गोड्डा: ललमटिया थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह पर पिस्टल तानने और गोली चलाने के आरोप में पुलिस ने मंगलवार को दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, यह घटना 12 अप्रैल को हुई थी. उस वक्त पुलिस ने मामले को अफवाह बताया था, लेकिन ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग गई है. हालांकि घटना के बाद पुलिस अंदर ही अंदर गुप्त तरीके से आरोपियों की तलाश में जुटी थी और अंततः पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी में सफलता भी मिली. घटना के तीन हफ्ते के बाद आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं. मामले में पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी है.
12 अप्रैल पर थाना प्रभारी पर चलाई गई थी गोलीः दरअसल, 12 अप्रैल को लोहंडिया रेहाब साइड में गश्ती के दौरान ललमटिया के थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह पर अज्ञात नकाबपोश अपराधियों ने नजदीक से फायरिंग की थी. हालांकि मिसफायर होने के कारण वे बाल-बाल बच गए थे और अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए थे. तब ललमटिया थाना प्रभारी ने इसे अफवाह बताया था. हालांकि अंदर ही अंदर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार हाथ-पैर मार रही थी.
ललमटिया के डकैता के समीप से दोनों अपराधी गिरफ्तारः इसी क्रम में पुलिस को मंगलवार को सफलता हाथ लगी. पुलिस ने ललमटिया डकैता के समीप से अजित हेंब्रम और पटवारी सोरेन को गिरफ्तार कर लिया.पुलिस ने आरोपियों के पास से देसी कट्टा और पांच जिंदा कारतूस बरामद किया गया. इस पूरे मामले एसडीपीओ एसएस तिवारी ने बताया गिरफ्तार अपराधियों का पूर्व से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है.
हत्या मामले में थानेदार की कार्रवाई से खफा थे दोनों अपराधीः वहीं घटना के पीछे की वजह जो सामने आई है वह चौंकाने वाली है. दरअसल, इसीएल प्रबंधन के द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर तालझारी में विवाद हुआ था. जिसमे कुछ लोग इसीएल को जमीन देने के समर्थन में थे और कुछ लोग जमीन नहीं देना चाहते थे. इसी मामले में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. जिसमें ललमटिया थानेदार ने कार्रवाई की थी. इसी बात से गिरफ्तार दोनों आरोपी खफा थे. बताया जाता है कि दोनों अपराधी थानेदार को ठिकाने लगाने की मनसा से आए थे.