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बगोदर में आयुष्मान भवः मेला में नहीं पहुंचे ग्रामीण, बगैर उद्घाटन किए लौटे विधायक प्रतिनिधि और प्रखंड प्रमुख

गिरिडीह के बगोदर में लगाए गए आयुष्मान भवः मेला में ग्रामीणों की भीड़ नहीं पहुंची. मेला का उद्घाटन करने पहुंचे विधायक प्रतिनिधि और प्रखंड प्रमुख अव्यवस्था से नाराज होकर बिना उद्घाटन किए ही वापस लौट गए.

Ayushman Bhava fair
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 25, 2023, 8:15 PM IST

आयुष्मान भवः मेला में नहीं पहुंचे ग्रामीण

गिरिडीह: केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भवः को लेकर सोमवार को बगोदर में मेला लगाया गया. मेला का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक करना और ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाना था. मगर, ये हो नहीं पाया. इसका कारण राजकीय छुट्टी के दिन मेला का आयोजन माना जा रहा है. क्योंकि मेले में लोगों की जिस भीड़ की उम्मीद की जा रही थी, वह पहुंची ही नहीं.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक देशभर में चलेगा आयुष्मान भवः कार्यक्रम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन किया उद्घाटन

दरअसल, झारखंड में सोमवार को प्राकृतिक पर्व करमा पूजा के अवसर पर राजकीय छुट्टी घोषित की गई थी. इस कारण लोगों की भीड़ नहीं पहुंच पाई. लोगों के ना पहुंचने का दूसरा कारण प्रचार-प्रसार की कमी भी बताई जा रही है. एस कारण ना लोग मेला में पहुंचे ना ही योजना के बारे में जानकारी ले सके. ऐसे में आयुष्मान भवः का लाभ ग्रामीणों को कैसे मिल पाएगा, यह सवाल अभी से ही उठने लगा है.

प्रतिनिधियों ने जताया विरोध: स्वास्थ्य विभाग के इस कारनामे पर प्रतिनिधियों ने विरोध जताया है. साथ ही फिर से कार्यक्रम आयोजित किए जाने की मांग की है. हालांकि बगोदर स्वास्थ्य विभाग ने राजकीय अवकाश के दिन कार्यक्रम ना हो, इसके लिए सीएस से अनुरोध भी किया था. मगर पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के कारण राजकीय अवकाश के दिन ही कार्यक्रम करना पड़ा. आयुष्मान भवः मेला को लेकर बगोदर सीएचसी परिसर में कई तरह के स्टॉल लगाए गए थे. उन स्टॉलों में ग्रामीणों की भीड़ के बजाए सरकारी कर्मियों की ही भीड़ नजर आई.

विधायक प्रतिनिधि संदीप जायसवाल मेला का उद्घाटन करने पहुंचे थे. मगर वहां की अव्यवस्था को देख वे दंग रह गए और राजकीय अवकाश के दिन बगैर प्रचार-प्रसार के मेला लगाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए बगैर उद्घाटन किए वापस लौट गए. उन्होंने फिर से प्रचार-प्रसार कर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि खानापूर्ति के ख्याल से कार्यक्रम आयोजित होने पर विरोध तो होगा ही.

प्रखंड प्रमुख भी नाराज होकर लौटीं: प्रखंड प्रमुख आशा राज भी उद्घाटन के लिए पहुंची हुई थी. मगर, ग्रामीणों की उपस्थिति ना देखकर नाराजगी जताई और बगैर उद्घाटन किए वापस लौट गईं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इस योजना का लाभ देने के उद्देश्य से आयुष्मान भवः मेला लगाया गया था, लेकिन ग्रामीण थे ही नहीं. ऐसे में मैंने आपत्ति दर्ज कराते हुए उद्घाटन नहीं की. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ था, उसमें भी अव्यवस्था का आलम था. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धीरज कुमार ने कहा कि ऊपरी स्तर से आयुष्मान भवः को लेकर मेला लगाने का आदेश थे. इसलिए राजकीय छुट्टी के दिन मेला लगाया गया.

आयुष्मान भवः मेला में नहीं पहुंचे ग्रामीण

गिरिडीह: केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भवः को लेकर सोमवार को बगोदर में मेला लगाया गया. मेला का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक करना और ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाना था. मगर, ये हो नहीं पाया. इसका कारण राजकीय छुट्टी के दिन मेला का आयोजन माना जा रहा है. क्योंकि मेले में लोगों की जिस भीड़ की उम्मीद की जा रही थी, वह पहुंची ही नहीं.

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दरअसल, झारखंड में सोमवार को प्राकृतिक पर्व करमा पूजा के अवसर पर राजकीय छुट्टी घोषित की गई थी. इस कारण लोगों की भीड़ नहीं पहुंच पाई. लोगों के ना पहुंचने का दूसरा कारण प्रचार-प्रसार की कमी भी बताई जा रही है. एस कारण ना लोग मेला में पहुंचे ना ही योजना के बारे में जानकारी ले सके. ऐसे में आयुष्मान भवः का लाभ ग्रामीणों को कैसे मिल पाएगा, यह सवाल अभी से ही उठने लगा है.

प्रतिनिधियों ने जताया विरोध: स्वास्थ्य विभाग के इस कारनामे पर प्रतिनिधियों ने विरोध जताया है. साथ ही फिर से कार्यक्रम आयोजित किए जाने की मांग की है. हालांकि बगोदर स्वास्थ्य विभाग ने राजकीय अवकाश के दिन कार्यक्रम ना हो, इसके लिए सीएस से अनुरोध भी किया था. मगर पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के कारण राजकीय अवकाश के दिन ही कार्यक्रम करना पड़ा. आयुष्मान भवः मेला को लेकर बगोदर सीएचसी परिसर में कई तरह के स्टॉल लगाए गए थे. उन स्टॉलों में ग्रामीणों की भीड़ के बजाए सरकारी कर्मियों की ही भीड़ नजर आई.

विधायक प्रतिनिधि संदीप जायसवाल मेला का उद्घाटन करने पहुंचे थे. मगर वहां की अव्यवस्था को देख वे दंग रह गए और राजकीय अवकाश के दिन बगैर प्रचार-प्रसार के मेला लगाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए बगैर उद्घाटन किए वापस लौट गए. उन्होंने फिर से प्रचार-प्रसार कर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि खानापूर्ति के ख्याल से कार्यक्रम आयोजित होने पर विरोध तो होगा ही.

प्रखंड प्रमुख भी नाराज होकर लौटीं: प्रखंड प्रमुख आशा राज भी उद्घाटन के लिए पहुंची हुई थी. मगर, ग्रामीणों की उपस्थिति ना देखकर नाराजगी जताई और बगैर उद्घाटन किए वापस लौट गईं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इस योजना का लाभ देने के उद्देश्य से आयुष्मान भवः मेला लगाया गया था, लेकिन ग्रामीण थे ही नहीं. ऐसे में मैंने आपत्ति दर्ज कराते हुए उद्घाटन नहीं की. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ था, उसमें भी अव्यवस्था का आलम था. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धीरज कुमार ने कहा कि ऊपरी स्तर से आयुष्मान भवः को लेकर मेला लगाने का आदेश थे. इसलिए राजकीय छुट्टी के दिन मेला लगाया गया.

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