मौजूद हैं.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालु

गुमलाः हनुमान जयंती 2022 देश भर में धूमधाम से मनाई जा रही है. इसको लेकर देशभर में तमाम आयोजन हो रहे हैं. इस कड़ी में शनिवार को महावीर हनुमान का जन्मस्थल माने जाने वाले झारखंड के अंजनधाम मंदिर में भी तमाम आयोजन हो रहे हैं. इस कड़ी में यहां हरि कीर्तन चल रहा है. वहीं दूर-दराज के तमाम लोग दर्शन करने पहुंचे हैं. झारखंड सरकार के ग्रामीण विभाग के सचिव मनीष रंजन और सांसद सुदर्शन भगत तक ने दर्शन किया. अंजन धाम में आज 251 किलोग्राम वजन का घंटा भी लगाया गया. जिसकी आवाज से भक्तों को महावीर हनुमान का स्मरण होता रहेगा.

ये भी पढ़ें-हनुमान जयंती 2022 पर खासः इन मंत्रों के जाप से प्रसन्न होंगे महावीर हनुमान, ऐसे करें पूजा-अर्चना

बता दें कि चैत्र पूर्णिमा को भगवान हनुमान की जयंती मनाई जाती है. इसको लेकर झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से 21 किमी दूर स्थित अंजनधाम में दो साल बाद कार्यक्रम हो रहा है. यहां हनुमानजी की छठी भी मनाई जाती है. इस साल यहां हनुमान जयंती पर अखंड हरि कीर्तन का आयोजन किया गया है, जिसमें दूर दराज के श्रद्धालु पहुंचे हैं. 56 भोग का भंडारा भी लगाया गया है. जिसमें तमाम श्रद्धालु प्रसाद ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

दो साल बंद रहे कार्यक्रमः बता दें कि कोरोना के कारण यहां दो साल तक कार्यक्रम नहीं हो पाए थे. इस साल जब कोरोना संकट पर नियंत्रण लगा तब सरकार ने कार्यक्रमों की छूट दी. इससे साल अंजन धाम में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें तमाम श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. अंजन धाम के मुख्य पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया अंजन धाम मंदिर और महावीर हनुमान के दूसरे देशों में रहने वाले भक्त भी यहां पहुंचे हैं और दर्शन कर रहे हैं.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में भंडारा

भक्तों का तांताः हनुमान जयंती पर झारखंड के अंजन धाम में शनिवार को भक्तों का तांता लगा हुआ है. चैत पूर्णिमा पर यहां हनुमान जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. सुबह से ही पूजा के लिए भक्त पहुंचे हुए हैं. स्थानीय मंदिर विकास समिति ने यहां शनिवार को विशेष सामूहिक पूजा, आरती, हनुमान चालीसा पाठ और महाभंडारे का आयोजन किया है. झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन परिवार ने भी यहां परिवार संग पूजा-अर्चना की. मंदिर विकास समिति की ओर से उन्हें तस्वीर भी भेंट की. लोकसभा सांसद सुदर्शन भगत ने यहां 251 किलोग्राम के घंटे का उद्घाटन किया. इस मौके पर मुरली मनोहर मिश्रा, शंकर मिस्त्री, अमित श्रीवास्तव, अमन आनंद, श्रीदेव सिंह, राजेश चिक बढ़ाईक, अजय उरांव, विकास पाठक, जीतवाहन चिक बड़ाईक, जलेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे.

Anjan Dham jharkhand
झारखंड में अंजन धाम

क्या है किंवदंतीः अंजन धाम मंदिर के पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया कि रामायण में इस स्थान का उल्लेख है. ग्रंथों में जिस अंजान पर्वत यानी अंजना पर्वत का उल्लेख है. यह वही जगह है. उन्होंने बताया कि माता अंजना को गौतम ऋषि का श्राप था, जिसके निवारण के लिए वे अज्ञातवास में यहां रह रहीं थीं. वे गुफा में रहती थीं. वो रोजाना एक महुआ पेड़ से दतुअन, एक सरोवर में स्नान और एक शिवलिंग की पूजा करती थीं. जिसके बाद यहां रूद्रावतार का गुफा में जन्म हुआ. जिसके कारण यहां बाल स्वरूप में हनुमानजी की मूर्ति है.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम झारखंड

गुफा बंद होने की कहानीः अंजन धाम के पुजारी केदारनाथ पांडेय ने बताया कि प्राचीनकाल से यहां गुफा दिखती थी, लेकिन यहां किसी ने बकरे की बलि दे दी थी. जिससे गुफा बंद हो गई. मान्यता है कि माता ने गुफा बंद कर ली थी. लेकिन बाद में गुफा किसी तरह खोली गई.

बिजली का अभावः राज्य के इतने महत्वपूर्ण स्थल की उपेक्षा से स्थानीय लोगों में नाराजगी है. मंदिर विकास समिति के महामंत्री मुरली मनोहर मिश्रा ने बताया कि यहां सड़क तो बना दी गई है, लेकिन यहां बिजली की व्यवस्था नहीं है. जिससे यहां रात में अंधेरा छा जाता है. यहां बिजली व्यवस्था सुचारू हो तो और भक्त, पर्यटक यहां आ सकते हैं. मिश्रा का कहना है कि यह पहाड़ी क्षेत्र है और आना जाना सुगम नहीं है, दुर्घटना होने पर इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पताल जाना पड़ता है. इससे इलाज मिलने में देरी होती है. इसलिए यहां एक अस्पताल की जरूरत है, ताकि लोगों को जल्दी इलाज मिले. इसके लिए यहां पेयजल व्यवस्था भी सुचारू करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-आज है हनुमान जयंती, साढ़े साती, मंगल दोष और कष्टों से मुक्ति के लिए करें उपाय

माता अंजना की गोद में बाल हनुमान की मूर्तिः स्थानीय लोगों का कहना है कि मान्यता है कि झारखंड के अंजन पहाड़ की गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था. इसलिए यहां बाल हनुमान को गोद में लिए माता अंजनी की भव्य प्रतिमा स्थापित है. यहां झारखंड ही नहीं दूसरे राज्यों से भी हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. खासकर रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव पर यहां विशेष कार्यक्रम होता है. इसके लिए महीनों से तैयारी की जाती है. इस दौरान पूरा क्षेत्र श्रीराम के उद्घोष से गूंजता है.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में दर्शन करने पहुंचे सांसद

जंगल और पहाड़ों से घिरा है अंजन धामः अंजन धाम प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो जंगल और पहाड़ों से घिरा है. यहां पहाड़ की चोटी पर गुफा है, मान्यता है कि इसी गुफा में माता अंजनी के गर्भ से भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. जहां आज अंजनी माता की प्रस्तर मूर्ति विद्यमान है. अंजनी माता जिस गुफा में रहा करती थीं. उसका प्रवेश द्वार एक विशाल पत्थर की चट्टान से बंद था. जिसे कुछ साल पहले खुदाई कर खोला गया है. कहा जाता है कि गुफा की लंबाई 1500 फीट से अधिक है. इसी गुफा से माता अंजनी खटवा नदी तक जाती थीं और स्नान कर लौट आती थीं. खटवा नदी में एक अंधेरी सुरंग है, जो अंजन गुफा तक जाती है.


यह भी मान्यताः मंदिर के पुजारी केदारनाथ मिश्रा ने बताया कि पहले अंजन धाम में 365 शिवलिंग, उतने ही महुआ के पेड़, बेल के वृक्ष, तालाब हुआ करते थे, इनमें से अधिकतर विलुप्त होने के कगार पर हैं. हालांकि कुछ तालाब व पुराने महुआ के पेड़ आज भी मौजूद हैं.

Anjan Dham jharkhand
अंजन धाम में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालु
Last Updated : Apr 16, 2022, 7:07 PM IST
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