गिरिडीह: बिहार की सीमा से सटे गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना इलाके में दो दिन पहले हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन नक्सलियों में दो का शव उनके परिजनों ने बुधवार को ले लिया. हालांकि इस दौरान मृतक मानिकचन्द मुर्मू के परिजनों ने जांच की मांग भी की है. मृतक के भाई रामलखन मुर्मू बिहार के जमुई जिले के चकाई क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य हैं. इनका कहना है कि उसका भाई मानिकचन्द नक्सली हो ही नहीं सकता. रामलखन का कहना है उसका भाई सेना-पुलिस की बहाली की तैयारी करता था. ऐसे में वो नक्सल विचारधारा का कैसे हो सकता है.
उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल की रात को उसका भाई संथाली आर्केस्ट्रा देखने गिरिडीह के देवरी प्रखंड के बरजोडीह गया था. दूसरे दिन उसे पता चला कि पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में तीन लोगों की मौत हुई, जिसमें उसका भाई भी शामिल है. रामलखन का आरोप है कि भेलवाघाटी थाना पुलिस ने उसके भाई को मारा है. उसने कहा कि इस मामले की जांच पुलिस के आलाधिकारी करें और उन्हें न्याय दिलाएं.
गौरतलब है कि सोमवार सुबह भेलवाघाटी थाना इलाके के गुनियाथर के पास सीआरपीएफ, भेलवाघाटी पुलिस की मुठभेड़ नक्सलियों के साथ हो गई. सुबह 5 बजे से लगभग 8 बजे तक दोनों ओर से लगातार गोलीबारी चलती रही. इस गोलीबारी में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया. वहीं, तीन नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया. मारे गए नक्सलियों के पास से 1 एके 47 रायफल, कारतूस, पाइप बम, साहित्य, नक्सली पर्चा मिला था.
इसके बाद मारे गए नक्सलियों में से दो की पहचान बिहार के चकाई के बेहरा के मानिकचन्द और झरवाना के सुनील उर्फ प्रभात के तौर पर की गई. वहीं, तीसरे की आधिकारिक पहचान नहीं हो सकी है. हालांकि कहा जा रहा है कि तीसरा नक्सली कुख्यात विजय उर्फ संजय है. विजय एक दशक से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से जुड़ा हुआ है. अभी इस इलाके की कमान संभाले जोनल कमिटी मेम्बर और 10 लाख के इनामी नक्सली सिधो कोड़ा के दस्ते का सबसे खास सदस्य है.