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किसान ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, फसल के खराब होने से था परेशान

मौसम की बेरूखी से आहत होकर एक किसान ने आत्महत्या कर लिया. गुमला सदर प्रखंड के पोखराटोली गांव में सोमवार की देर रात किसान ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी. धान के बिचड़े सूखने से था परेशान.

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Published : Jul 31, 2019, 9:22 AM IST

परिजन

गुमला : मौसम की बेरुखी से आहत होकर एक किसान ने अपनी जान दे दी. जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ढेढौली पोखराटोली गांव में 35 साल के शिवा खड़िया नाम के किसान ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. घटना सोमवार देर शाम की है. घटना के वक्त वक्त किसान घर में अकेला था.

देखें पूरी खबर

धान के बिचड़े सूखने पर आत्महत्या

बारिश के मौसम में भी प्रयाप्त बारिश नहीं होने से खेतों में लगे धान के बिचड़े सूखने लगे हैं. खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. खेतों को देख कर किसानों का बुरा हाल है. इसी क्रम में सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौंली अंतर्गत पोखराटोली गांव के शिवा खड़िया नाम के एक किसान ने सोमवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

बारिश नहीं होने पर था परेशान

परिवार वालों का कहना है कि खेतों में लगे धान के बिचड़े के सूख जाने के कारण शिवा काफी परेशान रहने लगा था. इसी परेशानी के कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, शिवा की पत्नी ने बताया कि उसके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं. इस बार बारिश नहीं होने के कारण उसके पति काफी चिंता में थे. वह इस बात से चिंतिंत थें कि खेती नहीं होने से वह अपने परिवार वालों का कैसे पालन-पोषण करेंगे.

ये भी पढ़ें:- टीचर से छेड़छाड़ मामले में विधायक महिला आयोग में पेश, शिवपूजन मेहता ने आरोपों को बताया निराधार

घर में खाने पीने का संकट

वहीं, मृतक किसान शिवा के बेटे का कहना है कि उसका एक भाई मजदूरी के लिए दूसरे राज्य में गया है. घर में खाने के लिए ठीक से अनाज तक नहीं है और इस बार बारिश नहीं होने की वजह से फसल भी खराब हो गई हैं जिससे अब उनके पास खाने का भी संकट है.

गुमला : मौसम की बेरुखी से आहत होकर एक किसान ने अपनी जान दे दी. जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ढेढौली पोखराटोली गांव में 35 साल के शिवा खड़िया नाम के किसान ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. घटना सोमवार देर शाम की है. घटना के वक्त वक्त किसान घर में अकेला था.

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धान के बिचड़े सूखने पर आत्महत्या

बारिश के मौसम में भी प्रयाप्त बारिश नहीं होने से खेतों में लगे धान के बिचड़े सूखने लगे हैं. खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. खेतों को देख कर किसानों का बुरा हाल है. इसी क्रम में सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौंली अंतर्गत पोखराटोली गांव के शिवा खड़िया नाम के एक किसान ने सोमवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

बारिश नहीं होने पर था परेशान

परिवार वालों का कहना है कि खेतों में लगे धान के बिचड़े के सूख जाने के कारण शिवा काफी परेशान रहने लगा था. इसी परेशानी के कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, शिवा की पत्नी ने बताया कि उसके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं. इस बार बारिश नहीं होने के कारण उसके पति काफी चिंता में थे. वह इस बात से चिंतिंत थें कि खेती नहीं होने से वह अपने परिवार वालों का कैसे पालन-पोषण करेंगे.

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घर में खाने पीने का संकट

वहीं, मृतक किसान शिवा के बेटे का कहना है कि उसका एक भाई मजदूरी के लिए दूसरे राज्य में गया है. घर में खाने के लिए ठीक से अनाज तक नहीं है और इस बार बारिश नहीं होने की वजह से फसल भी खराब हो गई हैं जिससे अब उनके पास खाने का भी संकट है.

Intro:गुमला : बारिश के मौसम में भी जब सही रूप से बारिश नहीं हुई और खेतों में लगे धान के बिचड़े जलने लगे खेतों में दरारें पड़ने लगी ऐसे में इन सबों को देख कर किसान मायूस होने लगे और इसी मायूसी में गुमला जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के ढेढौली पोखराटोली गाँव मे शिवा खड़िया नामक एक किसान ने सोमवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मंगलवार की सुबह में जब शिवा के परिवार वालों देखा कि शिवा घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लीया है ।


Body: जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई और फिर पुलिस शव को अपने कब्जे में कर गुमला सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को उनके परिवार वालों को सौंप दिया । शव मिलने के बाद परिवार वाले शव को गांव ले जाकर दफना दिया । परिवार वालों का कहना है कि खेतों में लगे धान के बिचड़े के जल जाने के कारण शिवा काफी परेशान रहने लगे थे । जिसके कारण उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।
शिवा के आत्महत्या करने के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगे धान के बिचड़े की स्थिति काफी बिगड़ गई है ।।बिचड़े जल गए हैं खेतों में दरारें पड़ गई है जिसके कारण यहां के किसान मायूस हैं । यही सब कारणों से शिवा भी काफी परेशान था वह हमेशा चर्चा करता था कि खेत में लगे धान के बिचड़े जल गए हैं । ऐसे में अपने परिवार के पालन पोषण कैसे होगा इसको लेकर चिंतित रहता था । उसे अपने बच्चों की शादी भी करनी थी और ऐसे में बारिश के मौसम में बारिश नहीं होने से जो धान की खेती होती है वह नहीं हो सकती थी । जिसके कारण परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली । वही शिवा पत्नी ने बताया कि उसके घर में तीन बेटे और तीन बेटियां हैं । इस बार बारिश नहीं होने के कारण उसके पति काफी चिंतित रहते थे । वह हमेशा बोलते थे कि बारिश नहीं हो रही है खेतों में जो बिचड़े हैं वह जल रहे हैं । ऐसे में खेती नहीं होगी तो वह अपने परिवार वालों का कैसे पालन पोषण करेगा जिसके बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।


Conclusion:वहीं मृतक किसान शिवा के बेटे का कहना है कि उसके एक भाई बाहर काम करने गया है घर में खाने के लिए ठीक से अनाज नहीं हो पाता था और इस बार बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में लगे धान के बिचड़े जलने लगे थे जिसको लेकर उसके पिता चिंतित रहते थे जिसकी वजह से ही उन्होंने आत्महत्या कर ली ।

बाईट 1: शमसोंग डुंगडुंग ( ग्रामीण )।
बाईट 2: मृत किसान की पत्नी
बाईट 3: कर्मा ( मृत किसान का बेटा )
पीटूसी
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