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गोड्डा प्रशासन की लापरवाही, बेकार हुआ जिले का एकमात्र खेल का मैदान

गोेड्डा में जिला मुख्यालय का गांधी मैदान पूरी तरह से जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण खराब हो गया. बता दें कि बारिश के कारण मैदान खेलने योग्य भी नहीं रहा है. वहीं, मैदान में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं.

negligence of the administration made the playground useless
प्रशासन की लापरवाही ने खेल के मैदान को किया बेकार
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Published : May 26, 2020, 12:51 PM IST

गोड्डा: जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल का मैदान प्रशासन की लापरवाही के कारण बदहाली की भेंट चढ़ गया. खेल संघों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रसाशन को खेल से कोई लेना देना नहीं है.

कोरोना को लेकर लॉकडाउन 4 जारी है. इसमें कुछ चीजों पर छूट दी गई है. इन छूट में खिलाड़ियों को मैदान में अभ्यास करने की इजाजत है. इस शर्त के साथ कि मैदान में दर्शकों की भीड़ नहीं हो. गोड्डा जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण जिला मुख्यालय के एकमात्र मैदान का हाल बुरा है. दरअसल प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बसों को मैदान में रखने और पिछले दिनों बारिश ने पूरे मैदान को खेलने योग्य नहीं रहने दिया. मैदान में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड में बिजली व्यवस्था सुधरी तो बढ़ेंगे उद्योग और रुकेगा पलायनः बाबूलाल मरांडी

बता दें कि नगर परिषद के जरिए मैदान के सौंदर्यीकरण के लिए 25 लाख रुपये का घास लगाया गया था, लेकिन पूरा मैदान फिलहाल जगह-जगह गड्ढे में तब्दील हो गया है और घास भी बर्बाद हो गए हैं. जिला मुख्यालय का गांधी मैदान एकमात्र खेल का मैदान है. इधर, खेल संघ के लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन को खेल से कोई लेना देना नहीं है. जबकि सामान्य वाहनों को रखने के कॉलेज मैदान और मेला मैदान समेत कई जगह खाली है..

गोड्डा: जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल का मैदान प्रशासन की लापरवाही के कारण बदहाली की भेंट चढ़ गया. खेल संघों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रसाशन को खेल से कोई लेना देना नहीं है.

कोरोना को लेकर लॉकडाउन 4 जारी है. इसमें कुछ चीजों पर छूट दी गई है. इन छूट में खिलाड़ियों को मैदान में अभ्यास करने की इजाजत है. इस शर्त के साथ कि मैदान में दर्शकों की भीड़ नहीं हो. गोड्डा जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण जिला मुख्यालय के एकमात्र मैदान का हाल बुरा है. दरअसल प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बसों को मैदान में रखने और पिछले दिनों बारिश ने पूरे मैदान को खेलने योग्य नहीं रहने दिया. मैदान में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं.

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बता दें कि नगर परिषद के जरिए मैदान के सौंदर्यीकरण के लिए 25 लाख रुपये का घास लगाया गया था, लेकिन पूरा मैदान फिलहाल जगह-जगह गड्ढे में तब्दील हो गया है और घास भी बर्बाद हो गए हैं. जिला मुख्यालय का गांधी मैदान एकमात्र खेल का मैदान है. इधर, खेल संघ के लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन को खेल से कोई लेना देना नहीं है. जबकि सामान्य वाहनों को रखने के कॉलेज मैदान और मेला मैदान समेत कई जगह खाली है..

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