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नक्सलियों के गढ़ में वोटों की बारिश, गुमला के घाघरा में विस्फोट में कोई क्षति नहीं, चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था, नक्सली फटक नहीं पाए

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ. रिकॉर्ड के मुताबिक 64.72 फीसदी मतदान हुआ. मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों समेत 187 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला जनता कर चुकी है. वहीं, वोटिंग के दौरान सुरक्षा के भी पुख्या इंतजाम थे.

Strong security arrangements in the first phase of elections
पहले चरण के चुनाव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
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Published : Nov 30, 2019, 11:45 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 9:53 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित छह जिलों की 13 विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. 13 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक रिकार्ड 64.72 फीसदी मतदान हुआ. एक मंत्री, आधा दर्जन पूर्व मंत्री समेत 187 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो गई. पहले चरण की चुनौती को पार पाने के बाद झारखंड पुलिस ने भी राहत की सांस ली है.

Strong security arrangements in the first phase of elections
गुमला में वोटिंग के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सलियों की एक नहीं चली
गुमला के घाघरा एक विस्फोट कर नक्सलियों ने दहशत पैदा करने की कोशिश की, लेकिन इससे कहीं कोई क्षति नहीं हुई. दोनों घटनाएं नक्सलियों के लिए हताशा की परिचायक रही. सभी क्षेत्रों में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान में भाग लिया. छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर इवीएम में कहीं से कोई बड़ी खराबी की सूचना नहीं मिली. डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर इलाके में कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई.

कांग्रेस उम्मीदवार ने भीड़ पर पिस्तौल लहराया. वहीं, भीड़ ने पत्थरबाजी कर केएन त्रिपाठी पर हमला कर उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. पलामू प्रमंडल के तीन जिलों में गढ़वा के भवनाथपुर, गढ़वा विधानसभा, पलामू जिले के डालटनगंज, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, छतरपुर और पांकी, लातेहार जिले के मनिका और लातेहार नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इनके अलावा चतरा, गुमला और बिशुनपुर और लोहरदगा में भी वोटरों का उत्साह देखते बना. सुबह से ही लोग पंक्तिबद्ध खड़े हो गए थे.

वोटिंग का रिकार्ड बना
साल 2014 के चुनाव दौरान इन 13 सीटों पर हुए 63.27 प्रतिशत से अधिक 64.72 मतदान प्रतिशत एक रिकॉर्ड है. मतदान में युवाओं, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वोटिंग में दिव्यांगों, दृष्टि बाधित जनों ने भी उमंग के साथ लोकतंत्र का पर्व मनाया. सुबह से लगी लंबी कतार में शाम तक मतदाताओं में उत्साह दिखा.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नजर आए. किसी भी क्षेत्र से बड़ी वारदात की खबर नहीं आई. पहले चरण के जिन 13 सीटों पर वोटिंग हुई वह राज्य के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन सीटों पर मौजूदा चुनाव के मद्देनजर सर्वाधिक दल बदल देखने को मिला. कई बड़े नेताओं का लक ईवीएम में लॉक हो गया है, अब 23 दिसंबर को मतदान के बाद इन नेताओं के भाग्य का फैसला होगा.

पहले चरण की खास बात

  • 2019 में 64.72 फीसदी वोट पड़े
  • 2014 में 63.27 फीसदी वोट पड़े

गुमला विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 67.30 फीसदी मतदान दर्ज हुआ. पिछली बार 2014 में यहां 60.81 फीसदी मतदान हुआ था. बिशुनपुर में 67.04 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है, इस सीट पर 2014 में 67.05 फीसदी वोट पड़े थे.13 सीटों में सबसे कम मतदान चतरा में 56.59 प्रतिशत हुआ, पिछली बार 2014 में इस सीट पर 53.63 फीसदी मतदान हो पाया था.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित छह जिलों की 13 विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. 13 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक रिकार्ड 64.72 फीसदी मतदान हुआ. एक मंत्री, आधा दर्जन पूर्व मंत्री समेत 187 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो गई. पहले चरण की चुनौती को पार पाने के बाद झारखंड पुलिस ने भी राहत की सांस ली है.

Strong security arrangements in the first phase of elections
गुमला में वोटिंग के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सलियों की एक नहीं चली
गुमला के घाघरा एक विस्फोट कर नक्सलियों ने दहशत पैदा करने की कोशिश की, लेकिन इससे कहीं कोई क्षति नहीं हुई. दोनों घटनाएं नक्सलियों के लिए हताशा की परिचायक रही. सभी क्षेत्रों में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान में भाग लिया. छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर इवीएम में कहीं से कोई बड़ी खराबी की सूचना नहीं मिली. डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर इलाके में कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई.

कांग्रेस उम्मीदवार ने भीड़ पर पिस्तौल लहराया. वहीं, भीड़ ने पत्थरबाजी कर केएन त्रिपाठी पर हमला कर उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. पलामू प्रमंडल के तीन जिलों में गढ़वा के भवनाथपुर, गढ़वा विधानसभा, पलामू जिले के डालटनगंज, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, छतरपुर और पांकी, लातेहार जिले के मनिका और लातेहार नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इनके अलावा चतरा, गुमला और बिशुनपुर और लोहरदगा में भी वोटरों का उत्साह देखते बना. सुबह से ही लोग पंक्तिबद्ध खड़े हो गए थे.

वोटिंग का रिकार्ड बना
साल 2014 के चुनाव दौरान इन 13 सीटों पर हुए 63.27 प्रतिशत से अधिक 64.72 मतदान प्रतिशत एक रिकॉर्ड है. मतदान में युवाओं, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वोटिंग में दिव्यांगों, दृष्टि बाधित जनों ने भी उमंग के साथ लोकतंत्र का पर्व मनाया. सुबह से लगी लंबी कतार में शाम तक मतदाताओं में उत्साह दिखा.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नजर आए. किसी भी क्षेत्र से बड़ी वारदात की खबर नहीं आई. पहले चरण के जिन 13 सीटों पर वोटिंग हुई वह राज्य के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन सीटों पर मौजूदा चुनाव के मद्देनजर सर्वाधिक दल बदल देखने को मिला. कई बड़े नेताओं का लक ईवीएम में लॉक हो गया है, अब 23 दिसंबर को मतदान के बाद इन नेताओं के भाग्य का फैसला होगा.

पहले चरण की खास बात

  • 2019 में 64.72 फीसदी वोट पड़े
  • 2014 में 63.27 फीसदी वोट पड़े

गुमला विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 67.30 फीसदी मतदान दर्ज हुआ. पिछली बार 2014 में यहां 60.81 फीसदी मतदान हुआ था. बिशुनपुर में 67.04 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है, इस सीट पर 2014 में 67.05 फीसदी वोट पड़े थे.13 सीटों में सबसे कम मतदान चतरा में 56.59 प्रतिशत हुआ, पिछली बार 2014 में इस सीट पर 53.63 फीसदी मतदान हो पाया था.

Intro:नक्सलियों के गढ़ में वोटों की बारिश ,गुमला के घाघरा में विस्फो में कोई क्षति नहीं ,चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था, नक्सली फटक नहीं पाए

रांची।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित छह जिलों की 13 विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। तेरह विधानसभा क्षेत्रों में अब तक रिकार्ड 64.12 फीसदी मतदान हुआ। एक मंत्री, आधा दर्जन पूर्व मंत्री समेत 187 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो गई। पहले चरण की चुनौती को पार पाने के बाद झारखंड पुलिस ने भी राहत की सांस ली है.

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सलियों की एक नहीं चली

गुमला के घाघरा एक विस्फोट कर नक्सलियों ने दहशत पैदा करने की कोशिश की।लेकिन इससे कहीं कोई क्षति नहीं हुई। दोनों घटनाएं नक्सलियों के लिए हताशा की परिचायक रही। सभी क्षेत्रों में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान में भाग लिया। छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर इवीएम में कहीं से कोई बड़ी खराबी की सूचना नहीं मिली। डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर इलाके में कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी और भाजपा समर्थकों के बीच झ़ड़प हुई। कांग्रेस उम्मीदवार ने भीड़ पर पिस्तौल लहराया। वहीं भीड़ ने पत्थरबाजी कर केएन त्रिपाठी पर हमला कर उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। पलामू प्रमंडल के तीन जिलों में गढ़वा के भवनाथपुर, गढ़वा विधानसभा, पलामू जिले के डालटनगंज, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, छतरपुर और पांकी, लातेहार जिले के मनिका और लातेहार नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। इनके अलावा चतरा, गुमला और बिशुनपुर तथा लोहरदगा में भी वोटरों का उत्साह देखते बना। सुबह से ही लोग पंक्तिबद्ध खड़े हो गए थे। 

वोटिंग का रिकार्ड बना

वर्ष 2014 के चुनाव दौरान इन्ही 13 सीटों पर हुए 63.27 प्रतिशत से अधिक 64.12 मतदान प्रतिशत एक रिकॉर्ड है। मतदान में युवाओं, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वोटिंग में दिव्यांगों, दृष्टि बाधित जनों ने भी उमंग के साथ लोकतंत्र का पर्व मनाया। सुबह से लगी लंबी कतार में शाम तक मतदाताओं में उत्साह दिखा। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नजर आए। किसी भी क्षेत्र से बड़ी वारदात की खबर नहीं आई। पहले चरण के जिन 13 सीटों पर वोटिंग हुई वह राज्य के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। इन्हीं सीटों पर मौजूदा चुनाव के मद्देनजर सर्वाधिक दल बदल देखने को मिला। कई बड़े नेताओं का लक ईवीएम में लॉक हो गया है। अब 23 दिसंबर को मतदान के बाद इन नेताओं के भाग्य का फैसला होगा।


पहले चरण की खास बातें -
2019 में 64.12 फीसदी वोट पड़े
2014 में 63.27 फीसदी वोट पड़े

गुमला विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 67.30 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। पिछली बार 2014 में यहां 60.81 फीसदी  मतदान हुआ था। बिशुनपुर में 67.04 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है, इस सीट पर 2014 में 67.05  फीसदी  वोट पड़े थे।

13 सीटों में सबसे कम मतदान चतरा में 56.59 प्रतिशत हुआ, पिछली बार 2014 में इस सीट पर 53.63 फ़ीसदी मतदान हो पाया था।

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Last Updated : Dec 1, 2019, 9:53 AM IST
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