गोड्डाः अपनी पार्टी और सरकार से नाराज बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं. आने वाले विधानसभा सत्र को लेकर वो अपनी सवालों का पुलिंदा तैयार कर रहे हैं. गोड्डा के ललमटिया में रैली निकालकर लोबिन हेंब्रम ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा.
गोड्डा में विधायक लोबिन हेंब्रम की रैली में सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक नजर आए. इस दौरान विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि हम आगामी विधानसभा सत्र मे सीएम हेमंत सोरेन से सवाल पूछेंगे कि आपने किससे पूछकर 300 बेड अस्पताल का एएमयू कर दिया और इसे महगामा में बनवा दिया. आपका विवेक खत्म हो गया है क्या ये किसी के निजी पैसे से नहीं बन रहा है, ये उनकी जमीन से निकलने वाले कोयला के पैसे से बन रहा है. साथ ही आम लोगों से कहा कि वो सरकार में कुछ भी कर लेता है आप भी पूछियेगा, हम ये बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं.
राजमहल सांसद को लोबिन की चुनौतीः ललमटिया के सिदो कान्हो चौक से निकली रैली में बड़ी संख्या में विधायक से समर्थक मौजूद रहे. उन्होंने झामुमो के राजमहल सांसद विजय हांसदा को भी चुनौती देते हुए कहा कि वो चुप क्यों हैं, आज तक इसके लिए कोई आवाज क्यों नही उठा रहा है, ये सीएम से मिलकर मनमानी कर रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि ये सब कुछ कांग्रेस के दवाब में लिया गया निर्णय है, इसमें महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह का हाथ है.
इस बार लोबिन ने नहीं लिया बीजेपी सांसद का नामः लेकिन दिलचस्प बात ये है इस दौरान हर बार की तरह एक बार भी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का नाम विधायक ने नहीं लिया. जबकि पूर्व में वो हमेशा कहते देखे जाते थे कि महगामा में 300 बेड अस्पताल ले जाने में गोड्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे का हाथ है.
लोबिन के तल्ख तेवरः पिछले कुछ दिनों से जेएमएम लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं. एक माह पूर्व जब सीएम हेमंत सोरेन खतियानी जोहार यात्रा पूरे झारखंड में कर रहे थे तो लोबिन हेंब्रम ने सीएम हेमंत सोरेन के गढ़ दुमका में झारखंड बचाओ रैली निकाल खुली चुनौती दी थी. अब अस्पताल के बहाने अपनी ही सरकार बरस रहे हैं. इससे पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर भी कई बड़े आरोप लोबिन हेंब्रम लगा चुके हैं.
लोबिन पर जेएमएम की चुप्पीः जहां झामुमो पार्टी की ओर से कोई लोबिन हेंब्रम के लगातार विरोध के बावजूद बयान नहीं आ रहे हैं. जाहिर है कि इसकी वजह अपनी ही पार्टी की फजीहत होगी. दूसरी ओर लोबिन के तेवर ऐसे जैसे वो खुद कह रहे हो मुझे निकाल दो पार्टी से नहीं तो हम तो बोलेंगे. लेकिन साथ ही वो गुरुजी शिबू सोरेन को अपना सब कुछ कहने से भी नहीं चूकते हैं. पिछले दिनों गुरुजी की पहल से लोबिन को मनाने के भी प्रयास हुए थे लेकिन फिर भी उनके तेवर तीखे ही होते चले गए.
राजनीतिक सरगर्मी तेजः सियासी हलकों में चर्चा तो ये भी है कि लोबिन भाजपा की ओर मुखातिब हो सकते हैं. उनकी जगह पुराने झामुमो के कद्दावर नेता व सांसद व विधायक रहे हेमलाल मुर्मू जो फिलहाल भाजपा में है, झामुमो में घर वापसी कर सकते हैं. जो आने वाले समय में लोबिन के विरुद्ध चुनावी अखाड़े में शामिल हो सकते हैं. खतियानी जोहार यात्रा के दौरान हेमलाल को झामुमो के मंच पर भी देखा गया था, हालांकि ये सब कुछ चर्चा में है, फिर राजनीति में सब कुछ संभव है.