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हाय रे हेल्थ सिस्टम! मदद मिली ना मिला एंबुलेंस, परिजनों ने शव को रिक्शा पर ढोया

स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हो, समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचे. शासन-प्रशासन की ओर से अक्सर ऐसे दावे किए जाते हैं. लेकिन गाहे-बगाहे ऐसी तस्वीर सामने आती है. जो तमाम ऐसे दंभ और दावों की पोल खोलकर रख देती है. झारखंड के गुमला जिला के सदर थाना क्षेत्र से आई एक तस्वीर ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया और झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को खुली चुनौती दे डाली (carried dead body by rickshaw) है. जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट.

family carried dead body by rickshaw to reach Gumla Sadar Hospital
गुमला
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Published : Oct 9, 2022, 10:26 AM IST

गुमलाः मरने के बाद पार्थिव शरीर का विधि-विधान से अंतिम संस्कार करने की परंपरा है ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिले. इसके लिए इस विधि विधान में फूल-माला और अगरबत्ती से मृत देह के प्रति आस्था प्रकट की जाती है. इसके लिए परिजनों का जितना दायित्व बनता है. उतनी ही जिम्मेदारी अकाल मृत्यु, हादसा या हत्या में हुई मौत को लेकर शासन प्रशासन की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. लेकिन सुदूरवर्ती क्षेत्र से कुछ ऐसी तस्वीर सामने आ जाती है, जो इस सिस्टम पर चोट करती (carried dead body by rickshaw) है.

इसे भी पढ़ें- संवेदनहीन पुलिसः रिक्शे पर लादकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

गुमला जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था और सिस्टम पर सवाल खड़े करती एक तस्वीर सामने आई है. जहां एंबुलेंस ना मिलने पर रिक्शा से शव ढोया गया. करीब 4 किलोमीटर तक परिजनों द्वारा शव को रिक्शा पर ढोया गया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल (family carried dead body by rickshaw) लाया गया. तस्वीरें बताने के लिए काफी है कि महिला के पार्थिव शरीर के किस तरह से बर्ताव हुआ. लाचारी, गरीबी, पैसे का अभाव, पुलिस का ऑर्डर, स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी, इन कारणों से इंसानियत को कचोटती ये तस्वीर सामने आई है.

देखें पूरी खबर

जानिए पूरा मामलाः जिला में सदर थाना क्षेत्र के कुम्बाटोली निवासी लगभग 60 वर्षीय महिला लीलो देवी की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में शनिवार को मौत हो गई. जिसके बाद महिला के शव को अस्पताल से घर 4 किलोमीटर पहुंचाने के एंबुलेंस चालक द्वारा 500 की वसूली की गई और शव को घर पहुंचाया गया. जबकि ऐसे मौकों पर सरकारी स्तर पर पैसे नहीं लिए जाते हैं. लेकिन इसके बाद पुलिस को इसकी खबर मिली की मारपीट में महिला की मौत होने पर शव का पोस्टमार्टम होगा. पुलिस ने ऑर्डर दिया कि परिजन शव को सदर अस्पताल लेकर फौरन पहुंचे. पुलिस के इस आदेश के आगे लाचार परिजनों को गाड़ी नहीं मिली. उसके बाद उन्होंने खुद ही शव को रिक्शा पर ढोया और 4 किलोमीटर का सफर तय करते गुमला सदर अस्पताल (Gumla Sadar Hospital) पहुंचे.

क्या कहते हैं परिजनः महिला के पुत्र अमर गोप ने बताया कि घर में खाना बनाने को लेकर मारपीट में महिला की मौत (woman died in assault) हो गयी थी. इसके बाद सदर अस्पताल प्रबंधक को गुमला पुलिस को सूचना देनी थी. लेकिन पुलिस को महिला की मौत की सूचना नहीं मिली. जिसके कारण सदर अस्पताल के एंबुलेंस चालक द्वारा अमर गोप से 500 लेकर शव को उसके घर पहुंचा दिया गया. लेकिन पुलिस को मारपीट में महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने परिजनों को शव लेकर आने को कहा. जिसके बाद प्रशासन की बदहाल व्यवस्था और उनके द्वारा गाड़ी की व्यवस्था नहीं किए जाने के बाद रिक्शे पर शव को ढोया गया. महिला के पुत्र-पुत्री 4 किलोमीटर का सफर तय करके पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंचे.

क्यों हुई महिला से मारपीटः इस घटना के विषय में महिला के पुत्र अमर गोप व पुत्री विमला कुमारी ने बताया है कि गुरुवार (6 अक्टूबर) को घर में बुटन चिक बड़ाईक और लीलो देवी के बीच खाना बनाने को लेकर विवाद हुआ था. जिस पर बुटन ने बर्तन व लकड़ी से मारपीट कर लीलो देवी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. जिसके बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज मौत हो गई. इस घटना के बाद आरोपी बुटन फरार है. वह रिक्शा चलाने का काम करता है और महिला के पहले पति की मौत होने के बाद ढुकु प्रथा (लिव इन रिलेशनशिप) के अनुसार एक वर्ष से पति-पत्नी के रूप में साथ रहते थे.

क्या कहती है पुलिसः इस घटना को लेकर सदर थानेदार मनोज कुमार ने बताया कि लीलो देवी बुटन के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी. 6 अक्टूबर को बुटन शराब के नशे में घर पहुंच कर खाना मांगा. महिला द्वारा खाना नहीं मिलने पर उसने लीलो देवी के साथ मारपीट की. जिससे वह घायल हो गई, अस्पताल में इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. लेकिन रिक्शे पर शव को ढोये जाने के सवाल को उन्होंने दरकिनार करते हुए मामले में जांच और आरोपी को पकड़ने की ही बात करती नजर आई.

गुमलाः मरने के बाद पार्थिव शरीर का विधि-विधान से अंतिम संस्कार करने की परंपरा है ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिले. इसके लिए इस विधि विधान में फूल-माला और अगरबत्ती से मृत देह के प्रति आस्था प्रकट की जाती है. इसके लिए परिजनों का जितना दायित्व बनता है. उतनी ही जिम्मेदारी अकाल मृत्यु, हादसा या हत्या में हुई मौत को लेकर शासन प्रशासन की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. लेकिन सुदूरवर्ती क्षेत्र से कुछ ऐसी तस्वीर सामने आ जाती है, जो इस सिस्टम पर चोट करती (carried dead body by rickshaw) है.

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गुमला जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था और सिस्टम पर सवाल खड़े करती एक तस्वीर सामने आई है. जहां एंबुलेंस ना मिलने पर रिक्शा से शव ढोया गया. करीब 4 किलोमीटर तक परिजनों द्वारा शव को रिक्शा पर ढोया गया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल (family carried dead body by rickshaw) लाया गया. तस्वीरें बताने के लिए काफी है कि महिला के पार्थिव शरीर के किस तरह से बर्ताव हुआ. लाचारी, गरीबी, पैसे का अभाव, पुलिस का ऑर्डर, स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी, इन कारणों से इंसानियत को कचोटती ये तस्वीर सामने आई है.

देखें पूरी खबर

जानिए पूरा मामलाः जिला में सदर थाना क्षेत्र के कुम्बाटोली निवासी लगभग 60 वर्षीय महिला लीलो देवी की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में शनिवार को मौत हो गई. जिसके बाद महिला के शव को अस्पताल से घर 4 किलोमीटर पहुंचाने के एंबुलेंस चालक द्वारा 500 की वसूली की गई और शव को घर पहुंचाया गया. जबकि ऐसे मौकों पर सरकारी स्तर पर पैसे नहीं लिए जाते हैं. लेकिन इसके बाद पुलिस को इसकी खबर मिली की मारपीट में महिला की मौत होने पर शव का पोस्टमार्टम होगा. पुलिस ने ऑर्डर दिया कि परिजन शव को सदर अस्पताल लेकर फौरन पहुंचे. पुलिस के इस आदेश के आगे लाचार परिजनों को गाड़ी नहीं मिली. उसके बाद उन्होंने खुद ही शव को रिक्शा पर ढोया और 4 किलोमीटर का सफर तय करते गुमला सदर अस्पताल (Gumla Sadar Hospital) पहुंचे.

क्या कहते हैं परिजनः महिला के पुत्र अमर गोप ने बताया कि घर में खाना बनाने को लेकर मारपीट में महिला की मौत (woman died in assault) हो गयी थी. इसके बाद सदर अस्पताल प्रबंधक को गुमला पुलिस को सूचना देनी थी. लेकिन पुलिस को महिला की मौत की सूचना नहीं मिली. जिसके कारण सदर अस्पताल के एंबुलेंस चालक द्वारा अमर गोप से 500 लेकर शव को उसके घर पहुंचा दिया गया. लेकिन पुलिस को मारपीट में महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने परिजनों को शव लेकर आने को कहा. जिसके बाद प्रशासन की बदहाल व्यवस्था और उनके द्वारा गाड़ी की व्यवस्था नहीं किए जाने के बाद रिक्शे पर शव को ढोया गया. महिला के पुत्र-पुत्री 4 किलोमीटर का सफर तय करके पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंचे.

क्यों हुई महिला से मारपीटः इस घटना के विषय में महिला के पुत्र अमर गोप व पुत्री विमला कुमारी ने बताया है कि गुरुवार (6 अक्टूबर) को घर में बुटन चिक बड़ाईक और लीलो देवी के बीच खाना बनाने को लेकर विवाद हुआ था. जिस पर बुटन ने बर्तन व लकड़ी से मारपीट कर लीलो देवी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. जिसके बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज मौत हो गई. इस घटना के बाद आरोपी बुटन फरार है. वह रिक्शा चलाने का काम करता है और महिला के पहले पति की मौत होने के बाद ढुकु प्रथा (लिव इन रिलेशनशिप) के अनुसार एक वर्ष से पति-पत्नी के रूप में साथ रहते थे.

क्या कहती है पुलिसः इस घटना को लेकर सदर थानेदार मनोज कुमार ने बताया कि लीलो देवी बुटन के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी. 6 अक्टूबर को बुटन शराब के नशे में घर पहुंच कर खाना मांगा. महिला द्वारा खाना नहीं मिलने पर उसने लीलो देवी के साथ मारपीट की. जिससे वह घायल हो गई, अस्पताल में इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. लेकिन रिक्शे पर शव को ढोये जाने के सवाल को उन्होंने दरकिनार करते हुए मामले में जांच और आरोपी को पकड़ने की ही बात करती नजर आई.

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