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कोरोना इफेक्ट: जहां कभी दिन-रात बिकती थी शराब, ग्रामीणों ने लगाई NO ENTRY

गोड्डा के मेहरमा प्रखंड में कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. इस मोहल्ले के इंट्री पॉइंट पर लिखे पोस्टर में साफ लिखा है कि फिलहाल यहां आने पर रोक है, जान ले पहले जिंदगी फिर शराब.

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गांव में लगा पोस्टर
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Published : Mar 26, 2020, 8:13 AM IST

गोड्डा: जिले के मेहरमा का वो बदनाम मोहल्ला जहां लोग जाते भले अपने कदमों से थे, लेकिन लौटने के लिए उसे सहारा की जरूरत हो जाती थी. आज उसके प्रवेश द्वार पर साफ लिखा है बाहरी की नो एंट्री, शराब कोरोना खत्म होने के बाद. जान है तो जहान है.

देखें पूरी खबर

कोरोना का खौफ

बता दें कि गोड्डा के मेहरमा प्रखंड में कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. इस मोहल्ले के इंट्री पॉइंट पर लिखे पोस्टर में साफ लिखा है कि फिलहाल यहां आने पर रोक है, जान ले पहले जिंदगी फिर शराब. साथ ही लिख रखा है कोरोना वायरस को पहले भगाने दो, फिर शराब की बात सोचेंगे.

ये भी पढ़ें- कोविड-19: राज्य सरकार की मदद के लिए तीन युवा IAS आए आगे

प्रवेश द्वार पर पहरेदारी
ये बदलाव एक सुखद है. भले ही यहां नियमों को ताक पर रख शराब परोसे जाते रहे हों. इन्हें हटाये जाने के प्रयास हुए हों. तब भी इस मोहल्ले में शराब बिकने बंद नहीं हुए औए सालों साल मयखाने बेरोक टोक सजते रहे हैं. लेकिन जब बारी देश की आयी तो प्रधानमंत्री के आह्वान और कोरोना जैसी संक्रमित बीमारी से लड़ने के लिए गांव ने अपने पेशे से तौबा कर लिया. आज पूरी तरह न केवल शराब बंद है, बल्कि बाहरी का प्रवेश भी वर्जित है. गांव के प्रवेश द्वार पर एक चौकीदार पहरेदारी पर भी लगा दी गई है.

गोड्डा: जिले के मेहरमा का वो बदनाम मोहल्ला जहां लोग जाते भले अपने कदमों से थे, लेकिन लौटने के लिए उसे सहारा की जरूरत हो जाती थी. आज उसके प्रवेश द्वार पर साफ लिखा है बाहरी की नो एंट्री, शराब कोरोना खत्म होने के बाद. जान है तो जहान है.

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कोरोना का खौफ

बता दें कि गोड्डा के मेहरमा प्रखंड में कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. इस मोहल्ले के इंट्री पॉइंट पर लिखे पोस्टर में साफ लिखा है कि फिलहाल यहां आने पर रोक है, जान ले पहले जिंदगी फिर शराब. साथ ही लिख रखा है कोरोना वायरस को पहले भगाने दो, फिर शराब की बात सोचेंगे.

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प्रवेश द्वार पर पहरेदारी
ये बदलाव एक सुखद है. भले ही यहां नियमों को ताक पर रख शराब परोसे जाते रहे हों. इन्हें हटाये जाने के प्रयास हुए हों. तब भी इस मोहल्ले में शराब बिकने बंद नहीं हुए औए सालों साल मयखाने बेरोक टोक सजते रहे हैं. लेकिन जब बारी देश की आयी तो प्रधानमंत्री के आह्वान और कोरोना जैसी संक्रमित बीमारी से लड़ने के लिए गांव ने अपने पेशे से तौबा कर लिया. आज पूरी तरह न केवल शराब बंद है, बल्कि बाहरी का प्रवेश भी वर्जित है. गांव के प्रवेश द्वार पर एक चौकीदार पहरेदारी पर भी लगा दी गई है.

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