गोड्डा: पोड़ैयाहाट विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने कहा कि जब तक उनके शरीर में खून की एक बूंद भी है, वह कांग्रेस के साथ रहेंगे और किसी भी कीमत पर सांप्रदायिक ताकत भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. दरअसल, सोशल मीडिया और एक अखबार में खबर थी कि प्रदीप यादव बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, इसी बीच बीजेपी विधायक रणधीर सिंह ने भी यह कहकर मामले को हवा दे दी थी कि प्रदीप यादव को बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए, पोड़ैयाहाट से उनकी टिकट पक्की है. जिसके बाद प्रदीप यादव ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ये लगाए जा रहे थे कयास: इस पूरे घटनाक्रम में एक समीकरण ये भी बताया गया कि मौजूदा गोड्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे भागलपुर से बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं, क्योंकि वे भागलपुर के वोटर हैं और भागलपुर की राजनीति में दखल भी रखते हैं. वर्तमान में भागलपुर के सांसद अजय मंडल हैं. जो जेडीयू पार्टी के सदस्य हैं. जैसा कि सभी को मालूम है कि बिहार में नीतीश कुमार के साथ बीजेपी का गठबंधन टूट गया है. ऐसे में बीजेपी बिहार के भागलपुर सीट से अपना उम्मीदवार उतारेगी. वहीं जेडीयू के अजय मंडल ने पूर्व राजद सांसद शैलेश उर्फ बुलो मंडल को हराया था.
वर्तमान में भी निशिकांत दुबे के अजय मंडल से करीबी रिश्ते हैं, उन्होंने चुनाव जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. सांसद निशिकांत दुबे भी कहते रहे हैं कि अजय मंडल उनके छोटे भाई जैसे हैं. हालांकि, राजनीति में ऐसी रिश्तेदारी संभव नहीं है. हालात बदलते रहते हैं. अब बीजेपी को भागलपुर में चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की जरूरत है क्योंकि पिछले कुछ चुनावों से यहां राजद या जेडीयू सत्ता में रही है. ऐसे में अगर निशिकांत दुबे बीजेपी के टिकट पर भागलपुर से चुनाव लड़ने जाते हैं तो प्रदीप यादव बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के पिछले कुछ दिनों को छोड़ दें तो यह सर्वविदित है कि उनकी जोड़ी की खूब चर्चा होती थी. एक समय बाबूलाल विधायक भी नहीं थे, सिर्फ प्रदीप यादव ही एकमात्र विधायक थे जो जेवीएम पार्टी चलाते थे. पार्टी के बाकी 6 विधायक जेवीएम से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. लेकिन फिलहाल सब कुछ अटकलों में है.
अटकलों के बाद प्रदीप यादव ने दिया जवाब: अटकलों की खबर के बाद प्रदीप यादव सामने आए हैं और उन्होंने कहा है कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक किसी भी कीमत पर भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जब भी बीजेपी को लगता है कि कोई उसे चुनौती दे सकता है तो वह कुछ बिकाऊ मीडिया और ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल करती है जिसमें उनकी पार्टी के भी कुछ लोग शामिल होते हैं.
इधर, गोड्डा लोकसभा से कांग्रेस के जिन प्रत्याशियों की चर्चा चल रही है उनमें महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के अलावा कुछ लोग विधायक बादल पत्रलेख की भी चर्चा कर रहे हैं. जहां तक बयानों की बात है तो बाबूलाल मरांडी के विरोधी आज भी उनके उस बयान की चर्चा करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कुतुबमीनार से कूदना चाहेंगे लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए और वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है.
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