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चाइल्ड हॉस्पिटल अग्निकांड के बाद जागा स्वास्थ विभाग, सुरक्षा मानक और पंजीकरण की होगी जांच

गोड्डा के निजी चाइल्ड नर्सिंग होम में आग लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. सिविल सर्जन ने कहा है कि सभी निजी और सरकारी अस्पतालों की जांच की होनी चाहिए.

safety standards and registration will be investigated of hospital in godda
चाइल्ड नर्सिंग होम
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Published : Dec 11, 2020, 9:12 AM IST

गोड्डा: जिला के एक निजी चाइल्ड नर्सिंग होम में गुरूवार को लगी आग के बाद अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा उपाय और मानकों पर सवाल उठने लगे. इसे लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि सभी निजी और सरकारी अस्पतालों की जांच की जाएगी.

इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि बेहतर सेवा की उम्मीद में लोग सरकारी की जगह निजी नर्सिंग होम में जाना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं ये निजी नर्सिंग होम भी सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ही चलाते हैं. जिस सनराइज हॉस्पिटल में आग की घटना हुई है वो सदर अस्पताल के चिकित्सक हैं. यहां से कुछ बच्चे को जिस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया वो भी सदर अस्पताल के चिकित्सक का है. जिला में ज्यादातर नर्सिंग हॉस्पिटल में सरकारी चिकित्सक ही सेवा देते हैं. ऐसी घटनाओं के बाद स्वास्थ्य महकमा के पदाधिकारी कहते हैं कि नए सिरे से प्राइवेट हॉस्पिटल की जांच करेंगे. जिसमें इनके पंजीकरण और सुरक्षा उपाय का निरीक्षण किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- रांची में लालू के ऊपर FIR होगा या नहीं सस्पेंस बरकरार, पुलिस का दावा- हो रही जांच


क्या था पूरा मामला

गुरूवार की सुबह करीब 5 बजे के आसपास सनराइज चाइल्ड हॉस्पिटल में अचानक से धुआं निकलने लगा और फिर पूरे अस्पताल में धुंआ भरने लगा था. देखते ही देखते मरीजों और नवजात बच्चों का दम घुटने लगी थी. आनन फानन में मेडिकल स्टाफ ने खिड़की तोड़ी और भर्ती मरीजों और बच्चों को बाहर निकाला गया और उन्हें एंबुलेंस की मदद से सदर अस्पताल भेजा गया. चाइल्ड हॉस्पिटल की वजह से इसमें ज्यादातर महिलाएं और नवजात बच्चे शामिल थे.

गोड्डा: जिला के एक निजी चाइल्ड नर्सिंग होम में गुरूवार को लगी आग के बाद अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा उपाय और मानकों पर सवाल उठने लगे. इसे लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि सभी निजी और सरकारी अस्पतालों की जांच की जाएगी.

इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि बेहतर सेवा की उम्मीद में लोग सरकारी की जगह निजी नर्सिंग होम में जाना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं ये निजी नर्सिंग होम भी सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ही चलाते हैं. जिस सनराइज हॉस्पिटल में आग की घटना हुई है वो सदर अस्पताल के चिकित्सक हैं. यहां से कुछ बच्चे को जिस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया वो भी सदर अस्पताल के चिकित्सक का है. जिला में ज्यादातर नर्सिंग हॉस्पिटल में सरकारी चिकित्सक ही सेवा देते हैं. ऐसी घटनाओं के बाद स्वास्थ्य महकमा के पदाधिकारी कहते हैं कि नए सिरे से प्राइवेट हॉस्पिटल की जांच करेंगे. जिसमें इनके पंजीकरण और सुरक्षा उपाय का निरीक्षण किया जाएगा.

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गुरूवार की सुबह करीब 5 बजे के आसपास सनराइज चाइल्ड हॉस्पिटल में अचानक से धुआं निकलने लगा और फिर पूरे अस्पताल में धुंआ भरने लगा था. देखते ही देखते मरीजों और नवजात बच्चों का दम घुटने लगी थी. आनन फानन में मेडिकल स्टाफ ने खिड़की तोड़ी और भर्ती मरीजों और बच्चों को बाहर निकाला गया और उन्हें एंबुलेंस की मदद से सदर अस्पताल भेजा गया. चाइल्ड हॉस्पिटल की वजह से इसमें ज्यादातर महिलाएं और नवजात बच्चे शामिल थे.

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