गुमला: जिले में पालकोट थाना क्षेत्र की एक नाबालिग बच्ची को नौकरी का झांसा देकर बेचने का मामला सुर्खियों में आ गया, जिसके बाद एसपी हरदीप पी जनार्दन के निर्देश पर गठित पुलिस की टीम ने दिल्ली जाकर बच्ची का रेस्क्यू किया और पालकोट लाया.
बसिया एसडीपीओ दीपक कुमार ने पालकोट थाना परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद एसपी ने एक टीम का गठन किया. टीम ने दिल्ली के राजौरी गार्डन थाना और बचपन बचाव आंदोलन के सहयोग से दिल्ली में बच्ची का रेस्क्यू किया, जिसे निर्मल छाया शेल्टर होम में रखा गया था, बच्ची के बरामद होने के बाद एसआई अजय महतो, पीएसआई प्रियंका तिर्की और खुशबू वर्मा की टीम दिल्ली गई और बच्ची को लेकर पालकोट पहुंची, जहां आवश्यक करवाई के बाद सीडब्लूसी ने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है. उन्होंने बताया कि सोमवार को बच्ची को कोर्ट में प्रस्तुत कर परिवारवालों को सौंप दिया जायगा. उन्होंने नाबालिग बच्ची का सफलतापूर्वक रेस्क्यू के लिए दिल्ली राजौरी गार्डन थाना के एसआई अजय कुमार, बचपन बचाव आंदोलन की स्वाति झा और डॉली जोशी के प्रयासों की सराहना की. इस मौके पर पालकोट थाना प्रभारी सिद्धेश्वर सिंह, सीडब्ल्यूसी के अशोक मिश्र, सुषमा देवी और रेस्क्यू करने वाली पुलिस टीम के सदस्य मौजूद थे.
मानव तस्करी के खिलाफ चलाया जाएगा जोरदार मुहिम
एसपी हरदीप पी जनार्दनन ने बच्ची का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय में कराने की घोषणा की है, साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि बच्ची जब तक पढ़ना चाहे उसकी पढाई का खर्च गुमला पुलिस उठाएगी. उन्होंने बच्ची के पुनर्वास के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठाने की बात कही है. एसडीपीओ बसिया दीपक कुमार ने बताया कि बच्ची ने छुट्टी में पढाई जारी रखने की इक्छा जताई है. बच्ची के दादा के लिखित आवेदन के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है.
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दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले लोहरा थाना निवासी रंजीत के पैतृक घर और दिल्ली के ठिकानो पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह फरार है. एसडीपीओ ने कहा है कि इस मामले में जो भी संलिप्त होगा वह जेल जायगा. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाने की आवश्यकता है, ताकि तस्करों का चैन तोड़ा जा सके.