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परिजनों ने हॉस्पिटल पर लगाया लापरवाही का आरोप, कहा- डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण गई जान

गोड्डा जिले के एक निजी हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत डॉक्टर की गैरमौजूदगी और हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है.

हंगामा करते परिजन
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Published : Aug 28, 2019, 8:55 AM IST

गोड्डा: जिले के एक निजी हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत डॉक्टर की गैरमौजूदगी और हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है. उनका कहना है कि अगर मरीज का सही समय पर इलाज कर लिया जाता तो यह नौबत ही नहीं आती. वहीं, परिजनों को हंगामा करते देख हॉस्पिटल के सभी स्टाफ फरार हो गए हैं.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें- कोमा में पश्चिमी सिंहभूम का सेंट्रल हॉस्पिटल! मरीज तो दूर डॉक्टर भी नहीं कराते हैं अपना इलाज


क्या है मामला
प्रोफेसर कॉलोनी निवासी सीताराम भगत ने अपनी पत्नी शांति देवी को इलाज लिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. लेकिन भर्ती के 2.30 घंटे बाद भी किसी चिकित्सक ने मरीज को नही देखा. हॉस्पीटल में चिकित्सक की लापरवाही से मरीज के हाथ-पैर ठंड पड़ने लगे. इसके बाद हॉस्पिटलकर्मी महिला को ऑक्सीजन लगाने लगे लेकिन तब तक महिला मरीज की मौत हो चुकी थी.


क्या कह रहे हैं मरीज के परिजन
महिला के पति सीता राम भगत का कहना है कि उन्होंने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए हॉस्पिटल स्टाफ को कहा लेकिन उन्हें इंतजार करने को कह दिया जाता रहा. परिजनों का आरोप है कि मौत की वजह हॉस्पीटल की लापरवाही है. परिजनों का यह भी कहना है कि उनके विरोध के बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने मारपीट और धक्का-मुक्की भी की.

वहीं, इस पूरे मामले पर हॉस्पिटल स्टाफ का कहना है कि किसी भी मरीज की मौत पर स्वाभाविक रूप से घर के लोग आक्रोशित हो जाते हैं. मामला जो भी हो यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है.

गोड्डा: जिले के एक निजी हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत डॉक्टर की गैरमौजूदगी और हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है. उनका कहना है कि अगर मरीज का सही समय पर इलाज कर लिया जाता तो यह नौबत ही नहीं आती. वहीं, परिजनों को हंगामा करते देख हॉस्पिटल के सभी स्टाफ फरार हो गए हैं.

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क्या है मामला
प्रोफेसर कॉलोनी निवासी सीताराम भगत ने अपनी पत्नी शांति देवी को इलाज लिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. लेकिन भर्ती के 2.30 घंटे बाद भी किसी चिकित्सक ने मरीज को नही देखा. हॉस्पीटल में चिकित्सक की लापरवाही से मरीज के हाथ-पैर ठंड पड़ने लगे. इसके बाद हॉस्पिटलकर्मी महिला को ऑक्सीजन लगाने लगे लेकिन तब तक महिला मरीज की मौत हो चुकी थी.


क्या कह रहे हैं मरीज के परिजन
महिला के पति सीता राम भगत का कहना है कि उन्होंने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए हॉस्पिटल स्टाफ को कहा लेकिन उन्हें इंतजार करने को कह दिया जाता रहा. परिजनों का आरोप है कि मौत की वजह हॉस्पीटल की लापरवाही है. परिजनों का यह भी कहना है कि उनके विरोध के बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने मारपीट और धक्का-मुक्की भी की.

वहीं, इस पूरे मामले पर हॉस्पिटल स्टाफ का कहना है कि किसी भी मरीज की मौत पर स्वाभाविक रूप से घर के लोग आक्रोशित हो जाते हैं. मामला जो भी हो यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है.

Intro:गोड्डा के एक निकी हॉस्पिटल में मरीज के मौत पर परिजनों ने हगामा किया।वही हॉस्पिटल के सभी स्टाफ फरार ही गये।परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोपBody:गोड्डा के लाइफ केअर निजी नर्सिंग हॉस्पिटल में महिला की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा।मौके से सभी हॉस्पिटल के कर्मी फरार हो गए।
दर असल प्रोफेसर कॉलोनी निवासी सीताराम भगत अपनी शांति देवी को इलाज के लाइफ केअर हॉस्पिटल में एडमिट कराया।लेकिन भर्ती के 2.30 घंटे बाद भी किसी भी चिकित्सक ने मरीज को नही देखा।और फिर इसी दौरान मरीज का पैर हाथ ठण्डा पड़ने अब हॉस्पिटल कर्मी आके ऑक्सीजन लगाने लगे ,यब तक महिला मरीज को मौत हो चुकी थी। मृत मरीज महिला के पति सीता राम भगत ने कहा कि उन्होंने कई दफा डॉक्टर को बुलाने के लिए हॉस्पिटल स्टाफ को कहा लेकिन जवाब मिलता कभी कहा रहे है तो कब्जी नहा रहे है।परिजनों का सीधा सीधा आरोप हैं कि उसके मरीज की मौत की वजह लापरवाही है।वही परिजनों के विरोध के बाद जोस्पिटल स्टाफ ने उल्टे मार पीट व धक्का मुक्की की।वही इस पूरे मामले पर हॉस्पिटल स्टाफ ने कहा कि किसीरिज की मौत पर स्वाभाविक रूप से घर के लोग आक्रोशित हो जाते है।
Bt-सीताराम भगत-परिजन
Bt-डॉ नरेंद्र कुमार-चिकित्सक
Bt-asi,टाउन थानाConclusion:पहले भी ऐसी वारदात अस्पताल में होती है।डॉक्टर भगवान का रूप होते है।और अगर भगवान लापरवाह हो गया तो लोगो की मुश्किलें बदनों लाजमी ही
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