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Rath Yatra 2022: गुमला के जगन्नाथ मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, रथ यात्रा को लेकर भक्तों में उत्साह

रथ यात्रा (Rath Yatra 2022) को लेकर गुमला के जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, यहां सुबह से ही पूजा अर्चना जारी है. दोपहर तक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी. दो साल बाद हो रहे भव्य आयोजन से लोगों में खासा उत्साह है.

Rath Yatra in Gumla
Rath Yatra in Gumla
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Published : Jul 1, 2022, 10:16 AM IST

Updated : Jul 1, 2022, 10:54 AM IST

गुमला: रथ यात्रा के अवसर पर गुमला जिला मुख्यालय सहित जिले में स्थित दर्जनों प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. लोग पूरी श्रद्धा के साथ भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा अर्चना में जुटे हैं. जिला में आज दोपहर रथ यात्रा निकाली जाएगी. कोविड के कारण दो साल के बाद मेला का आयोजन किया जा रहा है. रथ यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: Rath Yatra 2022: रांची में आज निकाली जाएगी भव्य रथ यात्रा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम


रथ में मौसाबाड़ी तक जाएंगे भगवान: बता दें कि आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभ्रद और बहन सुभद्रा भक्तों के दर्शन के लिए अपने देवालय से बाहर आते हैं और मौसी बाड़ी तक की रथ यात्रा करते हैं. आज के दिन को एक विशेष त्योहार के रूप में मनाते हैं, इस दिन चलती रथ में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा मंदिर से निकल कर मौसी बाड़ी तक जाते हैं. इसके नौ दिन के बाद घूरती रथ के आयोजन के साथ भगवान वापस अपने मंदिर लौटते है. गुमला के लगभग एक दर्जन जगन्नाथ मंदिरों में आज सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है, जहां लगभग सभी मंदिरों के समीप भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है.

देखें पूरी खबर

गुमला में रथ यात्रा का इतिहास: गुमला में रथ यात्रा मेला का इतिहास लगभग साढ़े तीन सौ साल पुराना है. यहां गुमला और सिसई को सीमांकित करती दक्षिण कोयल नदी के तट पर अवस्थित नागफेनी का जगन्नाथ मंदिर सबसे प्राचीन है. वहीं, गुमला जिला मुख्यालय स्थित करौंदी में 104 सालों से जगन्नाथ महाप्रभु रथ यात्रा लगती आ रही है, जहां विशेष मेले का भी आयोजन होता है. जबकि गुमला में उर्मी, टोटो, आंजन, पालकोट, बसिया में रामजड़ी, नारेकेला, निनई, नारेकेला, लोंगा, लौवाकेरा और बसिया, रायडीह में हीरादह, कुलमुंडा, केमटे और कांसीर, भरनो में समसेरा चंदागढ़, घाघरा, चैनपुर के टीनटांगर आदि स्थानों में भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

गुमला: रथ यात्रा के अवसर पर गुमला जिला मुख्यालय सहित जिले में स्थित दर्जनों प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. लोग पूरी श्रद्धा के साथ भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा अर्चना में जुटे हैं. जिला में आज दोपहर रथ यात्रा निकाली जाएगी. कोविड के कारण दो साल के बाद मेला का आयोजन किया जा रहा है. रथ यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है.

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रथ में मौसाबाड़ी तक जाएंगे भगवान: बता दें कि आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभ्रद और बहन सुभद्रा भक्तों के दर्शन के लिए अपने देवालय से बाहर आते हैं और मौसी बाड़ी तक की रथ यात्रा करते हैं. आज के दिन को एक विशेष त्योहार के रूप में मनाते हैं, इस दिन चलती रथ में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा मंदिर से निकल कर मौसी बाड़ी तक जाते हैं. इसके नौ दिन के बाद घूरती रथ के आयोजन के साथ भगवान वापस अपने मंदिर लौटते है. गुमला के लगभग एक दर्जन जगन्नाथ मंदिरों में आज सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है, जहां लगभग सभी मंदिरों के समीप भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है.

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गुमला में रथ यात्रा का इतिहास: गुमला में रथ यात्रा मेला का इतिहास लगभग साढ़े तीन सौ साल पुराना है. यहां गुमला और सिसई को सीमांकित करती दक्षिण कोयल नदी के तट पर अवस्थित नागफेनी का जगन्नाथ मंदिर सबसे प्राचीन है. वहीं, गुमला जिला मुख्यालय स्थित करौंदी में 104 सालों से जगन्नाथ महाप्रभु रथ यात्रा लगती आ रही है, जहां विशेष मेले का भी आयोजन होता है. जबकि गुमला में उर्मी, टोटो, आंजन, पालकोट, बसिया में रामजड़ी, नारेकेला, निनई, नारेकेला, लोंगा, लौवाकेरा और बसिया, रायडीह में हीरादह, कुलमुंडा, केमटे और कांसीर, भरनो में समसेरा चंदागढ़, घाघरा, चैनपुर के टीनटांगर आदि स्थानों में भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

Last Updated : Jul 1, 2022, 10:54 AM IST
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